Input Device क्या है? इसके प्रकार व कार्य

कम्प्यूटर में काम करने के लिए हमें, दो तरह के डिवाइसेज की जरूरत होती है, पहली इनपुट डिवाइस व दूसरी आउटपुट डिवाइस। Input Device के द्वारा डेटा व निर्देश कम्प्यूटर में डाले जाते हैं, जबकि आउटपुट डिवाइस के द्वारा हम कम्प्यूटर द्वारा, कर चुके कार्यों के, रिजल्ट या परिणाम को देख सकते हैं, स्टोर कर सकते हैं, या प्रिंट करके प्राप्त कर सकते हैं।

ये दोनों प्रकार की डिवाइसेज कम्प्यूटर की पेरीफेरल डिवाइसेज कहलातीं हैं, साथ ही ये हार्डवेयर डिवाइसेज भी हैं।

इस आर्टिकल – Input Device क्या है – के जरिए हम कम्प्यूटर के इनपुट डिवाइस के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे..

 

Input Device Kya hai Hindi

Input Device Kya Hai | Input Device की परिभाषा व प्रकार

इनपुट डिवाइस (Input Device) /  इनपुट उपकरण या इनपुट यूनिट (Input Unit)

परिभाषा

इनपुट डिवाइसेस, वे हार्डवेयर डिवाइसेस होतीं हैं, जिनका प्रयोग कम्प्यूटर में डेटा इनपुट करने व निर्देशों (instruction) को प्रदान करने  के लिए किया जाता है।

अर्थात् इन डिवाइसेस की मदद से डेटा, शब्द या निर्देश कम्प्यूटर की मेमोरी में डाले जाते हैं।


इनपुट डिवाइस (Input Device) के कार्य

  • ये users के द्वारा दिये जाने वाले डेटा व निर्देशों को ग्रहण करते हैं।
  • इन ग्रहण किये गये डेटा व निर्देशों को कम्प्यूटर द्वारा समझी जाने वाली भाषा (बाइनरी भाषा) में बदलते हैं, ताकि प्रदान किये गये डेटा व निर्देशों के अनुरूप, हमारा कम्प्यूटर कार्य कर सके।
  • बाइनरी भाषा में कन्वर्ट किये हुए डेटा व निर्देशों को कम्प्यूटर सिस्टम (सीपीयू) को प्रदान करना, प्रोसेसिंग के लिए।

अगर संक्षेप में कहें तो इनपुट डिवाइसेस वे डिवासेस होती हैं, जिनका प्रयोग करके डेटा व निर्देश आदि कम्प्यूटर को प्रदान किये जाते हैं।


इनपुट डिवाइस के प्रकार | Types of Input Device in Hindi

आवश्यकता के आधार पर Computer के Input Device को दो भागों में बॉंटा जा सकता है-

  • प्राथमिक इनपुट डिवाइस (Primary Input Device)
  • द्वितीयक इनपुट डिवाइस (Secondary Input Device)

मुख्य या प्राथमिक इनपुट डिवाइसेज (Main or Primary input devices)

यह कम्प्यूटर की मुख्य या प्राथमिक इनपुट डिवाइसेज (Main or Primary input devices) होतीं हैं, इनके प्रयोग के बिना, हम कम्प्यूटर को सरलता से नहीं चला सकते या उसे ऑपरेट ही नहीं कर सकते। जैसे की-बोर्ड, माउस।

चूँकि एक कम्प्यूटर सिस्टम मूलत: Monitor, CPU, KeyboardMouse से मिलकर बना होता है, यदि कीबोर्ड और माउस जैसे इनपुट उपकरण नहीं रहेंगे, तो कम्प्यूटर का संचालन संभव ही नहीं है। इसी कारण इसको प्राथमिक या मुख्य इनपुट डिवाइस कहा जाता है।

द्वितीयक इनपुट डिवाइसेज (Secondary Input devices)

ये वे इनपुट डिवाइस होती हैं, जिनके बिना कम्प्यूटर को संचालित (operate) तो किया जा सकता है, पर यदि हम अपनी जरूरत के आधार पर, एक विशेष प्रकार के डेटा को enter या input करना चाहते हैं, तो इनका प्रयोग अनिवार्य हो जाता है। जैसे- Scanner, Light Pen, Trackball, Microphone, Joy-Stick, Card Reader आदि।


Input Devices in Hindi | इनपुट डिवाइसेस हिन्दी में

प्रश्न – इनपुट डिवाइसेस कौन कौन सी है? विभिन्न प्रकार के इनपुट डिवाइसेस के नाम लिखें व उनको समझाएं?

