दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस – World First Computer Virus in Hindi

दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस कौन है?

सेल्फ रेप्लिकेटिंग प्रोग्राम  (self replicating program)

कंप्यूटर वायरस के जनक (Father of Computer Virus) – जॉन वॉन न्यूमैन (John Von Neumann), ये एक महान गणितज्ञ थे जिन्होंने 1949 में, पहले computer virus का निर्माण किया, जिसे सेल्फ रेप्लिकेटिंग प्रोग्राम  (self replicating program) कहा जाता है। मतलब यह virus program खुद ही अपने आप computer के अन्दर बढ़ता रहता है।


क्रीपर एवं रीपर (Creeer and Reaper)

दुनिया का पहला कंप्यूटर वायरस “Creeper” था, जो 1971 में बनाया गया था। इसे बोब थॉमस (Bob Thomas) नामक एक अमेरिकी इंजीनियर ने डेमोग्राफिक्स कॉर्पोरेशन (Bolt, Beranek, and Newman, Inc.) में कंप्यूटर नेटवर्क के अंदर डिज़ाइन किया था। और और यह पहले ARPANET (जो इंटरनेट के पूर्वावतरण के रूप में था) पर प्रसारित हुआ था।  इस वायरस को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि यह स्वयं की प्रतियां बनाता है या स्वयं क्लोन करता है और एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलता है। Creeper का उद्देश्य केवल एक प्रैंक (शरारत) था यह कंप्यूटरों को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं बनाया गया था और यह एक PDP-10 कंप्यूटर पर कार्य करता था।

Creeper वायरस की विशेषता थी कि जब यह किसी कंप्यूटर पर संक्रमित होता, तो यह स्क्रीन पर एक संदेश दिखाता था, जिसमें “I’m the creeper, catch me if you can!” (मैं हूँ क्रीपर, अगर आप मुझे पकड़ सकते हैं तो पकड़ लो!) लिखा होता था।

Creeper के बाद, “Reaper” नामक एक प्रोग्राम विकसित किया गया, जिसका काम Creeper को हटाना था

इसके बाद, एक दूसरा प्रोग्राम जिन्होंने “Reaper” कहा जाता था, उसी कंप्यूटर पर चलाया जाता था और यह Creeper को हटा देता था। इसे (रीपर को) पहला “एंटी-वायरस” कहा जा सकता है।

यह वायरस तकनीकी रूप से आज के कंप्यूटर वायरसों से बिल्कुल अलग था, लेकिन यह वायरस कंप्यूटर सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर रखा और वायरस के खिलाफ निरंतर जंग की शुरुआत हो गई।


ब्रेन वायरस” (Brain Virus) –

यह एक प्रसिद्ध पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) वायरस का नाम है, जिसको दो पाकिस्तानी भाइयों – बासित और अमजद फारूख अल्वी न (Basit and Amjad Farooq Alvi) ने 1986 में बनाया था। यह वायरस इतिहास में पहला वायरस था जो IBM कंप्यूटर्स को प्रभावित करता था, और इसका नाम इसके developers के द्वारा दिया गया था, और इसको एक “वायरस” की तरह बनाया था। वे अपने मेडिकल सॉफ्टवेयर (heart monitoring software) के पायरेसी को ट्रैक करना चाहते थे और जिसने पायरेसी की है उसे दंडित करना चाहते थे।

ब्रेन वायरस का प्रभाव कंप्यूटर की बूट सेक्टर (Boot Sector) पर होता था, जिसके कारण कंप्यूटर की बूटिंग प्रक्रिया प्रभावित होती थी। यदि कोई कंप्यूटर इस वायरस से प्रभावित होता था, तो उसका बूट सेक्टर संशोधित हो जाता था और एक संदेश दिखाया जाता था जो कहता था, “Welcome to the Dungeon” (तहखाने में स्वागत है)।

Brain virus, वायरसों के इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह प्रथम IBM PC – MS-DOS कंप्यूटर वायरस था और इससे साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ी। यह एक प्रकार की साइबर अपराधिकता की शुरुआत का संकेत देता है जो आजकल एक महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा समस्या है।


 

I hope, आपको यह आर्टिकल -कम्प्यू्टर वायरस क्या है – कम्प्यूटर वायरस के उदाहरण – दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस – World First Computer Virus in Hindi – जरूर पसंद आया होगा।

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