इन्‍टरप्रेटर क्‍या है ? Interpreter kya hai in hindi

Interpreter kya hai in Hindi

What is an Interpreter in Hindi?

इन्‍टरप्रेटर किसे कहते ?

Interpreter:-

इन्टरप्रेटर  एक ट्रान्सलेटर प्रोग्राम है जिसका उपयोग उच्चस्तरीय भाषा में लिखे गये प्रोग्राम को मशीन भाषा में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।

लेकिन कम्पाइलर व इन्टरप्रेटर में मुख्य अन्तर यह है कि कम्पाइलर पूरे source program को एक साथ मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, जबकि इन्टरप्रेटर उच्चस्तरीय भाषा में लिखे गये प्रोग्राम के एक-एक स्टेटमेन्ट (मतलब line by line) को परिवर्तित करके execute करता है। इन्टरप्रेटर एक साथ पूरे प्रोग्राम को मशीन कोड यानी कि object code में ट्रान्सलेट नहीं करता हैै।

इन्‍टरप्रेटर (interpreter ) क्‍या हैै ?

इन्टरप्रेटर, मेमारी में कम  स्थान (space) लेता है, जिससे प्रोग्राम पर कार्य करते समय memory space बचा रहता है।

इन्टरप्रेटर कैसे काम करता है?

प्रोग्राम को लिखने से पहले इन्टरप्रेटर को मेमोरी में लोड कर दिया जाता है। इसके बाद हम प्रोग्राम लिखना प्रारम्भ कर देते हैं। और जैसे ही हम एक स्टेटमेन्ट या लाइन लिखते हैं, वैसे ही इन्टरप्रेटर उसको चेक करता है कि इसमें कोई त्रुटि तो नहीं है, अगर उस लाइन  में कोई त्रुटि मिलती है तो इन्टरप्रेटर उसको तुरन्त हाइलाइट कर देता है और हम उसमें सुधार कर देतें है। और कोई त्रुटि न होने की स्थिति में इन्टरप्रेटर उस स्टेटमेन्ट को बाइनरी भाषा में ट्रान्सलेट कर देता है और हम दूसरी लाइन या स्टेटमेन्ट लिखते हैं पुन: इन्टरप्रेटर उसे लाइन को चेक करता है, अगर कोई त्रुटि है, तो उसे हाईलाइट कर देगा, अगर नही है तो उस स्टेटमेन्ट को बाइनरी भाषा में बदल देगा और इसी तरह प्रोग्राम के आखिरी स्टेटमेन्ट तक, इन्टरप्रेटर एक-एक स्टेटमेन्ट को बाइनरी भाषा में बदलकर execute करता है।

 प्रत्येक उच्च स्तरीय भाषा (high level language) जो इन्टरप्रेटर का प्रयोग करती है, सभी का अपना खुद का  एक निश्चित इन्टरप्रेटर होता है। उदाहरण के लिए Basic तथा पास्कल भाषा में इन्टरप्रेटर को प्रयोग होता है।

 

इन्टरप्रेटर के लाभ व हानि

Advantages and Disadvantages of Interpreter

इन्टरप्रेटर के लाभ (Advantages of Interpreter)

इन्टरप्रेटर के लाभ निम्नलिखित हैं –

  • इन्टरप्रेटर को लिखना आसान होता है।
  • इन्टरप्रेटर, कम्प्यूटर में कम memory space लेता है।
  • इन्टरप्रेटर, source program को line by line चेक करता है।
  • प्रोग्राम को लिखते समय ही प्रत्येक लाइन की error / गलती का पता चल जाता है, यदि गलती है तो हम अगली लाइन में तब तक नही लिख सकतें हैं, जब तक इस लाइन की गलती को ठीक नही कर देते हैं।
  • इसमें error/गलती को ढूँढ़ना व ठीक करना काफी आसान होता है।

इन्टरप्रेटर की हानियाॅंं (Disadvantages of Interpreter)

इन्टरप्रेटर  की हानियाॅंं निम्नलिखित हैं –

  • इन्टरप्रेटर, program को, line by line चेक करने के बाद इन्टरप्रेट करता है, अत: इसमें अधिक समय लगता है, जो कि इन्टरप्रेटर की सबसे बड़ी कमी है।
    इस प्रकार कम्पाइल किए हुए मशीनी भाषा के प्रोग्राम, इन्टरप्रेट किए हुए प्रोग्राम की अपेक्षा अधिक गति से चलते हैं।
  • बड़े प्रोग्राम को लिखने में प्रोग्रामरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।

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