उत्तर –  प्रमुख इनपुट डिवाइसेस निम्नलिखित हैं-

  • की-बोर्ड (Keyboard)
  • माउस (Mouse)
  • ट्रैकबॉल (Trackball)
  • जॉयस्टिक (Joystick)
  • स्कैनर (Scanner)
  • माइक्रोफोन (Microphone)
  • वेब कैम (Webcam)
  • लाइट पेन (Light Pen)
  • टच स्क्रीन (Touch Screen)
  • एमआइसीआर (MICR)
  • ओसीआर (OCR)
  • ओएमआर (OMR)
  • बीसीआर (BCR)
  • क्यूआर कोड रीडर (QR Code Reader)
  • बायोमेट्रिक सेंसर (Biometric Sensor)
  • कार्ड रीडर (Card Reader)
    1. स्मार्ट कार्ड रीडर
    2. मेमोरी कार्ड रीडर
    3. पंच कार्ड रीडर
    4. किमबॉल टैग रीडर
  • डिजिटल कैमरा (Digital Camera)
  • वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम (Voice Recognition System) / स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम (Speech Recognition System)
  • डिजिटाइजिंग टैबलेट (Digitizing tablet) / ग्राफिक्स टैबलेट (Tablet)

कीबोर्ड (Keyboard)

Keyboard, कम्प्यूटर के लिए एक मुख्य इनपुट डिवाइस है। इसकी मदद से बड़ी ही आसानी से टेक्स्ट, न्यूमेरिकल डेटा व स्पेशल सिम्बल, कम्प्यूटर में टायपिंग के माध्यम से, इनपुट कर सकते हैं। यह हमें टाइपिंग के द्वारा इनपुट करने में सक्षम बनाता है।

यह एक CUI (Character User Interface) यूजर फ्रैन्डली इनपुट डिवाइस है।

इसका अविष्कार क्रिस्टोफर लैथम शोल्स (Christopher Latham Sholes)  ने किया था ,जो एक अमरीकी हैं। और इन्होंने क्वार्टी (QWERTY) लेआउट वाले कीबोर्ड का निर्माण किया था, जो कि आज भी काफी प्रचलित है, और जिसका हम सब उपयोग करते हैं।

बटनों (Keys) की संख्या-  पुराने कीबोर्डों में 84 बटनें होती थीं। लेकिन वर्तमान समय के कीबोर्डों में लगभग् 100 से 110 तक होती हैं।

Input Device क्या है और इसके प्रकार व कार्य

Keyboard के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए, जैसे कि इसकी परिभाषा , कार्य,  इसके प्रकार, ले आउट, बटनों के प्रकार व उनका पूरा उपयोग जानने के लिए यहॉं क्लिक करें…


माउस (Mouse)

माउस (Mouse)- माउस किसी भी कम्प्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है।

यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है , जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद से, बड़ी ही आसानी से, इनपुट देने के लिए किया जाता है।

Pointer का प्रयोग होने के कारण, इसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं

Input Devices

माउस के सर्वप्रथम आविष्कारक-

डगलस सी इंजेल्वर्ट (Douglas Carl Engelbart) हैं।

माउस के बारे में पूरी जानकारी जैसेकि माउस की परिभाषा, इसके प्रकार, बटनों की संख्या, उनका पूरा उपयोग आदि जानने के लिए यहॉं क्लिक करें..


ट्रैकबाल (Trackball)

Trackball – यह भी एक प्वाइंटिग इनपुट डिवाइस है, जो लगभग माउस के जैसे ही कार्य करती है, पर इसकी बनावट माउस से भिन्न होती है। इसमें एक उभरी हुई बॉल (गेंद) लगी होती है, जिसे हाथ से घुमाकर प्वाइन्टर या कर्सर की दिशा में परिवर्तन किया जाता है।

स्क्रीन पर प्वाइन्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए, इसे माउस की तरह इधर-उधर सरकाने या हिलाने की जरूरत नहीं होती है। बल्कि यह एक ही स्थान पर स्थिर रहता है केवल इसमें लगी बॉल को घुमाया जाता है।

Input Devices

इसका प्रयोग लैपटॉप में अक्सर किया जाता है। लैपटॉप में यह छोटी सी गेंद या बॉल के रूप में रहता है, जिसका प्रयोग माउस की तरह ही किया जा सकता है।

इसके उपयोग की बात करें तो ट्रैकबाल का प्रयोग मेडिकल क्षेत्र में CAD व CAM में किया जाता है, वहां यह ज्यादा सुविधाजनक होता है।

साथ ही ट्रैकबॉल का प्रयोग माउस के अल्टरनेटिव के रूप में किया जा सकता है।

ट्रैकबॉल व माउस में अंतर

यूं तो दोनों ही प्वाइंटिग डिवाइस हैं पर दोनों के कार्यप्रणाली और बनावट में अंतर है।

माउस के द्वारा स्क्रीन पर प्वाइंटर को इधर-उधर ले जाने के लिए, हाथ से पकड़ कर विभिन्न दिशाओं में हिलाने की जरूरत पड़ती है। जबकि ट्रैकबॉल का उपयोग करने पर, स्क्रीन में कर्सर या प्वाइंटर को कंट्रोल करने के लिए, इसे इधर-उधर हिलाने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह केवल एक स्थान पर रखा रहता है, और बस इसमें लगी बॉल को घुमाना पड़ता है, जैसे ही हम बॉल को घुमाते हैं, स्क्रीन पर कर्सर गति करने लगता है।

इसकी बॉल को हम अंगूठे के सहारे से घूमाते हैं और अँगुलियों को इसमें लगी बटन के ऊपर रखते हैं।

