LAN एवं WAN में अंतर – Difference between LAN and WAN


LAN

WAN

LAN का पूरा नाम Local Area Network अर्थात स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क होता है।

 

WAN का पूरा नाम वाइड एरिया नेटवर्क (Wide Area Network) है अर्थात व्यापक क्षेत्र नेटवर्क।

 

LAN में दो या दो से अधिक computers व उनके पेरीफेरल डिवाइसेस सम्मिलित होते हैं। जबकि WAN का निर्माण विभिन्न LANs व  computers को आपस में जोड़ कर किया जाता है।
लैन की सीमा (range) 1 किलामीटर तक ही होती है। वैन की कोई सीमा नही होती है।
LAN की सीमा को रिपीटर की मदद से 1 किलोमीटर से बढ़ाया जा सकता है। WAN  में रिपीटर की आवश्यकता नही होती है सीमा को बढ़ाने के लिए, यह एक विश्वव्यापी (worldwide) नेटवर्क है।
LAN में उपयोग होने वाले transmission medium (संचार माध्यम) प्राइवेट होते हैं जिसका मालिक स्वयं उपयोगकर्ता या फिर कोई संस्था होती है। जबकि WAN में संचार माध्यम स सार्वजनिक होता है जो यूजर के द्वारा किराए पर लिया जाता है।
इसमें आपस में जुड़े computers के मध्य डेटा को स्थानांतरित करने का खर्च लगभग बहुत कम या ना के बराबर होता है। वैन में डाटा के आदान-प्रदान में हमें मंथली, क्वार्टरली, या yearly चार्ज pay करने पड़ते हैं यह charge हमें इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियां Airtel, Reliance, Idea, JIO आदि को इंटरनेट पैक या डेटा पैक के रूप में देने पड़ते हैं।
LAN की सुविधाओं को लेने के लिए हमें सिम को रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। जबकि WAN में एक सिम की जरूरत होती है इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए।
लैन में प्रयुक्त सभी डिवाइसेस/कंप्यूटर्स आपस में भौतिक रूप से, फाइबर ऑप्टिक केबल या को-एक्सियल केबल द्वारा एक दूसरे से जुड़े होते हैं। जबकि WAN में सीधे कोई भौतिक कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है इसमें वायर्ड मीडियम – टेलीफोन लाइन्स्‍ या वायरलेस मीडियम – रेडियो तरंगों, माइक्रोवेव अथवा उपग्रह संचार आदि का उपयोग किया जाता है।
LAN को स्थापित (install) करने का काम होता है। WAN को स्थापित करने में काफी लागत लगती है।
LAN में डेटा संप्रेषण की गति अत्यधिक तीव्र होती है WAN की तुलना में। अपेक्षाकृत WAN की गति डेटा संप्रेषण करने की कम होती है।
LAN एक सुरक्षित नेटवर्क है। WAN, लैन की अपेक्षा कम सुरक्षित होता है इसमें data के hack हाने के संभावना ज्यादा होती हैं।
यह एक प्राइवेट नेटवर्क होता है। जबकि WAN को प्राइवेट नेटवर्क या पब्लिक नेटवर्क दोनो रूप में बनाया जा सकता है।
इसमें डेटा का संचार त्रुटिरहित होता है इसका कारण दूरी का कम होना व निजी कम्युनिकेशन मीडियम का इस्तेमाल करना है। WAN में डेटा के संचार की शुद्धता LAN की अपेक्षा कम होती है दूरी का ज्यादा होना, कम्युनिकेशन के loss होने का कारण बन जाता है।
मौसम का खराब होना, तेज बारिश, तूफान आदि से LAN की प्रभावित होने की संभावना काफी कम होती है। इन सब आपदाओं से प्रभावित होता है व communication में बाधा उत्पन्न होती है।
इसमें प्रयुक्त होने वाले प्रोटोकॉल्स-

 

