4th GL क्या है – What is 4th GL in Hindi

4Th Generation Language से तात्पर्य ऐसी भाषा से है, जिसको सीखना, समझना व प्रयोग करना बहुत ही सरल है। जहां तीसरी पीढ़ी की उच्च स्तरीय भाषा में केवल टेक्स्ट के माध्यम से कार्य करने के लिए टेक्स्चुअल वातावरण उपलब्ध होता है, और प्रोग्राम लिखने के लिए बहुत सारे सोर्स कोड लिखने पड़ते हैं, वहीं चौथी पीढ़ी की भाषा (4Th GL), टेक्स्चुअल वातावरण के साथ ग्राफिकल वातावरण (interface) भी प्रदान करती है। जिसमें ग्राफिकल एलिमेंट्स (menus, textboxes, toolbars, radio buttons, check boxes, buttons आदि) को माउस द्वारा ड्रैग एंड ड्रॉप करके सीधे ही, प्रोग्राम निर्माण की प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।

उच्च-स्तरीय भाषा क्या है इसके प्रकार, गुण व दोष – What is High-Level Language in Hindi

उच्च स्तरीय भाषा, वे कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है जिसमें निर्देश एवं प्रोग्राम, अंग्रेजी के अक्षर, संख्याओं एवं चिन्हों का उपयोग कर लिखे जाते हैं। अर्थात हाई लेवल लैंग्वेज, हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली भाषा के समान है जिसकी वजह से इन्हें सीखना और इनकी मदद से प्रोग्राम बनाना सरल है।

निम्न-स्तरीय भाषा क्या है इसके प्रकार, गुण व दोष – What is Low-Level Language in Hindi

Low-Level Language, वे कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होती है, जो कम्प्यूटर हार्डवेयर से ज्यादा निकटता से संबंधित होती हैं।
अर्थात जिस भाषा में कम्प्यूटर के हार्डवेयर (प्रोसेसर आदि) निर्देशों को ग्रहण करते हैं ,उस भाषा में और लो-लेवल लैंग्वेज में बहुत कम या एक भी भिन्नता नहीं होती है, इसीलिए लो-लेवल लैंग्वेज, बड़ी ही निकटता से कम्प्यूटर हार्डवेयर से संबंधित होती है।

प्रोग्रामिंग भाषा क्या है एवं इसके प्रकार – Programming Languages

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज – प्रोग्राम को लिखने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है वह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहलाती है।
प्रत्येक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अपने कुछ विशिष्ट नियम व सिंटेक्स होते हैं, और प्रोग्रामर को प्रोग्राम लिखते समय इनका कड़ाई से पालन करना आवश्यक होता है।
इन भाषाओं के द्वारा लिखे गए निर्देशों के समूह (प्रोग्राम) को कम्प्यूटर समझ लेता है और उसके अनुसार कार्य करता है।
कम्प्यूटर से अलग-अलग प्रकार के कार्यों को करवाने के लिए, अलग-अलग प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषाओं को विकसित किया गया है।

उच्च स्तरीय भाषा एवं निम्न स्तरीय भाषा में अन्तर – Difference between High Level Language and Low Level Language

हाई लेवल लैंग्वेज, अल्फान्यूमैरिक कैरक्टर्स एवं स्पेशल कैरक्टर्स से मिलकर बनी होती है। जबकि लो लेवल लैंग्वेज, बाइनरी कोड (0 व 1) से अथवा निमोनिक कोड (symbols) से मिलकर बनी होती है।
डेटा एब्स्ट्रैक्शन के अंतर्गत हाई लेवल लैंग्वेज में, वेरिएबल, फंक्शन, क्लास, ऑब्जेक्ट, एल्गोरिदम आदि पर कार्य किया जाता है। जबकि लो लेवल लैंग्वेज, हार्डवेयर स्पेसिफिक होती है, प्रत्येक कंप्यूटर (CPU) को ध्यान में रखकर प्रोग्रामिंग की जाती है।

डोमेन नेम क्या है, इसके प्रकार एवं उदाहरण – What is Domain Name

Domain name kya hai in Hindi

वेबसाइट को बनाने के लिए उसे एक नाम देना होता है। वेबसाइट का नाम ही डोमेन नेम होता है और यही नाम, हमारी वेबसाइट का पता बन जाता है जिसे हम या कोई भी यूजर ब्राउज़र में टाइप करके वेबसाइट तक पहुँच सकते हैं।

Windows OS क्या है – What is Windows OS

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा विकसित किया गया एक closed source एवं GUI (Graphical User Interface) वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है।
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स और पॉल एलन (Bill Gates और Paul Allen) हैं।
Microsoft Corporation की website का URL – microsoft.com
20 नवंबर 1985 में माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला संस्करण Windows 1.0 लॉन्च किया, जोकि PC (पर्सनल कंप्यूटर) के लिए था।

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