कैश मेमोरी (Cache Memory) क्या है? – What is Cache Memory in Hindi
Cache Memory Kya Hai?
कैश मेमोरी क्या है? – What is Cache Memory in Hindi…
Cache memory, एक अत्यधिक तीव्र गति की, कम संग्रहण क्षमता वाली अस्थायी मेमोरी है। जिसको CPU एवं main memory (RAM) के मध्य लगाया जाता है।
जिसका प्रयोग प्रोसेसिंग के दौरान, बार-बार उपयोग में आने वाले डेटा व निर्देशों को, अस्थायी तौर पर load करने के लिए किया जाता है।
यह RAM की तरह ही एक अस्थायी (temporary) मेमोरी है, जिसमें डेटा केवल प्रोसेसिंग के समय ही load या store होते हैं। और प्रोसेसिंग का कार्य पूरा होने पर, अथवा विद्युत सप्लाई बन्द होने पर, या प्रोग्राम या फाइल को बन्द करने पर जिसका प्रयोग प्रोसेसिंग में हो रहा है, कैश मेमोरी पूर्णत: खाली हो जाती है।
अत: कैश मेमोरी को वोलेटाइल मेमोरी (Volatile memory) भी कहा जाता है।
Computer की कैश मेमोरी भी, प्रायमरी मेमोरी (RAM) व सेकेण्ड्री मेमोरी की तरह ही, एक हार्डवेयर डिवाइस है।
कैश मेमोरी की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
CPU (Central Processing Unit) की गति किसी भी data को process करने के लिए, अत्यधिक तीव्र होती है। अब चूँकि CPU तो तीव्र गति से कार्य करके users को output प्रदान कर देता है, पर इसके लिए उसे, किसी भी प्रोग्राम के processing के दौरान, उतने ही तेज गति से, आवश्यक डेटा व निर्देश की भी मिलने चाहिए, तभी तो CPU की पूर्ण क्षमता का उपयोग हो पायेगा।
प्रोसेसिंग के दौरान, उपयोग होने वाले डेटा व निर्देश तो मेन मेमोरी (RAM) में होते है। पर रैम की, डेटा read व write करने की गति, CPU की data को प्रोसेस करने की गति से 5 से 10 गुना कम होती है। जिसके कारण मेन मेमोरी (RAM), CPU की गति के अनुसार data को उपलब्ध नही करवा पाती है।
इस समस्या को दूर करने के लिए, CPU व main memory (RAM) के बीच एक तीव्र गति (जिसकी गति लगभग CPU के बराबर ही होती है) एवं कम संग्रहण क्षमता (storage capacity) वाली एक मेमोरी लगाई जाती है, जिसे कैश मेमोरी कहते हैं।
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कैश मेमोरी का Access Time, मेन मेमोरी (RAM) से 5 से 10 गुना कम होता है। अर्थात कैश मेमोरी की गति, main memory (RAM) की अपेक्षा, 5 से 10 गुना ज्यादा होती है, यही कारण है कि CPU इसे तीव्र गति से access करने में सक्षम होता है।
Cache memory में store हुए data को, CPU द्वारा access करने की गति, लगभग CPU की प्रोसेसिंग गति के ही बराबर होती है। जिससे सीपीयू की पूरी क्षमता का उपयोग हो पाता है और उपयोगकर्ता को शीघ्र ही आउटपुट प्राप्त हो जाता है।
इस प्रकार कैश मेमोरी, जो कि CPU व main memory (RAM) के बीच लगाई जाती, एक तीव्र गति वाले बफर (buffer) के रूप में कार्य करती है, जिसमें प्रोसेसिंग के दौरान, प्रोसेसिंग में प्रयोग होने वाले डेटा व निर्देश अस्थायी रूप से load होते है।
इन डेटा व निर्देर्शों को CPU तीव्र गति से access करके अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रोसेसिंग के कार्य को सम्पन्न कर देता है।
और प्रोसेसिंग का कार्य सम्पन्न होने के उपरान्त कैश पुन: खाली कर दी जाती है।
कैश मेमोरी की बिशेषताऍं या गुण | Characteristics of Cache memory in Hindi
Features of Cache memory in Hindi
- Cache memory की मुख्य बिशेषता यह है कि इसका access time तीव्र होता है।
- यह एक अस्थायी (temporary) मेमोरी है।
- Computer के बन्द होने पर, फाइल या प्रोग्राम जिनकी प्रोसेसिंग चल रही है, उनके बन्द होने पर अथवा power supply न मिलने पर, इसमें load हुए डेटा नष्ट हो जाते है। अर्थात यह एक volatile memory है।
- आकार में सीमित, पर गति में अत्यधिक तीव्र व कीमत में महँगी होती है।
- मल्टीलेवल जैसे कि (L-1, L-2, L-3….) में उपलब्ध होती है।