WAN प्रयुक्त होने वाले प्रोटोकॉल्स

  • Frame Relay
  • X.25
  • ATM
  • PPP (Point to Point Protocol आदि हैं।
LAN के माध्यम से हम सीमित डेटा का लाभ ले सकते हैं। जबकि WAN में अनलिमिटेड डेटा का लाभ ले सकते हैं।
एक घर, ऑफिस, स्कूल, भवनों के एक छोटे समूह अ‍थवा एयरपोर्ट आदि जगहों में कम्प्यूटर्स को कनेक्ट कर बनाया गया नेटवर्क, लैन का उदाहरण है। Wide Area Network का सबसे अच्छा उदाहरण – इन्टरनेट है। इसके अलावा बैंको द्वारा प्रदान की जाने वाली ATM सुविधा, किसी मल्टीनेशन कंपनी जैसे – Amazon के कई देशों में फैले ब्रांचेस व सब-ब्रांचेस को आपस में जोड़ने वाला नेटवर्क आदि हैं।

LAN (Local Area Network) और WAN (Wide Area Network) में काफी अंतर है दोनों की कुछ कमियां हैं और काफी सारी खूबियां हैं दोनों का उपयोग अलग-अलग उद्देश्य के लिए होता है।

LAN के द्वारा व्यक्तिगत रूप से कम दूरी, लगभग 1 किलोमीटर से 2 किलोमीटर तक की एरिया में, कंप्यूटर्स व उनकी पेरीफेरल डिवाइसेस को, आपस में कम्युनिकेशन मीडिया के द्वारा कनेक्ट करके, डेटा का आदान प्रदान व व अन्य डिवाइस को sharing के माध्यम से उपयोग कर लाभ लिया जा सकता है।

जबकि WAN में हम अपने Computers या कई LANs ((Local Area Networks) को इंटरनेट के माध्यम से जोड़कर, इंटरनेट की कई सारी सुविधाओं जैसे कि- YouTube, लाखों-करोड़ों वेबसाइट्स्‍ आदि की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।

इंटरनेट WAN का ही उदाहरण है।

इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर द्वारा प्रदान की जाने वाली एटीएम सुविधा (ATM Facilities) भी वैन का ही उदाहरण है जिसके द्वारा हम पूरे देश में, किसी भी शहर या गांव की ए. टी. एम. मशीन से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं भले ही हमारा बैंक या उसकी ब्रांच उस शहर या राज्य में ना हो।

इसके अतिरिक्त कोई एक कंपनी, जो कि मल्टीनेशनल है अर्थात कई देशों में इसकी शाखाएं (Branches) हैं WAN के द्वारा अपना एक अलग ग्लोबल नेटवर्क बना सकती है और विभिन्न देशों में फैले हुए सभी शाखाओं को एक साथ जोड़ सकती है। क्योंकि WAN एक विश्वव्यापी (Worldwide-Global) नेटवर्क होता है।

दूरी कम होने के कारण LAN में डेटा का संप्रेषण अत्यंत तीव्र गति से व त्रुटि रहित होता है।

जबकि दूरी ज्यादा होने से WAN में डेटा का संप्रेषण LAN की अपेक्षा धीमी गति से होता है। साथ ही वाइड एरिया नेटवर्क में डेटा की शुद्धता भी प्रभावित हो सकती है, एक स्थान से दूसरे स्थान तक, डेटा के स्थानांतरण में कुछ डेटा के खो जाने की संभावना रहती है। इसके अलावा हैकर के द्वारा जरूरी तथा कॉन्फिडेंशियल इनफॉरमेशन को चुराने का भी खतरा रहता है।

LAN में लिमिटेड डेटा का लाभ ही users ले पाते हैं क्योंकि LAN के server में, या फिर इससे जुड़े कंप्यूटर्स में जितने डेटा हैं केवल उन्हीं को शेयर कर सकते हैं WAN में हम इंटरनेट के माध्यम से जुड़कर लगभग अनलिमिटेड websites, files आदि को ब्राउज़र या सर्च इंजन के माध्यम से ब्राउज़ कर सकते हैं।

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!