कीमत की बात करें तो,  ट्रैकबॉल की कीमत माउस से ज्यादा होती है।

इसीलिए आज कंपनियों ने माउस और ट्रैकबॉल की दोनों की खूबियों को निकाल कर, एक नई डिवाइस का निर्माण कर दिया है, जिसे ट्रैकबॉल माउस कहते हैं, जिसमें दोनों के गुण मौजूद होते हैं। बस अभी इसकी कीमत ज्यादा है। लेकिन कार्य करने में ट्रैकबॉल माउस ज्यादा सुविधाजनक और तेज गति से कार्य करते हैं। अर्थात् यह डिवाइस productivity व comfort दोनो प्रदान करती है।


जॉयस्टिक  (Joystick)

जॉयस्टिक भी एक प्वाइंटिग डिवाइस है, जो कि ट्रैकबॉल के सिद्धांत पर ही कार्य करती है। लेकिन इसमें बॉल की जगह, एक हैंडल (Lever) लगा होता है, जिसको चारों ओर घुमाकर, स्क्रीन पर प्वाइंटर की दिशा को नियंत्रित किया जाता है। इसमें लगी हैंडल की मदद से, स्क्रीन पर दिखाई देने वाली आकृति को चलाया जा सकता है।

Input devicesInput devices

इसका मुख्य उपयोग वीडियो गेम या कम्प्यूटर गेम खेलने में किया जाता है। हालांकि काफी सारे गेम, कीबोर्ड और माउस की मदद से खेले जा सकते हैं पर कुछ गेम होते हैं, जिनको इनकी मदद से खेलने पर ज्यादा मजा आता है।

ये कई तरह के आकृति व आकार में उपलब्ध हैं। साथ ही इनको USB या wireless माध्यम का उपयोग करके कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है।

हैंडल के अलावा इसमें माउस व ट्रैकबॉल की तरह बटनें भी लगी होतीं हैं, जिन्हें ट्रिगर कहा जाता है।

जॉयस्टिक का उपयोग

  • वीडियो गेम या कम्प्यूटर गेम खेलने के लिए।
  • फ्लाइट में
  • रोबोट को कंट्रोल करने के लिए, उसकी दिशा को नियंत्रित करने के लिए।
  • बच्चों को कम्प्यूटर सिखाने के लिए।
  • कैमरा कंट्रोल करने में।

स्कैनर (Scanner)

यह भी कम्प्यूटर की एक महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है, इसकी मदद से कोई भी डेटा, स्कैन करके सीधे कम्प्यूटर में इनपुट किया जा सकता है। इसका लाभ यह होता है कि, यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है।

इसका सामान्यतः प्रयोग टेक्स्ट या चित्र/इमेज को डिजिटल रूप में बदलने या परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। जिसे हम कम्प्यूटर की स्क्रीन में देख सकते हैं।

Input Device क्या है और इसके प्रकार व कार्य
Scanner

स्कैनर द्वारा, स्कैन किए हुए डेटा को हम विभिन्न प्रयोगों में ला सकते हैं, जैसे- हम इसको कम्प्यूटर की मेमोरी या पेन ड्राइव, सीडी बगैरा में स्टोर करके रख सकते हैं अथवा इन पर प्रोसेसिंग या एडिटिंग की प्रक्रिया भी की जा सकती है।

स्कैन किए गए पिक्चर्स या इमेजेस की क्वालिटी DPI (dots per inches) व resolution पर निर्भर करती है। जितनी ज्यादा डीपीआई की संख्या बढ़ाएंगें, रिजॉल्यूशन उतना ही ज्यादा होगा और स्कैन की हुई इमेज की क्वालिटी भी उतनी ही बेहतर होगी, साथ ही उसकी मेमोरी साइज भी उतनी ही ज्यादा होगी।

जब हम कोई फॉर्म वगैरह भरते हैं, तो हमें अपनी फोटो, अंकसूची, सिगनेचर, अँगूठे का निशान आदि फॉर्म के साथ लगाना पड़ता है, तब फार्म में यह निर्देश दिया रहता है कि, स्कैन करके लगाने वाले फोटो व डॉक्यूमेंट की साइज, इतने KB से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उस समय हमें रिजॉल्यूशन कम कर देना चाहिए, और कलर की जगह, ग्रे-स्केल या ब्लैक एंड व्हाइट सेलेक्ट कर लेना चाहिए, ताकि हमारे द्वारा स्कैन किये गये डाक्यूमेंन्ट्स, मेमोरी में कम से कम स्थान ग्रहण करें।

इंटरनेट में कोई भी फाइल स्कैन करके अपलोड करने के लिए स्टैंडर्ड रिजॉल्यूशन 96 dpi है।


माइक्रोफोन (Microphone)

यह एक वॉइस इनपुट डिवाइस है। Microphone को संक्षिप्त रूप में माइक (mic) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग, कम्प्यूटर को voice (ध्वनि या आवाज) के माध्यम से, इनपुट देने के लिए किया जाता है।

