यह एक ऐसा यूनीक नाम होता है जो किसी वेबसाइट की पहचान (नाम अथवा पता) बताता है।
डोमेन नाम क्या होता है?
वेबसाइट को बनाने के लिए उसे एक नाम देना होता है। वेबसाइट का नाम ही डोमेन नेम होता है और यही नाम, हमारी वेबसाइट का पता बन जाता है जिसे हम या कोई भी यूजर ब्राउज़र में टाइप करके वेबसाइट तक पहुँच सकते हैं।
जैसे — google.com, yourcomputernotes.com आदि।
यह डोमेन नेम हमारी वेबसाइट की पहचान बताने के साथ ही, वास्तव में उस सर्वर का पता होता है जिसमें हमारी वेबसाइट होस्ट होती है।
जिसे ब्राउज़र में टाइप करने पर यह इंटरनेट (DNS) पर उस सर्वर की ओर इंगित करता है जहाँ किसी वेबसाइट का डेटा होस्ट किया गया होता है। यह IP Address का उपयोग करके उस सर्वर से कनेक्ट करता है, लेकिन यूज़र्स को केवल सरल डोमेन नेम ही दिखाई देता है।
जब हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोलते हैं, तो वह वेबसाइट वास्तव में एक सर्वर (computer) पर होस्ट की गई होती है, जिसका एक IP Address होता है — जैसे 142.250.77.206। लेकिन इंसानों के लिए ऐसे संख्यात्मक पते (IP Address) याद रखना मुश्किल होता है।
इसलिए, उन्हें आसान बनाने के लिए डोमेन नेम का उपयोग किया जाता है — जैसे google.com, यह डोमेन नेम उस सर्वर के IP Address का एक पाठ्य रूप (text-based) और याद रखने योग्य नाम होता है।
उदाहरण:
अगर आप google.com खोलते हैं, तो आपका ब्राउज़र पहले उस नाम को उसके IP Address (जैसे 142.250.77.206) में बदलता है और फिर उस सर्वर से जुड़कर वेबसाइट लोड करता है।
डोमेन नेम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट का पता (नाम) होता है, जिसे लोग आसानी से याद रख सकें और टाइप करके वेबसाइट खोल सकें। यह किसी वेबसाइट का पहचानने योग्य नाम होता है।
अगर आप किसी दोस्त के घर जाना चाहते हैं, तो आपको उसका पता चाहिए। उसी तरह, जब आप किसी वेबसाइट पर जाना चाहते हैं, तो आपको उसका डोमेन नेम चाहिए।
Domain name हमेशा दो या दो से अधिक भागों से मिलकर बना होता है और जोकि dot (.) द्वारा अलग होता है।
बायें साइड वाला भाग यूनिक (specific) होता है जो सामान्यत: हमारी website का नाम होता है जैसे – google
जबकि दायें साइड वाला भाग सामान्य होता है जैसे – .com, .org, .gov, .net आदि। जो कि हमारी website के प्रकार या व्यवहार को परिभाषित करता है।
जैसे हमारी website का डोमेन नेम yourcomputernotes.com है जो कि दो भागों से बना है yourcomputernotes और com
जो पहला भाग है वह हमारी वेबसाइट के नाम को प्रकट करता है जबकि दूसरा भाग वेबसाइट के प्रकार/श्रेणी को।
डोमेन नेम की विशेषताऍं
- यह एक ऐसा यूनिक नाम होता है जो इंटरनेट पर किसी वेबसाइट का पता होता है।
- यह किसी वेबसाइट का पढ़ने योग्य नाम होता है।
- डोमेन नेम हमेशा upward path को follow करता है।
- यह case sensitive नही होता है। जैसे इसके लिए .com व .COM दोनो समान है।
- डोमेन नेम वह नाम होता है जो हम वेबसाइट को देना चाहते हैं।
- यह हमारी वेबसाइट का नाम व उसकी कैटेगरी को प्रदर्शित करता है।
- अपनी वेससाइट के निर्माण के समय इसका चुनाव हम स्वयं करते हैं।
- इसको खरीदने के लिए Domain Name Service Provider को हमें मासिक या वार्षिक किराया देना पड़ता है।
डोमेन नेम के मुख्य प्रकार (Types of Domain Name)
अथवा Levels of Domain
- Top-Level Domain (TLD)
-
- Generic Domain अथवा Generic Top-Level Domain (gTLD)
- Country Code Top Level Domain (ccTLD)
