Flash Memory – फ्लैश मेमोरी
Flash Memory एक Non-volatile (स्थायी) memory है जो data को संग्रहित करने के लिए memory cells का प्रयोग करती है।
मेमोरी सेल, फ्लोटिंग गेट ट्रांजिस्टर (floating gate transistor) की बनी होती है।
Floating gate transistor एक ऐसा ट्रांजिस्टर होता है, जिसमें floating gates होते हैं।
फ्लोटिंग गेट ट्रांजिस्टर ही memory cell में data को विद्युत आवेशों (electric charges) के रूप में संग्रहित करता है। यह electric charges, बाइनरी डिजिट (0 व 1) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जब फ्लोटिंग गेट ट्रांजिस्टर में electric charge उपस्थित होता है तो यह अवस्था charged (आवेशित) कहलती है और यह binary digit 1 को represent करता है, एवं जब charge अनुपस्थित होता है तो यह अवस्था uncharged (अनावेशित) कहलती है एवं यह binary digit 0 को represent करता है।
इन आवेशित एवं अनावेशित अवस्थाओं के संयोजन से information को binary data (0 एवं 1) के रूप में store एवं access किया जाता है।
Memory cell –
फ्लैश मेमोरी में data को store करने की सबसे छोटी इकाई है।
Memory cell is the smallest unit of storage in flash memory.
प्रत्येक memory cell, बाइनरी डेटा (0 एवं 1) को संग्रहित करती है।
कई memory cells, पेजों (pages) में व्यवस्थित हातीं हैं एवं अनेक पेज, blocks में व्यवस्थित होते हैं।
इस प्रकार की व्यवस्थित संरचना की वजह से फ्लैश मेमोरी में डेटा को संग्रहित करना एवं डेटा को एक्सेस करना बड़ी ही कुशलता पूर्वक होता है।
Flash Memory एक direct (random) access storage device है। यह स्थायी संग्रहण प्रदान करती है। इसमें डेटा, store, access, delete एवं पुन: store किया जा सकता है। और यह प्रक्रिया बार-बार की जा सकती है।
इसकी memory unit में कोई भी data/ information आदि electrical charge (विद्युत आवेश) के रूप संग्रहित होता है। इन विद्युत आवेशों को memory cell के भीतर लगे हुए ट्रांजिस्टर के floating gates द्वारा या तो trap कर लिया जाता है data को संग्रहित करने के लिए, या फिर release कर दिया जाता है संग्रहित data को परिवर्तित या delete करने के लिए।
विद्युत आवेशों की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति क्रमश: बाइनरी डेटा (0 एवं 1) को represent करती है।
Use of Flash memory – फ्लैश मेमोरी के उपयोग
USB drives (Pen drives), Memory Card, SSD (Solid State Drive) एवं कुछ प्रकार के कम्प्यूटर एवं मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, सेट-टॉप बाक्स आदि डिवाइसेस में storage के रूप इसका उपयोग किया जाता है।
वर्तमान समय में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली मेमोरी flash memory ही है।
Characteristics of Flash Memory – फ्लैश मेमोरी की विशेषताऍं
- Non-Volatile – स्थायी स्टोरेज प्रदान करने वाली मेमोरी है।
- Solid State – किसी भी तरह के moving parts ना होने के कारण, मेमोरी की पुरानी तकनीकों के मुकाबले ज्यादा तेज व टिकाऊ (durable) है।
- Fast access time – तेज गति से read एवं write operation परफार्म करती है।
- Low power consumption – विद्युत की कम खपत
- Highly portable – कॉम्पैक्ट एवं हल्का वजन
Types of Flash memory – फ्लैश मेमोरी के प्रकार
फ्लैश मेमोरी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं –
- NAND Flash
- NOR Flash
NAND Flash
यह सबसे सामान्य प्रकार की flash memory है। इसमें NAND का तात्पर्य NAND logic gate से है (अर्थात NOT-AND gate).
यह flash memory, डेटा को memory cells में store करती है, जो एक ग्रिड के रूप में व्यस्थित होतीं हैं। मेमोरी सेल्स, pages में एवं pages, ब्लॉक्स में व्यवस्थित होते हैं। इस मेमोरी की data को संग्रहित करने की यह संरचना data को कुशलता से store एवं retrieve करने के लिए allow करती है।
NAND Flash memory का उपयोग – USB drives (Pen drives), Memory Card, SSD (Solid State Drive) एवं अन्य storage devices में किया जाता है।
NOR Flash
NOR Flash memory में NOR का तात्पर्य NOR logic gate से है (अर्थात NOT-OR gate).