Microphone - Input device in Hindi

ये विभिन्न आकार व आकृति में उपलब्ध है। माइक्रोफोन अकेले भी आते हैं, और इयरफोन, हेडफोन व मोबाइल, में भी लगे होते हैं, यहां तक कि आज के समय में आने वाली स्मार्ट टीवी के रिमोट में भी इनका प्रयोग किया जाता है, ताकि हम टीवी (Smart Television) को वॉइस के माध्यम से आदेश दे सकें। माइक्रोफोन में आवाज को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए, साउण्ड कार्ड की आवश्यकता होती हैै। जो मादरबोर्ड में एक स्लाट में फिट रहता है।


 वेबकैम (webcam)

Webcam, वेब कैमरा का संक्षिप्त रूप है। यह एक डिजिटल कैमरा है, जिसे कम्प्यूटर के साथ कनेक्ट कर लिया जाता है। लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पीसी (All-in-One PC), स्‍मार्ट फोन आदि में वेबकैम इनबिल्ट होता है, यानी ऑलरेडी लगा होता है और अलग से भी लगाया जा सकता है। जबकि डेस्कटॉप-कम्प्यूटर में अलग से लगाना पड़ता है।

Web Cam - Input device in Hindi

वेबकैम का उपयोग | Uses of Webcam

 

  • इसके प्रयोग द्वारा लाइव फोटो खींची जा सकती है, साथ ही लाइव वीडियो (live video) भी रिकॉर्ड किया जा सकता है।
  • इसका प्रयोग इन्टरनेट में वीडियो कॉलिंग, वीडियो चैटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तथा वीडियो क्रिएट करने के लिए किया जाता है।
  • YouTube में लाइव होने के लिए।
  • Live क्लासेस लेने के लिए।
  • इन्टरव्यू व वाइवा देने के लिए।

वेबकैम व माइक्रोफोन की मदद से दूर बैठे व्यक्ति से, उसको देखकर, इस तरह बात की जा सकती है, जैसे हम उसके सामने बैठ कर बात कर रहें हों।


लाइट पेन (Light Pen) | प्रकाशीय कलम | लाइट पेन क्या है और इसके कार्य?

यह भी एक प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है, इसका प्रयोग कर, हम कम्प्यूटर स्क्रीन से सीधे ही इन्ट्रैक्ट कर सकते हैं।

Light Pen का उपयोग, डायरेक्ट कम्प्यूटर स्क्रीन पर कुछ भी लिखने या कोई भी चित्र या आकृति बनाने के लिए किया जाता है।

यह एक electro-optical (इलेक्ट्रो आप्टिकल) इनपुट डिवाइस है, जिसमें एक फोटो सेल लगा होता है, जब हम लाइट पेन की मदद से कम्प्यटर स्क्रीन पर कोई ड्रॉइंग या आकृति बनाते हैं तो इसकी पल्स स्क्रीन से ट्रांसमिट होकर प्रोसेसर के अंदर चली जाती है। इसके द्वारा बनाई गई किसी भी ग्राफिक्स या ड्राइंग्स (चित्र) को कम्प्यूटर की मेमोरी में सेव किया जा सकता है या किसी भी तरह की एडिटिंग का कार्य भी किया जा सकता है।

Light pen - Input device in Hindi

लाइट पेन के कार्य | Function of Light Pen

  • कम्प्यूटर स्क्रीन पर डायरेक्टली कुछ भी लिखने के लिए।
  • कोई भी ग्राफिक्स (चित्र, आकृति आदि) बनाने के लिए।
  • मेन्यू में दिए गए ऑप्शन्स को चुनने के लिए।
  • स्क्रीन में किसी भी ऑब्जेक्ट के चयन के लिए।
  • डिजायनिंग में।

टच स्क्रीन (Touch Screen)

यह एक ऐसी इनपुट डिवाइस है जिसको अंगुलियों से छूकर या स्पर्श करके कम्प्यूटर को इनपुट प्रदान किया जाता है। इसे और नामों से जाना जाता है, जैसे- Touch Panel या Touch screen Panel.

touch screan - Input Device in Hindi

यह इनपुट करने का सरल व नवीनतम रूप है। इसीलिए इसका प्रयोग सभी प्रकार के कम्प्यूटर्स (डेस्कटॉप, लैपटॉप, ऑल इन वन पीसी, टैबलेट, फोन, सुपर कम्प्यूटर, मिनी कम्प्यूटर आदि), एटीएम मशीन, वेन्डिंग मशीन आदि जगह होने लगा है।

» कम्प्यूटर के प्रकार
»माउस क्‍या है | इसके कार्य और प्रकार    

कम्प्यूटर्स, जो टच स्क्रीन के साथ आते हैं, उनकी कीमत अपेक्षाकृत अधिक होती है।

टच गार्ड (Touch Guard)– टच स्क्रीन को सुरक्षित रखने वाला कवच या आवरण।


कैरेक्टर रीडर (Character Reader)

कैरेक्टर रीडर, छपे हुए अथवा हाथों से लिखे गए विशेष प्रकार के अक्षरों (characters) को ग्रहण करके (रीड करके), कम्प्यूटर को इनपुट के रूप में प्रदान करने में सक्षम होते हैं।

