कंप्यूटर की सीमाएँ – Limitations of Computer
कंप्यूटर स्वयं निर्णय नहीं ले सकता है, यूजर द्वारा कंप्यूटर में इंस्टॉल किए गए सॉफ्टवेयर और दिए गए डेटा व निर्देश के आधार पर ही कार्य कर सकता है।
कंप्यूटर अपनी रक्षा करने में असमर्थ होता है, हम उसको तोड़ सकते हैं या उसके किसी भी पार्ट में छेड़खानी भी कर सकते हैं।
द्वितीयक मेमोरी (सेकेंडरी मेमोरी – Secondary memory) क्या है?
कम्प्यूटर में हमारे सभी डेटा, इनफार्मेशन एवं सॉफ्टवेयर (प्रोग्राम्स) को स्थाई तौर पर स्टोर करने के लिए, जिस मेमोरी का प्रयोग किया जाता है वह द्वितीयक मेमोरी (सेकेंडरी मेमोरी – Secondary memory) कहलाती है।
प्राथमिक मेमोरी (प्राइमरी मेमोरी) या मेन मेमोरी,अस्थायी (volatile) और सीमित संग्रहण क्षमता वाली होती है। इन दोनों कमियों को दूर करने के लिए, द्वितीयक मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। जो कि स्थाई (non-volatile) होती है, अर्थात डेटा को स्थायी (permanent) रूप से संग्रहित करती है। तथा बड़ी मात्रा में विशाल संग्रहण क्षमता उपलब्ध कराती है जिससे यूजर अपनी जरूरत के अनुसार जितना चाहे उतना डेटा स्टोर कर सकता है।
Basic Operations/ Functions of Computer – कम्प्यूटर के मुख्य कार्य
Data collection – इनपुट डिवाइस के द्वारा
Data storing – मेमोरी के द्वारा
Data processing – CPU (प्रोसेसर) के द्वारा – Data पर दिये गए निर्देशों के आधार पर arithmetic एवं logical operation परफार्म करना।
Data outputting – आउटपुट डिवाइस के द्वारा
Controlling – उपरोक्त सभी operations के विधि एवं क्रम को मैनेज व कन्ट्रोल करना।
पीयर-टू-पीयर नेटवर्क और क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क में अंतर
पीयर-टू-पीयर नेटवर्क (Peer-to-Peer Network):
इसमें सभी कंप्यूटर समान होते हैं और डेटा का सीधा आदान-प्रदान करते हैं। किसी केंद्रीय सर्वर की आवश्यकता नहीं होती।
क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क (Client-Server Network):
इसमें एक केंद्रीय सर्वर होता है जो डेटा और सेवाएं प्रदान करता है, और क्लाइंट उसे एक्सेस करते हैं।
स्टार-रिंग टोपोलॉजी क्या है इसके लाभ व हानि- What is Star-Ring Topology in Hindi
स्टार-रिंग टोपोलॉजी भी एक हाइब्रिड नेटवर्क टोपोलॉजी है जो स्टार टोपोलॉजी और रिंग टोपोलॉजी दोनों के तत्वों का मिश्रण है। जिसमें प्रत्येक नोड (कंप्यूटर या अन्य डिवाइस) स्टार के रूप में अपने-अपने केंद्रीय हब से जुड़े होते हैं (स्टार टोपोलॉजी), और दो या दो अधिक स्टार टोपोलॉजी के केन्द्रीय हब या स्विच आपस में रिंग टोपोलॉजी की तकनीक द्वारा जुड़े होते हैं (रिंग टोपोलॉजी)।
स्टार-बस टोपोलॉजी क्या है इसके लाभ व हानि- What is Star-Bus Topology in Hindi
स्टार-बस टोपोलॉजी एक हाइब्रिड नेटवर्क टोपोलॉजी है। इसके नाम से ही पता चलता है कि यह टोपोलॉजी स्टार टोपोलॉजी और बस टोपोलॉजी दोनों के तत्वों का मिश्रण है। इसमें स्टार टोपोलॉजी की संरचना और बस टोपोलॉजी की कनेक्शन सुविधा दोनों होती हैं। अर्थात इस टोपोलॉजी में दो या दो अधिक स्टार टोपोलॉजी के केन्द्रीय हब या स्विच आपस में बस टोपोलॉजी की तकनीक द्वारा जुड़े होते हैं।
Components of LAN – लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) के मुख्य घटक
लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) के मुख्य घटक – Communication Media, NOS, NIC, HUB, Switch, Repeater, Router, Gateway, Bridge …
कम्युनिकेशन मीडिया वह माध्यम है जिसके द्वारा एक कंप्यूटर नेटवर्क में computers एवं अन्य उपकरणों को आपस में जोड़ा जाता है एवं इन्हीं मीडिया के द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर या एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस के मध्य data/signals का संचरण (transmission) होता है।
पीयर-टू-पीयर (Peer-to-Peer) नेटवर्क क्या है – What is Peer-to-Peer Network
पीयर-टू-पीयर नेटवर्क, जिसे P2P नेटवर्क भी कहा जाता है, एक प्रकार का कंप्यूटर नेटवर्क है जिसमें सभी पीयर/ नोड्स (कंप्यूटर या डिवाइस) एक-दूसरे के बराबर होते हैं और सभी एक-दूसरे के साथ सीधे कनेक्ट होते हैं इसमें कोई केंद्रीय सर्वर नहीं होता है, बल्कि प्रत्येक नोड नेटवर्क में मौजूद अन्य नोड्स के साथ सीधे ही डेटा और संसाधनों को साझा कर सकतें है।
हाइब्रिड नेटवर्क क्या है – What is Hybrid Network
हाइब्रिड नेटवर्क एक ऐसा नेटवर्क है जो दो या अधिक अलग-अलग प्रकार की नेटवर्क टोपोलॉजी को मिलाकर बनाया गया होता है। इसका उद्देश्य विभिन्न नेटवर्क टोपोलॉजी के फायदे एक साथ उपयोग करना होता है, जिससे नेटवर्क की दक्षता और कार्यक्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, एक नेटवर्क जो स्टार और बस टोपोलॉजी दोनों का उपयोग करता है, उसे हाइब्रिड नेटवर्क कहा जाएगा।