इस फ्लैश मेमोरी का उपयोग वर्तमान समय में पसर्नल कम्प्यूटरों में BIOS code एवं microcontroller code को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे Flash ROM भी कहते हैं।
इस मेमोरी में BIOS code अथवा बायोस प्रोग्राम को store करने का लाभ यह है कि इन्टरनेट के द्वारा BIOS code को अपडेट भी किया जा सकता है। ऐसा करने से हमारा कम्प्यूटर नवीनतम विशेषताओं से सम्पन्न होता जाता है।
यह मेमोरी हर memory location के लिए random access प्रदान करती है जिसकी वजह से किसी भी memory location में संग्रहित code/ program, तीव्र गति से सीधे ही execute हो जाते हैं।
NOTE – NAND गेट एवं NOR गेट, यूनिवर्सल गेट कहलाते हैं क्योंकि इनके द्वारा किसी भी डिजिटल सर्किट का निर्माण किया जा सकता है।
Pen drive अथवा Flash drive
Pen drive एक USB युक्त पोर्टेबल फ्लैश मेमोरी डिवाइस है। यह NAND Flash memory का उपयोग data को store करने एवं transfer करने के लिए करता है।
Pen drive को निम्न नामों से जाना जाता है –
- USB drive
- Flash drive
- Jump drive
- Thumb drive
- Memory stick
- USB Flash drive
इसमें एक छोटा सा प्रिंट किया हुआ सर्किट बोर्ड होता है जो प्लास्टिक, मेटल, रबर, लकड़ी आदि कठोर बाह्य आवरणों से ढका हुआ होता है। यह आकार में इतने छोटे व हल्के होते हैं (लगभग 1 इंच से 3 इंच तक) कि इनको आसानी से जेब, की-रिंग या पर्स आदि में रखा जा सकता है।
इनका उपयोग डेटा (audios, videos, files आदि) को एक कंप्यूटर से किसी अन्य कंप्यूटर में ले जाने के लिए किया जाता है साथ ही data का बैकअप लेने में भी बहुत उपयोगी है।
पुराने समय में कंप्यूटर में इंस्टॉल किए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम एवं अन्य सॉफ्टवेयर CD, DVD आदि में संग्रहित होकर मिलते थे पर वर्तमान समय में ये, पेन ड्राइव में ही आते हैं। ऐसे पेन ड्राइव जो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आते हैं उन्हें बूटेबल पेन ड्राइव कहते हैं।
कनेक्शन के लिए पेन ड्राइव USB इंटरफ़ेस का प्रयोग करते हैं।
कनेक्टिविटी के लिए पेन ड्राइव में एक सिरे पर USB connector होता है जिसे किसी भी डेस्कटॉप, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि devices के USB ports या USB HUB में कनेक्ट किया जाता है जैसे ही यूजर, पेन ड्राइव को कनेक्ट करता है हमारे कंप्यूटर में एक नई डिवाइस प्रदर्शित होने लगती है।
कंप्यूटर से कनेक्ट हुए पेन ड्राइव एवं कंप्यूटर के मध्य data का आदान-प्रदान drag and drop एवं copy, paste आदि के माध्यम से सरलता से किया जा सकता है। काम होने के बाद कंप्यूटर से इसको निकाला जा सकता है। अत: यह एक portable media है।
यह एक प्लग एंड प्ले मेमोरी डिवाइस है।
वर्तमान समय में पेन ड्राइव 2GB से 2TB स्टोरेज क्षमता के साथ उपलब्ध हैं।
इनकी डेटा को स्टोर एवं ट्रांसफर करने की स्पीड 200 MB/Second या इससे भी ज्यादा होती है।
आधुनिक पेन ड्राइव USB 3.1, 3.2 इंटरफेस एवं 2 TB तक स्टोरेज कैपेसिटी के साथ, high speed Pen Drive ऑनलाइन व ऑफलाइन मार्केट में उपलब्ध हैं।
SD/MMC Memory Cards – मेमोरी कार्ड
SD card का पूरा नाम – Secure Digital Card होता है। एवं MMC का पूरा नाम – Multimedia Memory Card है।
दोनों ही data स्टोर करने के लिए flash memory का उपयोग करते हैं। एवं दानों ही non-volatile, पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस हैं।
इन दोनों का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस जैसे कि – डिजिटल कैमरा, मोबाइल फोन, MP3 मीडिया प्लेयर, PDA आदि में विभिन्न प्रकार के डेटा जैसे images, audios, videos आदि को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
इन memory cards के उपयोग से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की संग्रहण क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
कुछ devices जैसे कि मोबाइल में इनको उपयोग करने के लिए slot बने होते हैं जिसमें इनको फिट करके उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा इनका उपयोग करने के लिए कार्ड रीडर का प्रयोग किया जाता है।
ऐसे card readers, ऑनलाइन/ऑफलाइन मार्केट में उपलब्ध है, जो विभिन्न प्रकार के cards को सपोर्ट करते हैं। एक ही कार्ड रीडर की मदद से दोनों memory cards (SD/MMC) का उपयोग किया जा सकता है।