सामान्यत: निम्न प्रकार के कैरेक्टर रीडर होते हैं-

  • एमआइसीआर (MICR)
  • ओसीआर (OCR)
  • ओएमआर (OMR)
  • बीसीआर (BCR)
  • क्यूआर कोड रीडर (QR Code Reader)

ओसीआर (OCR)

ओसीआर का full form – ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन या ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर होता है।

यह ऑप्टिकल स्कैनर व विशेष सॉफ्टवेयर का मिश्रण होता है। इसका उपयोग हांथ से लिखे हुए, अथवा प्रिंट किए हुए अक्षरों व डेटा को स्कैन करके, read करने लिए किया जाता है।

यह एक Input device है।

मतलब OCR के द्वारा, हमारी हैंडराइटिंग में लिखे हुए, साफ-सुथरे अक्षरों व कागजों, किताबों, प्लास्टिक-शीट या प्लास्टिक-कार्ड (जैसे- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड आदि) आदि में छपे हुए, कैरेक्टर्स/अक्षरों/डेटा को स्कैन करके कंप्यूटर/मोबाइल आदि में, डिजिटल रूप से इनपुट किया जा सकता है, जिसे हम कंप्यूटर/मोबाइल की स्क्रीन पर देख सकते हैं, एडिट (edit) व प्रिंट जैसे अनेकों ऑपरेशंस परफॉर्म कर सकते हैं, भविष्य के उपयोग के लिए, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव आदि में store कर सकते हैं, साथ ही excel, word आदि की फाइलों में insert करके रिकॉर्ड के रूप में भी रख सकते हैं।

ocr scannerOCR Scanner

OCR के द्वारा, स्कैन होने वाले डाक्यूमेन्ट्स, चाहे वह हाथ से लिखें गए हों, या बुक पर छपें हों, ये सभी, तो एक इमेज के रूप में ही होते हैं, OCR पिक्चर या इमेज में लिखे हुए text या charactersको स्कैन करके वास्तविक text में बदल देता है।

जब इसके द्वारा, print किये हुए या हां‍थ से टाइप अथवा लिखे गए text या data को स्कैन किया जाता है, तो यह इनको मशीन कोड में (ASCII फॉर्मेट बाइनरी कोड में) परिवर्तित कर देता है। जिसे कंप्यूटर इनपुट के रूप में ग्रहण कर लेता है, और आगे की प्रोसेस संभव हो पाती है।

इसका ज्यादातर उपयोग दस्तावेजों की e-filing (electric filing), मतलब उनको डिजिटल रूप में परिवर्तित कर, कम्प्यूटरीकृत (computerised) करने के लिए किया जाता है।


ओएमआर (OMR)

यह एक इनपुट डिवाइस है। इसका पूरा नाम ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader) होता है।

ये भी एक ऑप्टिकल स्कैनर ही है, जो विशेष प्रकार के Mark (चिन्ह) या symbols जैसे गोला अथवा वर्ग को पहचानने (detect) में सक्षम होते हैं, और कंप्यूटर/ प्रोसेसर को बता देते हैं कि, यह symbol भरा हुआ है या नही।

Input devices in Hindi OMR Sheet

इनका ज्यादातर प्रयोग वहां किया जाता है, जहां कई विकल्प (options) दिये होते हैं और उन विकल्पों में से, किसी एक को ही चुनना या पेन अथवा पेन्सिल से भरना होता है।

जैसे ऑब्जेक्टिव एग्जाम के Exam paper की ऑटोमेटिक मार्किंग या चेकिंग के लिए, सर्वे में, प्रश्नावली (questionnaires) आदि में।

ऑब्जेक्टिव एग्जाम में कैंडीडेट को प्रदान की जाने वाली OCR Sheet को जॉंचने के लिए इसका व्यापक प्रयोग होता है।


बीसीआर (BCR)

BCR का पूरा नाम (full form) Bar Code Reader है।

BCR एक प्रकार का ऑप्टिकल स्कैनर होता है, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रोडक्ट पर छपे, बारकोड को रीड करने के लिए किया जाता है।

बीसीआर (BCR) को बारकोड स्कैनर (Bar code scanner) भी कहा जाता है।

Bar Code Bar code Reader

Bar Code क्‍या होता है?