- Second Level Domain (SLD)
- Subdomain
1. Top-Level Domain (TLD) –
Top-Level Domain (TLD) एक डोमेन नेम का अंतिम हिस्सा होता है, जो डॉट (.) के बाद आता है। यह इंटरनेट पर वेबसाइट की श्रेणी, प्रकार, या स्थान को दर्शाता है।
उदाहरण:
- www.google.com में .com एक TLD है।
- www.nic.in में .in एक TLD है।
TLD का महत्व:
- वेबसाइट की पहचान तय करता है।
- SEO (Search Engine Optimization) में मदद करता है।
- यूज़र को वेबसाइट के उद्देश्य का अंदाज़ा देता है।
Types of Top-Level Domains
Top-Level Domains दो प्रकार के होते हैं –
- Generic Domain अथवा Generic Top-Level Domain (gTLD)
- Country Domain अथवा Country Code Top Level Domain (ccTLD)
Generic Top-Level Domains –
ये डोमेन website की प्रकृति को परिभाषित करते हैं, जैसेकि website कमर्सियल है या सरकारी, शैक्षिणिक संस्थाओं से सम्बन्धित है या अन्तराष्ट्रीय संगठन से आदि। ये डोमेन नेम के अंत में आते हैं और डोमेन का सबसे ऊपरी हिस्सा होते हैं। जैसे:
डोमेन नाम (.TLD) | पूरा नाम | उपयोग का उद्देश्य |
.com | Commercial | व्यावसायिक वेबसाइटों के लिए सबसे आम डोमेन |
.org | Organization | गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए |
.net | Network | नेटवर्क सेवाओं या तकनीकी वेबसाइटों के लिए |
.edu | Education | शैक्षणिक संस्थानों के लिए |
.gov | Government | केवल सरकारी वेबसाइटों के लिए |
.mil | Military | अमेरिकी सैन्य संस्थानों के लिए |
.info | Information | सामान्य सूचना देने वाली वेबसाइटों के लिए |
.biz | Business | व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए |
.name | Personal Name | व्यक्तिगत उपयोग के लिए |
.pro | Professional | लाइसेंस प्राप्त प्रोफेशनल्स (जैसे डॉक्टर, वकील) के लिए |
यह सूची समय के साथ बढ़ती रहती है और नए gTLDs जैसे .tech, .shop, .online, .firm, .store, आदि भी शामिल किए जाते हैं।
Country Code Top Level Domain (ccTLD)
ये किसी विशेष देश को दर्शाते हैं। और ये दो अक्षरों द्वारा बने होते हैं।
ccTLD | देश का नाम | उपयोग का उद्देश्य |
.in | भारत (India) | भारत में पंजीकृत वेबसाइटों के लिए |
.us | अमेरिका (USA) | अमेरिका में पंजीकृत वेबसाइटों के लिए |
.uk | यूनाइटेड किंगडम (UK) | इंग्लैंड, स्कॉटलैंड आदि के लिए |
.au | ऑस्ट्रेलिया (Australia) | ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइटों के लिए |
.ca | कनाडा (Canada) | कनाडा के डोमेन के लिए |
.cn | चीन (China) | चीन की वेबसाइटों के लिए |
.jp | जापान (Japan) | जापानी वेबसाइटों के लिए |
.de | जर्मनी (Germany) | जर्मनी की वेबसाइटों के लिए |
.fr | फ्रांस (France) | फ्रांस की वेबसाइटों के लिए |
.ru | रूस (Russia) | रूसी डोमेन के लिए |
.np | नेपाल (Nepal) | नेपाल की वेबसाइटों के लिए |
.pk | पाकिस्तान (Pakistan) | पाकिस्तान की वेबसाइटों के लिए |
.bd | बांग्लादेश (Bangladesh) | बांग्लादेश की वेबसाइटों के लिए |
नोट: ccTLDs किसी देश से जुड़ी वेबसाइट की पहचान करने में मदद करते हैं और SEO में भी लोकेशन आधारित लाभ देते हैं।
2. Second Level Domain (SLD) – अथवा Main Domain या मुख्य डोमेन
यह TLD के ठीक पहले आता है, यह वेबसाइट का वास्तविक नाम होता है। जैसे google.com में google
यह आपके डोमेन का मुख्य नाम होता है, जैसे yourcomputernotes.com डोमेन में yourcomputernotes — यहाँ yourcomputernotes SLD है।
विशेषताएँ:
