स्टार-बस टोपोलॉजी (Star-Bus Topology)
स्टार-बस टोपोलॉजी एक हाइब्रिड नेटवर्क टोपोलॉजी है। इसके नाम से ही पता चलता है कि यह टोपोलॉजी स्टार टोपोलॉजी और बस टोपोलॉजी दोनों के तत्वों का मिश्रण है। इसमें स्टार टोपोलॉजी की संरचना और बस टोपोलॉजी की कनेक्शन सुविधा दोनों होती हैं। अर्थात इस टोपोलॉजी में दो या दो अधिक स्टार टोपोलॉजी के केन्द्रीय हब या स्विच आपस में बस टोपोलॉजी की तकनीक द्वारा जुड़े होते हैं।
स्टार-बस टोपोलॉजी की विशेषताएँ:
- स्टार संरचना:
- प्रत्येक स्टार नेटवर्क का अपना एक स्वतंत्र केंद्रीय हब या स्विच होता है जिससे उस नेटवर्क की सभी डिवाइसेस जुड़ी होती हैं।
- यह हब या स्विच केंद्रीकृत नियंत्रण प्रदान करता है और नेटवर्क में किसी एक डिवाइस की विफलता का असर दूसरे डिवाइसों पर नहीं पड़ता।
- बस कनेक्शन:
- कई स्टार नेटवर्कों को एक साथ आपस में जोड़ने के लिए उनके हब या स्विच को बस केबल के माध्यम से कनेक्ट कर किया जाता है, जिसकी वजह से एक स्टार नेटवर्क का प्रत्येक नोड दूसरे स्टार नेटवर्क के प्रत्येक नोड के साथ डेटा का आदान-प्रदान कर सकता है।
- यह बस केबल नेटवर्क की रीढ़ (backbone) के रूप में कार्य करती है, जिससे विभिन्न स्टार नेटवर्क आपस में जुड़े रहते हैं।
स्टार-बस टोपोलॉजी के लाभ:
- केंद्रीकृत प्रबंधन: स्टार कनेक्शन के कारण नेटवर्क का प्रबंधन और ट्रबलशूटिंग आसान होता है।
- विस्तारशीलता: नए डिवाइसों को जोड़ना और नेटवर्क का विस्तार करना आसान होता है।
- सहज संचालन: एक डिवाइस या हब की विफलता का असर पूरे नेटवर्क पर नहीं पड़ता।
- कम लागत: केबलिंग की लागत बस टोपोलॉजी के कारण कम होती है।
स्टार-बस टोपोलॉजी की हानि /सीमाएँ:
- केंद्रीय हब की विफलता: यदि केंद्रीय हब या स्विच विफल हो जाता है, तो उस विशेष स्टार नेटवर्क के सभी डिवाइस काम करना बंद कर देंगे।
- बस केबल की विफलता: यदि बस केबल (backbone) विफल हो जाता है, तो पूरे नेटवर्क में संचार बंद हो सकता है।
- केबल लंबाई सीमाएँ: बस केबल की लंबाई और गुणवत्ता पर निर्भर करता है कि नेटवर्क कितना बड़ा हो सकता है।
स्टार-बस टोपोलॉजी छोटे से मध्यम आकार के नेटवर्क के लिए उपयुक्त है जहाँ केंद्रीकृत प्रबंधन और विस्तारशीलता महत्वपूर्ण होते हैं।