बारकोड विभिन्न मोटाई (thickness) व दूरियों के Vertical Black lines (सीधी खड़ी काली लाइन्स) के बने होते हैं, ये lines, बार कहलाती हैं, तथा प्रत्येक बार एक निश्चित इंफॉर्मेशन प्रदान करता है।

बारकोड प्रोडक्ट से संबंधित इंफॉर्मेशन जैसे कि मूल्य (price), बैच नंबर, मैन्युफैक्चरर्स आदि को रिप्रेजेंट करते हैं।

बीसीआर एक इनपुट डिवाइस के रूप में, बार कोड को स्कैन या रीड करके, इन्हें इलेक्ट्रॉनिक पल्स में बदलकर, processing के लिए कम्प्यूटर को भेज देता है।


क्यूआर कोड रीडर (QR Code Reader)

QR Code Reader या केवल QR Reader का प्रयोग, QR कोड को स्कैैन करके, read करने के लिए किया जाता है।

QR Reader या QR Scanner के रूप में हमारा, कैमरा युक्त स्मार्टफाेन कार्य करता है। इसके लिए हमें अपने फोन में, QR Code को read करने के लिए एक App या Software इन्स्टॉल करना पड़ता है।

Android, Apple, Windows, Blackberry आदि सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ऐप्स बने हुए हैं, जो QR Code को read and write (पढ़ने व create करने) दोनों की सुविधा प्रदान करते हैं।  

QR Code Reader - Input Devices in Hindi

QR Code क्या होता है? | What is QR Code?

QR Code, एक तरह का डिजिटल कोड है, जो किसी इंफॉर्मेशन या इंफॉर्मेशन को एक्सेस करने का लिंक संग्रहित करता है, और केवल मशीन यानी कि QR Reader द्वारा ही read किया जाता है।

क्यूआर कोड का फुल फॉर्म – क्विक रिस्पांस कोड (Quick Response Code) होता है।

इन दिनों यह काफी प्रचलित हैं।

सरल शब्दों में कहें तो, ये एक प्रकार के चौकोर बारकोड होते हैं, जो कई प्रकार की जानकारी स्टोर करने में सक्षम हैं।

क्यूआर कोड का सर्वप्रथम इन्वेंशन 1994 में जापान की आटोमोटिव कंपनी Denso wave ने किया था।

QR Code द्वारा किसी वेबसाइट का URL (पता), Text, Contact detail, E-mail, Location, Phone number, Event Details, Wi-Fi का नाम व पासवर्ड, Payment details, Payment amount, किसी भी product की जानकारी आदि स्टोर की जा सकती है।

कोई भी जानकारी आप क्यूआर कोड में स्टोर कर, क्यूआर कोड को, स्मार्ट फोन या टैबलेट के माध्यम से शेयर कर सकते हैं, या प्रिंटर के माध्यम से प्रिंट करके कहीं भी यूज कर सकते हैं।


बायोमेट्रिक सेंसर (Biometric Sensor)

एक इनपुट डिवाइस जिसका प्रयोग, किसी व्यक्ति के शरीर के अंगो, जैसे कि अंगुलियों (fingers), चेहरा (face), हथेली (palm), ऑंखों की पुतली (Iris या Retina) आदि के, निशान को लेने (स्कैन करने) या पहले से computer में संग्रहित निशानों के साथ मैच करके, पहचान सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

Biometric Sensor

बायोमैट्रिक सेंसर का उपयोग | Uses of Biometric Sensor in Hindi

  • शरीर के अंगो के निशान को स्कैन कर, रिकॉर्ड के रूप में store करने के लिए।
  • इन निशानो को पासवर्ड बनाने के लिए।
  • किसी ऑर्गनाइजेशन में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए।
  • एक्सेस कंट्रोल करने के लिए। किसी कम्प्यूटर सिस्टम में या किसी कमरे या तिजोरी जैसी महत्वपूर्ण चीजों के लिए, जिसके अन्दर कोई विशेष चीज रखी गई है।

कार्ड रीडर (Card Reader)

कार्ड रीडर एक ऐसी इनपुट डिवाइस है, जो विभिन्न प्रकार के cards में स्टोर हुई इंफॉर्मेशन या डेटा को read करके, कंप्यूटर को इनपुट के रूप में प्रदान करता है।

प्रत्येक प्रकार के कार्ड के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्ड रीडर्स होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • स्मार्ट कार्ड रीडर
  • मेमोरी कार्ड रीडर
  • पंच कार्ड रीडर
  • किमबॉल टैग रीडर

स्मार्ट कार्ड रीडर | Smart Card Reader

स्मार्ट कार्ड रीडर एक इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग डिवाइस है, जो स्मार्ट कार्ड को read करता है।

स्मार्ट कार्ड – प्लास्टिक का बना हुआ छोटा आयताकार कार्ड होता है। जिसमें एक चिप, या चुंबकीय पट्टी (मैग्नेटिक स्ट्रिप), या एक बारकोड, या एक क्यूआर कोड या फिर, इन चारों में से किसी दो या तीन का काम्बीनेशन लगा हो सकता है। जिसमें डेटा स्टोर किया जाता है, जिसे कंप्यूटर से जुड़े स्मार्ट कार्ड रीडर की मदद से पढ़ा व प्रोसेस किया जाता है।

स्मार्ट कार्ड के उदाहरण-

  • Magnetic Strip वाले कार्ड (जैसे ATM card, Debit card, Credit card, Coupon card, discount card, vending machine card, Shopping card, Travel card आदि)
  • Chip वाले कार्ड (जैसे ATM card, Debit card, Credit card आदि)
  • QR Code वाले Business Card
  • Bar Code या QR Code वाले ID card आदि।

Smart card reader के उदाहण-

  • Smart ID card reader
  • Smart Business Card Reader with QR or Barcode
  • Access Control card reader
  • ATM/Debit/Credit card reader आदि