- Second-Level Domain वह हिस्सा होता है जिसे हम खरीदते हैं और जो वेबसाइट की पहचान बनता है।
- यह किसी ब्रांड, व्यक्ति या संस्था का नाम हो सकता है जैसे –
amazon
,facebook
,yourcomputernotes
, आदि।
निष्कर्ष:
Second-Level Domain ही आपकी वेबसाइट का मुख्य नाम होता है, जिसे लोग याद रखते हैं और ब्राउज़र में टाइप करते हैं। यह TLD के साथ मिलकर पूरा डोमेन बनाता है (जैसे example.com
)।
3. Sub domain
सबडोमेन (Sub domain) डोमेन नेम का एक हिस्सा होता है जो मुख्य डोमेन से पहले आता है और वेबसाइट के किसी विशेष सेक्शन या विभाग को दर्शाने के लिए इस्तेमाल होता है।
सरल भाषा में समझें:
अगर आपका मुख्य डोमेन है example.com
तो एक सबडोमेन हो सकता है blog.example.com या shop.example.com
यह “blog” और “shop” वेबसाइट के विशेष हिस्से हैं, लेकिन ये एक स्वतंत्र वेबसाइट की तरह कार्य कर सकते हैं।
सबडोमेन के उपयोग:
- वेबसाइट के अलग-अलग भाग को अलग दिखाने के लिए – जैसे: support.google.com (गूगल के सपोर्ट सेक्शन के लिए)
- मल्टी-लैंग्वेज साइट्स के लिए – जैसे: en.wikipedia.org, hi.wikipedia.org
- टेस्टिंग या डेवलपमेंट के लिए – जैसे: dev.example.com आदि।
उदाहरण से समझें:
URL | डोमेन नाम | सबडोमेन |
maps.google.com | google.com | maps |
mail.yahoo.com | yahoo.com | |
store.example.com | example.com | store |
accounts.facebook.com | facebook.com | accounts |
Domain Name System (DNS) क्या है –
Domain Name System (DNS) इंटरनेट की एक महत्वपूर्ण सेवा है जो डोमेन नामों (जैसे www.google.com
) को उनके संबंधित IP Address (जैसे 142.250.77.206
) में बदलती है, ताकि वेब ब्राउज़र सही सर्वर से वेबसाइट को लोड कर सके।
सरल शब्दों में:
जब भी आप अपने ब्राउज़र में कोई वेबसाइट का नाम (domain name – www.google.com) टाइप करते हैं, तो DNS यह तय करता है कि उस नाम से जुड़ा IP Address क्या है और उसे उसके वास्तविक IP address (जैसे 142.250.77.206) में बदल देता है— यही IP उस सर्वर का पता होता है जहाँ वेबसाइट की फाइलें रखी होती हैं, जिससे आपका कंप्यूटर/ ब्राउज़र वेबसाइट के सर्वर से कनेक्ट होकर वेबसाइट ओपन करता है। परिणामस्वरूप यूजर वेबसाइट के data/file को monitor screen पर देख पाता है।
उदाहरण:
-
आप टाइप करते हैं:
www.example.com
-
DNS खोजता है इसका IP:
93.184.216.34
-
ब्राउज़र उस IP पर जाकर वेबसाइट ओपन करता है।
DNS के मुख्य कार्य:
- डोमेन नाम (जैसे google.com) को उसके वास्तविक IP Address से मिलाता है
- इंटरनेट को इंसानों के लिए उपयोग में आसान बनाना (IP याद रखने की ज़रूरत नहीं)
- यह client application के लिए transport layer का कार्य करता है।
- वेबसाइट के सर्वर की सही लोकेशन तक यूज़र को पहुँचाना।
निष्कर्ष:
- DNS इंटरनेट का “फोनबुक” है, जो नाम से नंबर (IP) ढूंढने का काम करता है। बिना DNS के, हमें हर वेबसाइट के IP Address को याद रखना पड़ता, जो बहुत कठिन होता।
- यह इंटरनेट की एक विकेंद्रीकृत (distributed) सेवा है जो डोमेन नेम को IP एड्रेस में बदलने का कार्य करती है।
How to buy a Domain Name
डोमेन नेम कैसे खरीदें – Step-by-Step पूरी प्रक्रिया (हिंदी में):
अगर आप अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या ऑनलाइन बिज़नेस के लिए डोमेन नेम खरीदना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
Step 1: सही डोमेन नेम चुनें
- ऐसा नाम चुनें जो आपकी वेबसाइट या बिज़नेस से जुड़ा हो
