Cryptography क्या है – What is Cryptography in Hindi – एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन

क्रिप्टोग्राफी क्या है –

क्रिप्टोग्राफी (Cryptography)-

क्रिप्टोग्राफी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई जिसका अर्थ है – “Secret Writing” (गुप्त लेखन)

Cryptos (kryptos) = छिपा हुआ (hidden / secret)
Grpahence (graphein) =  लेखन (writing, to write, to study)

अर्थात्

परिभाषा – Definition of Cryptography

Cryptography एक विज्ञान व कला (तकनीक) है जिसके माध्यम से, digital communication के दौरान data व information को गोपनीय और सुरक्षित रखा जाता है।

That is, Cryptography = the art and science of protecting data and information

इस तकनीक का प्रयोग करके, data (message, information, files) को इस तरह से बना दिया जाता है कि ये केवल उन लोगों तक ही पहुँचे और केवल वो लोग ही पढ़ व समझ सकें, जो इसके वास्तविक अधिकारी हैं और अनाधिकृत व अवैध व्यक्ति, इन data तक न पहुँच सकें।

cryptography
Figure: cryptography with encryption and decryption

क्रिप्टोग्राफी के लिए प्रयोग होने वाले अन्य शब्द

क्रिप्टोग्राफी को निम्न नामों से भी जाना जाता है –  Cryptology (क्रिप्टोलॉजी), Crypto system (क्रिप्टो सिस्टम)


Component of Cryptography – क्रिप्टोग्राफी तकनीक में प्रयोग होने वाले अवयव, जिनके बारे में समझना जरूरी है-

Sender – संदेश (data, information, files आदि) को भेजने वाला।

Plain Text – संदेश का वास्तविक रूप (original form of message), जिसे हम भेजना चाहते हैं। – original data

Cipher Text – ( साइफर या सिफर टेक्स्ट) – जब संदेश (data व information) को गुप्त कोड (unreadable secret codes) में बदल दिया जाता है, तो वह cipher text कहलाता है।

unreadable secret codes – ऐसा गुप्त कोड, जिसे बिना किसी विशिष्ट key या password के पढ़ा न जा सके)

अर्थात् Encrypted data को ही cipher text कहते हैं।

Receiver – संदेश (data, information, files आदि) को प्राप्त करने वाला।

Encryption (एन्क्रिप्शन) – Plain text को cipher text में बदलना।

Decryption (डिक्रिप्शन) – cipher text को पुन: Plain text में बदलना, एक विशिष्ट key या password की मदद से।

Key (कुंजी) या password – sender व receiver द्वारा निर्धारित किया जाता है जो कि केवल अंको (numbers) से मिलकर बनी हो सकती है अथवा अल्फान्यूमेरिक भी हो सकती है। इन keys का उपयोग data के encryption व decryption में किया जाता है।

अल्फान्यूमेरिक  = letters + numbers + special symbols

अर्थात् अक्षरों, अंकों व विशिष्ट चिन्हों का समूह ही अल्फान्यूमेरिक कहलाता है, जो कि हम strong password बनाने के लिए  प्रयोग करते हैं।

Message (संदेश) – data, Information, all types of files


Note – Cryptography, गणितीय नियमों (Abstract Algebra) पर आधारित है।


Process of Cryptography

क्रिप्टोग्राफी में दो प्रकार की प्रक्रिया (process) होती है –

  1. Encryption (गूढ़ लेखन या कूट लेखन)
  2. Decryption (गूढ़ पठन या विकूटीकरण – कोड भाषा को समान्य भाषा में बदलना)

Encryption (एन्क्रिप्शन) –

एन्क्रिप्शन वह प्रक्रिया या एल्गोरिथम् है जिसके द्वारा plain text (original data व message) को cipher text (secret code) में बदल दिया जाता है। ताकि इन digital data व information को सुरक्षित रखते हुए, अधिकृत व्यक्ति तक इनको पहुँचाया जा सके। और अनाधिकृत व्यक्तियों से बचाया जा सके।

एन्क्रिप्शन का मुख्य उद्देश्य digital communication के दौरान, जो data या information, इन्टरनेट की मदद से आदान-प्रदान किया जा रहा है उनको पूर्णत: गोपनीय व सुरक्षित रखना।

साथ ही एन्क्रिप्शन की प्रक्रिया में data को एन्क्रिप्ट करने के लिए एक key (कुंजी) का भी निर्धारण कर दिया जाता है जिसका उपयोग cipher text को पुन: plain text में बदलने के लिए किया जाता है। इन key के बिना data (संदेश) को पढ़ा व समझा नही जा सकता है।

Cipher text को ही encrypted data/file कहते हैं।

encryption
Figure: encryption

 

 

 

 

 

Decryption (डिक्रिप्शन) –

यह एन्क्रिप्शन की विपरीत प्रक्रिया है। Cipher text (encrypted data) को पुन: plane text (original data) में बदलना decryption कहलाता है। (encryption के समय निर्धारित key की मदद से)

Encrypted data को decrypt करने के लिए अर्थात पढ़ने व समझने के लिए, एक key अथवा password की जरूरत होती है।

decryption
Figure: decryption

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