अलग-अलग प्रकार के स्मार्ट कार्ड को read करने के लिए अलग-अलग प्रकार के स्मार्ट कार्ड रीडर भी प्रयोग किए जाते हैं।


मेमोरी कार्ड रीडर | Memory Card Reader

ऐसे कार्ड रीडर जो मेमोरी कार्ड जैसेकि-

SD Card (Secure Digital Card)

  • Micro SD Card
  • Macro SD Card

Multimedia Card (MMC)

CF Card (Compact Flash Card)

आदि तरह के कार्ड के data को access या read करते हैं, memory card reader कहलाते हैं।

ये मेमोरी कार्ड रीडर, यूएसबी (USB- Universal Serial Bus) व ओटीजी ( OTG =  On-The-Go) दोनो इंटरफ़ेस के साथ उपलब्ध हैं। OTG के साथ आने के कारण, इनको स्मार्टफोन में भी लगाना आसान हो गया है।

पंच कार्ड रीडर | Punch Card Reader

पंच कार्ड या पंच्ड कार्ड– एक तरह के कठोर कागज के बने कार्ड होते हैं, जिनमें कई छेंद (holes) एक निश्चित स्थान पर होते हैं, इन छेंदों की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर, डिजिटल डेटा को  प्रदर्शित किया जाता है।

ऐसा उपकरण जो पंच कार्ड में स्टोर जानकारी को read करता है।

अथवा

एक उपकरण जो पंच्ड कार्डबोर्ड में छेदों (holes) को गिनता है। पंच कार्ड रीडर कहलाता है।

किमबॉल टैग रीडर |  Kimball Tag Reader

एक प्रकार का reader जो किमबॉल टैग को रीड करता था।

किमबॉल टैग – एक छोटा सा कार्ड होता था जिसमें कई छेंद पंच रहते थे जो कि कपड़ों की इंडस्ट्रीज में यूज किए जाते थे। Stock control व कपड़ों की जानकारी के लिए।

यह पंच कार्ड प्रोसेसिंग को सपोर्ट करता था।

कम्प्यूटर के आ जाने से, इनका उपयोग लगभग बंद हो गया है। इनके स्थान पर बारकोड (Barcode) अथवा QR Code से युक्त कार्ड का प्रयोग किया जाने लगा है, जिसे गारमेन्ट टैग या हैंगटैग कहा जाता है।

आपने जरूर देखा होगा कपड़ों, घड़ी आदि कई सारी चीजों में एक छोटा सा कार्ड होता है, जो कि धागे या प्लास्टिक स्ट्रिंग से लगा होता है, जिसमें बारकोड या QR Code छपा होता है, जिसे खरीदने के बाद निकाल दिया जाता है, और कंप्यूटर केंद्र में Processing के लिए भेज दिया जाता है।


डिजिटल कैमरा या  डिजिटल वीडियो कैमरा | Digital Camera or Digital  Video Camera

डिजिटल कैमरा एक ऐसी इनपुट डिवाइस है, जिसके द्वारा Pictures व Videos को बनाकर या रिकॉर्ड कर, डिजिटल फॉर्मेट में computer में इनपुट किया जा सकता है।

पुराने कैमरों की तरह इनमें Pictures व  Videos, रील (film) अथवा मैग्नेटिक टेप पर न रिकॉर्ड होकर, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में memory में store या record होती हैं।

Digital Camera

यह एक हैंडी पोर्टेबल डिवाइस है, जिसके द्वारा वीडियो, ऑडियो, फोटो/इमेज आदि विभिन्न फॉर्मेट में बनाया जा सकता है।

इनमें एक LCD या LED स्क्रीन लगी होती है, जिसमें खींची जा रही पिक्चर को या रिकॉर्ड किए जाने वाले वीडियो को लाइव (live) देख सकते हैं। तथा फोटो खींचने के बाद पसंद न आए तो, उसे दोबारा खींच सकते हैं। इसी तरह वीडियो में भी सुधार कर सकते हैं। और इन सब Pictures व Videos को बाद में भी देख सकते हैं।

डिजिटल कैमरा की गुणवत्ता को मेगा पिक्सेल (mega pixel) में मापा जाता है। जिस कैमरे के, pixels जितने अधिक होते हैं उसकी quality उतनी ही बेहतर होती है। और उसके द्वारा खिंची गई फोटो या रिकॉर्ड किए गए वीडियो की गुणवत्ता भी उतनी ही अच्छी होती है।

डिजिटल कैमरा द्वारा कंप्यूटर में पिक्चर, ऑडियो, वीडियो को इनपुट करना

निम्नलिखित तरीकों से, डिजिटल कैमरा द्वारा कंप्यूटर में पिक्चर, ऑडियो, वीडियो को इनपुट के रूप में प्रदान किया जा सकता है-

  1. ब्लूटूथ, वाईफाई – नए जमाने के डिजिटल कैमरा ब्लूटूथ, वाईफाई जैस सुविधाओं से लैस होते हैं, जिनकी मदद से सीधे ही, बिना तार से कनेक्ट किये हुए, कंप्यूटर में इनपुट किया जा सकता है।
  2. USB cable के द्वारा।
  3. Memory card reader के द्वारा।
  4. NFC के द्वारा।


वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम (Voice Recognition System) / स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम (Speech Recognition System)

वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम कई नामों से जाने जाते हैं जैसे-

स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम (Speech Recognition System)

वॉइस इनपुट डिवाइस (Voice Input Device)

वॉइस एंट्री डिवाइस (Voice Entry Device)

ऑडियो डाटा एंट्री टर्मिनल (Audio Data Entry Terminal) आदि नामों से इसे जाना जाता है।

यह कंप्यूटर (AI- Artificial Intelligence) की सबसे नई इनपुट डिवाइस (latest input device) या इनपुट करने की तकनीक है जो हमें बोलकर, ध्वनि के माध्यम से इनपुट प्रदान करने में सक्षम बनाती है।

Voice Recognition

स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर एक सॉफ्टवेयर, जो वाइस डेटा (voice data) को शब्दों में इंटरप्रेट करता है, ताकि कंप्यूटर समझ सके।

अर्थात यह हमारे द्वारा बोले गए शब्दों को कंप्यूटर के पढ़ने लायक इनपुट में बदल देता है।

इसी software का प्रयोग Speech Recognition System में किया जाता है।

उदाहरण- गूगल असिस्टेंट (Google Assistant) गूगल का एलेक्सा (Google Alexa) गूगल ट्रांसलेटर (Google Translator) एप्पल का सीरी (Apple Siri) आदि।

स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम  का उपयोग | Uses of Speech Recognition System in Hindi

  • Text इनपुट करने में।
  • आवाज को पासवर्ड बनाने में।
  • कंप्यूटर को निर्देश (Instruction and Command) देने में।
  • जो व्यक्ति कंप्यूटर में इनपुट देने के लिए, हाथों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं, जैसे कि विकलांग (handicapped) वेे इस Speech Recognition System की सहायता से इनपुट दे सकते हैं।

स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम के लाभ | Advantages of Speech Recognition System

  • कीबोर्ड जैसी इनपुट डिवाइस से टाइप करके इनकी समस्या से छुटकारा दिलाता है।
  • समय की बचत। तेज गति से inputting की प्रक्रिया को संभव बनाता है।
  • धन की बचत।
  • तुरंत प्रतिक्रिया।

स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के हानि या दोष | Disadvantages of Speech Recognition System

इस software या तकनीक की सबसे बड़ी हानि या दोष यह है कि, यह हमारे द्वारा बोले गये सभी शब्दों को 100 % सही ट्रांसलेट नही कर पाता है। इस तकनीक में अभी और सुधार की जरूरत है। ब्राउजर या search engine के  search box में माइक का चिन्ह voice Input के लिए ही होता है।


डिजिटाइजिंग टैबलेट (Digitizing tablet) / ग्राफिक्स टेबलेट (Graphics Tablet)

डिजिटाइजिंग टैबलेट कई नामों से जाने जाते हैं, जैसे-

  • ग्राफिक्स टेबलेट
  • डिजिटल टैबलेट
  • डिजिटाइजर

डिजिटाइजिंग टैबलेट, एक इनपुट डिवाइस, जिसका प्रयोग ड्राइंग, स्कचेस, पिक्चर (फोटो, इमेज) या अन्य तरह की ग्राफिक्स बनाकर, इसे डिजिटल रूप में परिवर्तित कर, कंप्यूटर को इनपुट देने के लिए किया जाता है।

ठीक वैसे ही जैसे हम पेंसिल एवं पेपर का प्रयोग कर ड्राइंग बगैरा बनाते हैं।

ग्राफिक्स टैबलेट में एक समतल सतह होती है, जिस पर इसके साथ मिले स्टायलस (Stylus) के द्वारा विभिन्न प्रकार की ग्राफिक्स या ड्राइंग बगैरा बनाई जाती है।

Graphics Tablet

स्टायलस क्या है? | What is Stylus in Hindi?

स्टायलस (Stylus) – ग्राफिक्स टैबलेट के साथ मिलने वाला  एक पेन है, जिसका प्रयोग कर, इस टैबलेट की सतह पर ग्राफिक्स या ड्राइंग बगैरा बनाई जाती है। यह एक इनपुट प्वाइंटिंग डिवाइस है।

ग्राफिक्स टैबलेट, डिजिटाइजर (Digitizer) के नाम से भी जाने जाते हैं।

ग्राफिक्स टैबलेट का उपयोग | Uses of Graphics Tablet in Hindi

इसका उपयोग-

  • Drawing
  • Illustration
  • Image Editing
  • Sketching
  • Hand writing
  • E-Signature

आदि कार्यों के लिए किया जा सकता है।

साथ ही नये जमाने में आने वाले ग्राफिक्स टैबलेट, अनेक ग्राफिक्स साफ्टवेयर्स जैसे कि Corel Painter, Corel Draw, Adobe Photoshop, Adobe Illustrator आदि के साथ भी compatible (संगत) होते हैं।

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