Data Communication (डेटा संचार) क्या है?

दो या दो से अधिक व्यक्तियों /computers /devices के मध्य data अथवा सूचना का आदान-प्रदान कम्युनिकेशन कहलाता है। एक कंप्यूटर से दूसरे अन्य computers में डेटा भेजने या प्राप्त करने के लिए उन सभी computers का आपस में किसी न किसी माध्यम से जुड़ा होना अत्यंत आवश्यक है और यही माध्यम कम्युनिकेशन मीडिया कहलाता है।

कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल – Communication Protocols

कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल, नियमों एवं मानकों के समूह (set of rules and conventions) होते हैं जो एक कंप्यूटर नेटवर्क में डिवाइसों के मध्य सूचना के आदान-प्रदान का संचालन एवं नियंत्रण करते हैं। और यह सुनिश्चित करते हैं कि data का ट्रांसमिशन निश्चित समय में बिना किसी त्रुटि व विकृति के कुशलता पूर्वक हो।

Operating System (OS) – ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है, इसका मतलब, कार्य व प्रकार

Operating System वह सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो कम्प्यूटर सिस्टम के सभी हार्डवेयर जैसे कि CPU, memory, input व output device आदि तथा कम्प्यूटर में इंस्टॉल हुए सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्यों को संचालित, नियंत्रित व व्यवस्थित (operate, control व manage) करता है और यूजर व कम्प्यूटर-हार्डवेयर के बीच मध्यस्थ (interface) का कार्य करता है अर्थात यूजर व कम्प्यूटर हार्डवेयर के मध्य कम्युनिकेशन स्थापित करके, उपयोगकर्ता को इन हार्डवेयर को उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है, इसके साथ ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को रन व उपयोग करने के लिए एक वातावरण उपलब्ध करवाता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य – Functions of OS

कंप्यूटर व उसके उपयोगकर्ता के बीच संबंध बनाना।
उपयोगकर्ता व एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच संबंध स्थापित करना, और यूजर को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को use करने के लिए allow करना।
कंप्यूटर के सभी उपकरणों व जुड़े हुए पेरीफेरल डिवाइसेज को नियंत्रित व व्यवस्थित करना एवं उनसे काम लेना।
यूजर द्वारा प्रदान किए गए प्रोग्राम को एग्जीक्यूट करना।

Software की जरूरत क्यों होती है? – Need of Software

Need of Software मॉडर्न कंप्यूटर सिस्टम में सॉफ्टवेयर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हमें निम्नलिखित कारणों से सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है –   Automation बार-बार किए जाने वाले कार्यों (repetitive task) को स्वचालित (automate) करने के लिए सॉफ्टवेयर को डिजाइन व उपयोग किया जाता है, जिससे efficiency बढ़ती है और समय व …

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एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है इसके उदाहरण, प्रकार, विशेषताएं एवं कार्य

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका निर्माण किसी एक या एक से अधिक विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

इनका उद्देश्य यूजर की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करना होता है और ये हाई-लेवल लैंग्वेज का प्रयोग करके लिखे जाते हैं।
इन्हें उपयोग करने से पहले कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल करना पड़ता है। कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम इनको मैनेज व कंट्रोल करता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को शॉर्ट-फॉर्म में app या apps भी कहते हैं।

प्लॉटर क्या है और इसके प्रकार – Plotter and its types

प्लॉटर प्रिन्टर का ही एक प्रकार है, जिसका प्रयोग – टेक्स्ट, इमेज, ड्रॉइंग, ग्राफ एवं अन्य तरह की डिजाइन्स व ग्राफिक्स को, बड़े आकार एवं हाई क्वालिटी में ड्रॉ करके, प्रिंट करने के लिए किया जाता है। यह एक हार्ड कॉपी, आउटपुट डिवाइस है।

इसमें ड्राइंग बनाने के लिए – पेन, पेंसिल एवं मार्कर आदि राइटिंग टूल का इस्तेमाल किया जाता है। यह राइटिंग टूल सिंगल कलर या मल्टी कलर के हो सकते हैं एवं यह ऑटोमेटेकली मोटर द्वारा चलाए जाते हैं।

सबसे पहला प्लॉटर, रैमिंगटन रैण्ड (Ramington Rand) द्वारा 1935 में विकसित या गया था। शुरुआत में यह UNIVAC computer के साथ जोड़कर उपयोग किया जाता था।

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