Network connections के प्रकार – Types of Network connections
नेटवर्क कनेक्शन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक या एक से अधिक डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, प्रिंटर) एक-दूसरे से डेटा और संसाधन को साझा करने के लिए जुड़े होते हैं। नेटवर्क कनेक्शन वायर्ड (Wired) और वायरलेस (Wireless) दोनों प्रकार के हो सकते हैं। यह कनेक्शन लोकल एरिया नेटवर्क (LAN), वाइड एरिया नेटवर्क (WAN), और इंटरनेट जैसे विभिन्न प्रकार के नेटवर्क के माध्यम से स्थापित किए जा सकते हैं।
Dial-up connection
Leased Lines
ISDN
Broadband Connection
Communication Media क्या है एवं इनके प्रकार
ट्रांसमिशन मीडिया का प्रयोग नेटवर्क में सम्मिलित होने वाले प्रत्येक कंप्यूटर को आपस में जोड़कर उनके मध्य data को ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है, जिसकी वजह से उस नेटवर्क से जुड़े सभी computers सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में सक्षम हो पाते हैं।
एक computer से दूसरे अन्य किसी भी प्रकार के computer तक डेटा को send/receive अथवा share करने के लिए उन कम्प्यूटरों का आपस में किसी माध्यम द्वारा जुड़ा होना अति आवश्यक है। computers को आपस में link (connect) करने के लिए जिन माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें ही communication media कहते हैं।
Data Communication Process क्या है?
दो या दो से अधिक computers या devices के मध्य data एवं इनफॉरमेशन का आदान-प्रदान कम्युनिकेशन कहलाता है और कम्युनिकेशन को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए जितने चरणों एवं एलिमेंट्स की आवश्यकता होती है वे सभी मिलकर Communication Process को परिभाषित करते हैं।
Data Communication (डेटा संचार) क्या है?
दो या दो से अधिक व्यक्तियों /computers /devices के मध्य data अथवा सूचना का आदान-प्रदान कम्युनिकेशन कहलाता है। एक कंप्यूटर से दूसरे अन्य computers में डेटा भेजने या प्राप्त करने के लिए उन सभी computers का आपस में किसी न किसी माध्यम से जुड़ा होना अत्यंत आवश्यक है और यही माध्यम कम्युनिकेशन मीडिया कहलाता है।
कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल – Communication Protocols
कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल, नियमों एवं मानकों के समूह (set of rules and conventions) होते हैं जो एक कंप्यूटर नेटवर्क में डिवाइसों के मध्य सूचना के आदान-प्रदान का संचालन एवं नियंत्रण करते हैं। और यह सुनिश्चित करते हैं कि data का ट्रांसमिशन निश्चित समय में बिना किसी त्रुटि व विकृति के कुशलता पूर्वक हो।
Operating System (OS) – ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है, इसका मतलब, कार्य व प्रकार
Operating System वह सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो कम्प्यूटर सिस्टम के सभी हार्डवेयर जैसे कि CPU, memory, input व output device आदि तथा कम्प्यूटर में इंस्टॉल हुए सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्यों को संचालित, नियंत्रित व व्यवस्थित (operate, control व manage) करता है और यूजर व कम्प्यूटर-हार्डवेयर के बीच मध्यस्थ (interface) का कार्य करता है अर्थात यूजर व कम्प्यूटर हार्डवेयर के मध्य कम्युनिकेशन स्थापित करके, उपयोगकर्ता को इन हार्डवेयर को उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है, इसके साथ ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को रन व उपयोग करने के लिए एक वातावरण उपलब्ध करवाता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य – Functions of OS
कंप्यूटर व उसके उपयोगकर्ता के बीच संबंध बनाना।
उपयोगकर्ता व एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच संबंध स्थापित करना, और यूजर को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को use करने के लिए allow करना।
कंप्यूटर के सभी उपकरणों व जुड़े हुए पेरीफेरल डिवाइसेज को नियंत्रित व व्यवस्थित करना एवं उनसे काम लेना।
यूजर द्वारा प्रदान किए गए प्रोग्राम को एग्जीक्यूट करना।
Software की जरूरत क्यों होती है? – Need of Software
Need of Software मॉडर्न कंप्यूटर सिस्टम में सॉफ्टवेयर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हमें निम्नलिखित कारणों से सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है – Automation…
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है इसके उदाहरण, प्रकार, विशेषताएं एवं कार्य
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका निर्माण किसी एक या एक से अधिक विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
इनका उद्देश्य यूजर की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करना होता है और ये हाई-लेवल लैंग्वेज का प्रयोग करके लिखे जाते हैं।
इन्हें उपयोग करने से पहले कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल करना पड़ता है। कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम इनको मैनेज व कंट्रोल करता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को शॉर्ट-फॉर्म में app या apps भी कहते हैं।