- कैश मेमोरी कंप्यूटर में CPU तथा मेन मेमोरी (रैम) के मध्य स्थान रखती है।
- यह CPU तथा मेन मेमोरी के बीच, एक तेज गति वाले बफर की तरह कार्य करती है।
- Cache memory का access time, मेन मेमोरी (RAM) से 5 से 10 गुना कम होता है। अर्थात कैश मेमोरी की गति प्रयामरी मेमोरी (RAM) से 5 से 10 गुना अधिक होती है।
- इसकी गति, लगभग सी.पी.यू. के प्रोसेस करने की गति के, बराबर होती है।
कैश मेमोरी के प्रकार | Types of Cache memory
अथवा
कैश मेमोरी के स्तर या लेवल्स | Levels of Cache memory
कैश मेमोरी निम्न प्रकार की होती हैं-
- L-1 कैश (एल वन कैश) – Level-1 Cache
- L-2 कैश (एल टू कैश) – Level-2 Cache
- L-3 कैश (एल थ्री कैश) – Level-3 Cache
L-1 कैश (एल वन कैश) – Level-1 Cache
यह कैश मेमोरी कम्प्यूटर की मुख्य कैश मेमोरी होती है। जिसे प्रायमरी कैश मेमोरी या मेन कैश मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है। जो कि CPU चिप में ही fix रहती है। इसी वजह से इस कैश मेमोरी को on board cache memory भी कहा जाता है।
यह कम्प्यूटर की आन्तरिक कैश मेमोरी (Internal Cache Memory) होती है।
Computer में L1 cache memory की storage capacity (संग्रहण क्षमता) बहुत कम होती है अर्थात इनकी size कम होती है, पर इनकी गति बहुत तेज होती है।
प्रोसेसिंग के लिए व प्रोसेसिंग के दौरान, CPU द्वारा, data व निर्देश, सर्वप्रथम इसी कैश, यानी कि Level-1 में ही खोजे जाते हैं।
इस कैश मेमोरी की साइज लगभग 2 KB से 128 KB तक होती है।
L-2 कैश (एल टू कैश) – Level-2 Cache
यह कैश मेमोरी Secondary cache memory (द्वितीयक कैश मेमोरी), सहायक कैश मेमोरी अथवा एक्सटरनल कैश मेमोरी के नाम से भी जाती है।
इनका निर्माण CPU चिप में न करके, एक अलग ही चिप में किया जाता है। पर तब भी गति प्रायमरी मेमोरी (RAM) की अपेक्षा बहुत तीव्र होती है।
यदि CPU द्वारा चाहा गया शब्द, डेटा या निर्देश L1 cache में नही मिलते, तो L2 cache में खोजा जाता है।
इस कैश मेमोरी का आकार L-1 cache memory की अपेक्षा ज्यादा होता है। परन्तु इसकी गति L1 cache की तुलना में कम होती है।
इसका साइज लगभग 128 KB से 1 MB तक होता है।
Level-1 कैश मेमोरी ही, केवल इन्टरनल कैश मेमोरी होती है बाकी सभी लेवल्स की कैश मेमोरी, एक्सटरनल कैश मेमोरी कहलाती हैं।
L-3 कैश (एल थ्री कैश) – Level-3 Cache
यह कैश मेमोरी तीसरे स्तर की कैश मेमोरी होती है।
यदि CPU द्वारा चाहा गया डेटा L1 व L2 कैश में नही मिलता है, तो इस cache memory को जॉंचा जाता है। डेटा मिलने पर CPU उन्हें access करके processing में प्रयोग कर लेता है। अन्यथा डेटा न मिलने पर अगले levels की कैश मेमोरी की जॉंच की जाती है। यदि डेटा मिल गया तो processing में प्रयोग कर लिया जाता है। और यदि चाहा गया डेटा, कैश मेमोरी के किसी भी levels से प्राप्त नहीं होता, तो फिर प्रायमरी मेमोरी RAM में खोजा जाता है।
लेवल-3 कैश मेमोरी की साइज अर्थात संग्रहण क्षमता, L1 व L2 कैश मेमोरी की अपेक्षा ज्यादा होती है। पर इसकी गति इन दोनो लेवल से कम होती है। पर फिर भी इसकी गति प्रायमरी मेमोरी से काफी तीव्र होती है।
L-3 कैश की साइज लगभग 1 MB से 8 MB तक होती है।
ज्यादातर कम्प्यूटर्स में केवल L1 (Level-1), L2 (Level-2) तथा L3 (Level-3) तक ही कैश मेमोरी होती है। पर कुछ विशेष कम्प्यूटर्स में Level-4 तक भी हो सकती है।
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कैश मेमोरी का आकार | Size of Cache memory
इसकी कीमत ज्यादा होती है, इसी कारण इनको काफी छोटे size में प्रयोग किया जाता है। पर इनका छोटा साइज ही, CPU की पूरी क्षमता का पूर्णत: उपयोग लेने में सक्षम होता है। इनका आकार लगभग 2 KB से लेकर 8 MB तक होता है।
Levels of Cache memory |
Size |
L-1 | 2 KB – 128 KB |
L-2 | 128 KB – 1MB |
L-3 | 1MB – 8MB |
