4th GL क्या है – What is 4th GL in Hindi

4th GL

चौथी पीढ़ी की भाषाएं ( Forth Generation Languages) – 4th GL

4Th Generation Language से तात्पर्य ऐसी भाषा से है, जिसको सीखना, समझना व प्रयोग करना बहुत ही सरल है। जहां तीसरी पीढ़ी की उच्च स्तरीय भाषा में केवल टेक्स्ट के माध्यम से कार्य करने के लिए टेक्स्चुअल वातावरण उपलब्ध होता है, और प्रोग्राम लिखने के लिए बहुत सारे सोर्स कोड लिखने पड़ते हैं, वहीं चौथी पीढ़ी की भाषा (4Th GL), टेक्स्चुअल वातावरण के साथ ग्राफिकल वातावरण (interface) भी प्रदान करती है। जिसमें ग्राफिकल एलिमेंट्स (menus, textboxes, toolbars, radio buttons, check boxes, buttons आदि) को माउस द्वारा ड्रैग एंड ड्रॉप करके सीधे ही, प्रोग्राम निर्माण की प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है। इनके लिए कोड लिखने की भी जरूरत नहीं होती है। बैकग्राउंड में स्वत: ही कोड लिख जाते हैं।

इस पीढ़ी की भाषा में बहुत कम कोडिंग व निर्देश लिखने की जरूरत होती है। इस भाषा के द्वारा सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट काफी आसान हो गया है।

इस भाषा में रियल टाइम एरर डिटेक्शन (error detection) की सुविधा उपलब्ध होती है। प्रोग्राम विकास के दौरान ही त्रुटियों का पता चल जाता है जिससे त्रुटियां बहुत कम होती हैं।

इसके साथ ही यह भाषा, प्रोग्राम को बनाने के लिए suggestions भी उपलब्ध करवाती है।

ये Higher Level Programming Language हैं।

सामान्यतः चौथी पीढ़ी की भाषा, सॉफ्टवेयर विकास के लिए उपलब्ध IDE (इंटीग्रेटेड डिवेलपमेंट एनवॉयरमेन्ट) में समूह के रूप में उपलब्ध होती है। प्रोग्रामर्स/ यूजर्स अपनी जरूरत के आधार पर इनका उपयोग कर सकते हैं। IDE के अंदर, इन भाषाओं की मदद से आसान तरीके से सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जा सकता है।

IDE के उदाहरण – Microsoft Visual Studio, Java studio, WordPress, Android studio, Net Beans, X code, Eclipse, PyCharm आदि, ये IDE कई प्रकार की 4th GL सपोर्ट करते हैं।


4th GL के उदाहरण
– Visual Basic, Visual C++, Visual FoxPro, WordPress, Oracle, MS SQL, SAS (Statistical Analysis System), MATLAB (MATrix LABoratory), ABAP (Advanced Business Application Programming) आदि।

Characteristics of 4th GL – चौथी पीढ़ी की भाषाओं की विशेषताऍं –

  • ये लैंग्वेज एक नॉन- प्रोसीजरल लैंग्वेज हैं।
  • हायर लेवल का एब्स्ट्रैक्शन प्रदान करती हैं।
  • इनका मुख्य उद्देश्य किसी विशेष समस्या को हल करना होता है अतः यह प्रॉब्लम ओरिएंटेड हैं।
  • इस भाषा का मुख्य यूजर – end user (अंतिम उपयोगकर्ता) होता है।
  • ग्राफिकल एवं textual, दोनों तरह के इंटरफेस, प्रोग्रामिंग के कार्य को सरल बनते हैं।
  • ग्राफिकल एलिमेंट्स को चुनने एवं टेक्स्ट को टाइप करने पर, बैकग्राउंड में कोडिंग स्वत: ही होती जाती है।

Merits of 4th GL – चौथी पीढ़ी की भाषाओं के गुण / लाभ

  • इस जनरेशन की भाषा को सिखाना और इसके साथ कार्य करना काफी आसान होता है।
  • बहुत ही ज्यादा समय और प्रयास की बचत होती है।
  • 4th GL, ग्राफिकल एवं textual, दोनो प्रकार के interface (वातावरण) प्रदान करती हैं।
  • विजुअल एलिमेंट्स को, माउस द्वारा Drag and Drop किया जा सकता है।
  • निर्देशों की संख्या बहुत कम होती है।
  • रियल टाइम एरर डिटेक्शन (real time error detection).
  • प्रोग्रामिंग करते समय suggestions उपलब्ध रहते हैं।
  • इन भाषाओं द्वारा, सॉफ्टवेयर का निर्माण बड़ी ही कुशलता से, कम समय में किया जा सकता है।
  • काम कोडिंग की आवश्यकता होती है।

Demerits of 4th GL – चौथी पीढ़ी की भाषाओं के अवगुण / दोष –

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