Stored Program Concept (स्टोर्ड प्रोग्राम की अवधारणा)
संग्रहित प्रोग्राम अवधारणा
स्टोर्ड प्रोग्राम की अवधारणा का प्रतिपादन जॉन वॉन न्यूमैन (Dr. John Von Neumann) ने सन् 1945 में किया।
यह अवधारणा यह बताती है कि प्रोसेसिंग के दौरान उपयोग होने वाले data व इन data पर परफॉर्म होने वाले ऑपरेशन्स के निर्देश (ऑपरेशनल इंस्ट्रक्शन्स) एक क्रम से उसी computer की memory में store (संग्रहित) होने चाहिए, जो की प्रोसेसिंग के कार्य को संपन्न कर रहा है। ताकि data पर परफॉर्म किए जाने वाले operations लगातार एक क्रम से, बिना रुके ऑटोमेटिकली परफॉर्म हो सकें। जैसा कि आज के कंप्यूटर में होता है जिस भी डेटा को प्रोसेस करवाना होता है वह data और उस data पर परफॉर्म किए जाने वाले निर्देशों का क्रम उसी कंप्यूटर की मेमोरी – हार्ड डिस्क, रैम,व कैश मेमोरी में लोड हो जाता है।
ताकि execution के समय processor द्वारा चाहे गए data व निर्देश तुरंत उसे प्राप्त हो जाए और बिना किसी रूकावट (error) के आउटपुट प्राप्त किया जा सके।
चूँकि Stored Program Concept आज के भी कंप्यूटर में उपयोग हो रहा है इसी कारण वर्तमान समय में प्रयोग होने वाले कंप्यूटर को स्टोर्ड प्रोग्राम डिजिटल कंप्यूटर भी कहते हैं। और इस तरह डेटा व निर्देश को बायनरी (0 व 1) के रूप में उसी कंप्यूटर की मेमोरी में संग्रहित किया जाने लगा।
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