कैश मेमोरी की कार्य प्रणाली | Working system of Cache memory
Cache memory की कार्य प्रणाली को निम्न steps के माध्यम से समझाया जा रहा है-
- प्रोसेसिंग के दौरान data व निदेशों की जरूरत पड़ने पर CPU सबसे पहले कैश मेमोरी में उन्हें खोजता है। यदि कैश मेमोरी में data उपलब्ध है तो तुरंत ही CPU को प्रदान कर दिया जाता है।
- लकिन यदि चाहा गया data, कैश मेमोरी में उपलब्ध नही है, तो CPU उनके लिए main memory (RAM) में देखता है, यदि data वहॉं उपलब्ध है तो, उस data या शब्द के पूरे ब्लाक को ही कैश मेमोरी में लोड कर दिया जाता है। जहॉं से डेटा या किसी विशेष शब्द को CPU, तीव्र गति से ग्रहण (access) कर लेता है।
लोकेलिटी ऑफ रेफरेंस सिद्धांत | Locality of Reference Theory
इस सिद्धांत के अनुसार, वर्तमान समय में जिन डेटा व निर्देशों का execution (क्रियान्वयन) CPU में हो रहा है, वह मेन मेमोरी (रैम) के जिस ब्लॉक में संग्रहित होता है, उस पूरे ब्लॉक को ही, मेन मेमोरी से कैश मेमोरी में भेज दिया जाता है।
ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि, ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि, जिन शब्दों, डेटा या निर्देशों का उपयोग, सीपीयू प्रोसेसिंग में कर रहा है, हो सकता है कि इनसे संबंधित डेटा व निर्देश की जरूरत सीपीयू को दोबारा पड़े, प्रोसेसिंग के कार्य को पूरा करने के लिए।
और मेन मेमोरी के एक ब्लॉक में, एक दूसरे से संबंधित ही, डेटा व निर्देश होते हैं, इसलिए पूरे ब्लॉक को ही मेन मेमोरी से कैश मेमोरी में ट्रांसफर कर दिया जाता है, ताकि सीपीयू जरूरत के डेटा व निदेर्शों को, तीव्र गति से एक्सेस करके प्रोसेसिंग के कार्य को संपन्न कर सके।
अगर संक्षेप में कहें तो,- वर्तमान समय में चल रही प्रोसेसिंग से संबंधित, डेटा व निर्देशों का एक पूरा ब्लॉक ही मेन मेमोरी से, Cache memory में ट्रांसफर या कॉपी कर दिया जाता है, ताकि जरूरत होने पर संबंधित डेटा व निर्देशों को CPU, कैश मेमोरी से तीव्र गति से एक्सेस कर, प्रोसेसिंग के कार्य को संपन्न कर दे। यही सिद्धान्त लोकेलिटी ऑफ रेफरेंस का सिद्धांत कहलाता है।
हिट रेशियो (Hit Ratio) क्या है? | What is Hit Ratio in Hindi
कैश मेमोरी की efficiency (दक्षता) को नापने के लिए, एक रेशियो (Ratio-अनुपात) का प्रयोग किया जाता है, जिसे हिट अनुपात या हिट रेशियो कहते हैं।
प्रोसेसिंग के दौरान CPU, जब किसी शब्द या डेटा की मॉंग करता है, और वह शब्द या डेटा, कैश मेमोरी में मिल जाता है, तो इसे हिट (Hit) कहा जाता है।
परन्तु यदि वह शब्द या डेटा, कैश मेमोरी में नही मिलता है, और प्रायमरी मेमोरी (रैम) से प्राप्त होता है, तो इस घटना को मिस (Miss) कहते हैं।
जहॉं Total memory reference = Total Hits + Total Misses
और Total memory reference = CPU द्वारा मॉंगे गए कुल शब्दों की संख्या।
Total Hits = CPU द्वारा मॉंगे गए कुल शब्दों की संख्या, जो कैश मेमोरी से प्राप्त हुए हैं।
Total Misses = CPU द्वारा मॉंगे गए कुल शब्दों की संख्या, जो कैश मेमोरी से प्राप्त न होकर, मेन मेमोरी से प्राप्त हुए हैं।
कैश मेमोरी के लाभ एवं हानि
Advantages and Disadvantages of Cache memory
Pros and Cons of Cache memory
कैश मेमोरी के लाभ | Advantages of Cache memory
- अत्यधिक तीव्र गति प्रदान करती है।
- सी.पी.यू. की पूर्ण क्षमता का उपयोग संभव।
- Multi Levels की सुविधा।
- सी.पी.यू. द्वारा तीव्र गति से access संभव।
- समय की बचत।
- CPU द्वारा चाहे गए डेटा तुरन्त उपलब्ध।
- यह Computer की speed को boost कर देती है।
कैश मेमोरी के हानि | Disadvantages of Cache memory
- सीमित संग्रहण क्षमता।
- कीमत ज्यादा होती है।
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Sir ji apka post achhi hai, shukriya bhai aapne itne siddat se aise topics par likhe ka kam kiya hai wo kabile tarife hai