- आसान, छोटा और याद रखने योग्य हो
- .com, .in, .org जैसे टॉप लेवल डोमेन (TLD) पर ध्यान दें
Step 2: डोमेन नेम की उपलब्धता जांचें
- किसी Domain Registrar वेबसाइट पर जाएँ जैसे:
- अपनी पसंद का डोमेन नाम सर्च बॉक्स में डालें
- अगर डोमेन उपलब्ध है, तो “Add to cart” या “Buy” पर क्लिक करें
- अगर नहीं है, तो वैकल्पिक नाम चुनें
Step 3: रजिस्ट्रेशन अवधि चुनें
- आप 1 साल से लेकर 10 साल तक के लिए डोमेन खरीद सकते हैं
- ज़्यादा समय के लिए खरीदने पर कुछ छूट मिल सकती है
Step 4: अकाउंट बनाएं और विवरण भरें
- वेबसाइट पर साइन अप करें या लॉगिन करें
- अपना नाम, ईमेल, पता आदि सही से भरें
Step 5: पेमेंट करें
- उपलब्ध पेमेंट विकल्प चुनें:
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- UPI / Netbanking
- Wallets (PhonePe, Paytm आदि)
- पेमेंट करते ही आपको रजिस्ट्रेशन कन्फर्मेशन मिलेगा
जब भी हम कोई website बनाने के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहला काम यह है कि इस website का नाम क्या रखें, जो हमारे द्वारा इस website के जरिये किये गये काम को प्रदर्शित करे। और दूसरी चीज इस website में किये जाने वाले कार्य के आधार पर इसकी प्रकृति/ श्रेणी निश्चित करना, जैसे कमर्सियल (.com ) या कोई शिक्षण संस्थान (.edu), सरकारी संस्थान (.gov) या सैन्य संस्थान (.mil) आदि। और हमारे द्वारा तय किया गया वेबसाइट का नाम ही Doimain Name कहलाता है।
इनवर्स डोमेन (Inverse Domain) क्या है?
इनवर्स डोमेन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें IP एड्रेस से संबंधित डोमेन नेम की जानकारी प्राप्त की जाती है। यह सामान्य DNS (Domain Name System) प्रक्रिया का उल्टा होता है।
उदाहरण से समझें:
प्रक्रिया | कार्य |
फॉरवर्ड DNS | डोमेन नेम ➝ IP एड्रेस (जैसे: www.google.com ➝ 142.250.77.206) |
इनवर्स DNS | IP एड्रेस ➝ डोमेन नेम (जैसे: 142.250.77.206 ➝ www.google.com) |
URL और डोमेन नेम में अंतर (Difference between URL and Domain Name)
URL पूरा वेब पते (web address) का एक उच्चतम मानक होता है, जो किसी विशेष वेब पेज तक पहुँचने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें डोमेन नेम, प्रोटोकॉल (जैसे HTTP), पथ (Path), और कभी-कभी क्वेरी पैरामीटर आदि शामिल होते हैं। उदाहरण: https://www.example.com/abc/def.
डोमेन नेम वेबसाइट का मुख्य नाम होता है, जैसे ‘example.com’, जो URL का एक हिस्सा होता है। URL पूरे वेब पते को दर्शाता है, जबकि डोमेन नेम केवल उस वेबसाइट का अद्वितीय नाम होता है। डोमेन नेम में सिर्फ वेबसाइट का नाम और एक्सटेंशन होता है।
विषय | URL (Uniform Resource Locator) | डोमेन नेम (Domain Name) |
परिभाषा | यह वेबसाइट के किसी विशेष पेज या संसाधन का पूरा पता होता है | यह वेबसाइट का नाम होता है जो IP एड्रेस का प्रतिनिधित्व करता है |
घटक शामिल | प्रोटोकॉल, डोमेन, पथ, क्वेरी स्ट्रिंग | केवल नाम और एक्सटेंशन (जैसे .com, .in) |
उदाहरण | https://www.example.com/about?ref=home | example.com |
उपयोग | वेबसाइट के किसी खास पेज या फाइल तक पहुंचने के लिए | वेबसाइट की पहचान के लिए |
संक्षेप में:
डोमेन नेम = सर्वर के IP Address का आसान और समझने योग्य नाम
Domain name हमारी वेबसाइट का नाम/पता होता है।
डोमेन नेम इंटरनेट पर वेबसाइट की पहचान होती है। इसके विभिन्न प्रकार होते हैं जो उपयोग, क्षेत्र और उद्देश्य के अनुसार वर्गीकृत किए जाते हैं।