कार्ड रीडर सामान्यत: USB इंटरफेस के साथ होते हैं अर्थात कार्ड-रीडर के एक सिरे पर USB कनेक्टर लगा होता है एवं दूसरे सिरे में विभिन्न प्रकार के cards को इंसर्ट करने के लिए slots बने होते हैं। यूजर अपने मेमोरी कार्ड को स्लॉट में इंसर्ट करता है एवं कार्ड रीडर को desktop, laptop आदि में बने USB पोर्ट या USB हब में इंसर्ट करके इन्हें उपयोग कर सकता है।
USB इंटरफेस के अलावा, कार्ड रीडर ओटीजी इंटरफेस (OTG interface) के साथ भी उपलब्ध है जिसको मोबाइल फोन से डायरेक्टली कनेक्ट किया जा सकता है। इसके अलावा मेमोरी कार्ड एडाप्टर के प्रयोग द्वारा भी इन memory cards को प्रयोग किया जा सकता है।
कार्ड एडाप्टर की मदद से सभी प्रकार के MMC/SD cards को उन डिवाइसेस में भी फिट या उपयोग किया जा सकता है जिनमें भिन्न-भिन्न प्रकार एवं साइज के मेमोरी कार्ड slots बने होते हैं।
MMC (Multi Media Card) 2000 के दशक के शुरुआती सालों तक प्रचलित थे पर SD cards के आ जाने से MMC का प्रचलन लगभग खत्म हो गया है।
SD cards की स्टोरेज कैपेसिटी, डेटा ट्रांसफर स्पीड एवं सिक्योरिटी फीचर्स आदि MMC तुलना में काफी बेहतर हैं, यही वजह है कि, वर्तमान समय में मेमोरी कार्ड के रूप में SD card के ही विभिन्न प्रकारों का प्रयोग किया जा रहा है।
SD card के प्रकार (Types of SD cards)
SD cards मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-
- SD-SC (Secure Digital Standard Capacity) – Data Storage capacity – 2 GB तक।
- SD-HC (Secure Digital High Capacity) – Data Storage capacity – 4 GB से 32 GB तक।
- SD-XC (Secure Digital extended Capacity) – Data Storage capacity – 64 GB से 2 TB तक। इन memory cards की storage capacity एवं speed दोनों ज्यादा होती है पर इनकी कीमत भी उपरोक्त दोनों प्रकार के memory cards से ज्यादा होती है।
इसके अलावा SD cards के अन्य प्रकार/variants
UHS – I, UHS – II एवं UHS – III
Ultra High Speed (UHS) versions of SD cards – higher data transfer rates प्रदान करते हैं। ये उच्च गति वाले memory cards होते हैं, जिनका उपयोग, उच्च क्वालिटी के videos या photos को record या capture करने में किया जाता है।
- UHS – I SD Card की data transfer speed लगभग 120 MBPS होती है। एवं इनका उपयोग full HD videos recording एवं fast photo capcturing में किया जाता है।
- UHS – II एवं UHS – III SD Card की data transfer speed लगभग 300 MBPS होती है। एवं इनका प्रयोग advanced camera (4K, 8K camera) में 4K, 8K video recording एवं high speed continuous shooting के लिए किया जाता है।
Types of SD cards on the basis of Size – आकार के आधार पर SD card के प्रकार
मुख्यत: तीन आकार में उपलब्ध है –
- Standard SD Card – यह वास्तविक एवं बड़े आकार का SD card है। इसका आकार (dimension) – 32mm×24mm होता है।
- Mini SD Card – यह Standard SD Card से छोटा होता है। इसका आकार (dimension) – 21.5mm×20mm होता है।
- Micro SD Card – यह सबसे छोटा SD Card होता है। इसका आकार (dimension) – 15mm×11mm होता है। यह कार्ड सबसे ज्यादा मोबाइल डिवाइस जैसे कि – Smartphone, normal keypad phones, tablets एवं कैमरे आदि में उपयोग किया जाता है।
SSD
SSD पूरा नाम सॉलिड स्टेट ड्राइव (Solid State Drive) है जो data को स्टोर करने के लिए NAND Flash Memory का प्रयोग करती है।
NAND से तात्पर्य NAND logic gate से है = NOT+AND gate
इसकी संग्रहण क्षमता एवं स्पीड, हार्ड डिस्क के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है।
इसमें hard disk drive की तरह कोई भी mechanical component (यांत्रिकीय उपकरण) जैसेकि घूमने वाली डिस्क एवं मूव करने वाले read / write head आदि नही होते हैं। अर्थात SSD में कोई भी हिलने-डुलने, घुमने वाले उपकरण (moving parts) नही होते हैं, जिसकी वजह से यह मेमोरी तीव्र गति से data को एक्सेस करने एवं विद्युत की कम खपत करने में सक्षम है।
चूँकि कोई भी moving parts नही होता है इसलिए यह HDD की तुलना में ज्यादा durable एवं reliable होती है।
SSD, डेटा को संग्रहित करने के लिए Integrated Circuit (IC = इन्टीग्रेटेड सर्किट) को मेमोरी की तरह उपयोग करती है और ये इन्टीग्रेटेड सर्किट, NAND flash memory से बने होते हैं, एवं NAND flash मेमोरी, RAM की तरह semiconductor पदार्थ (सामान्यत सिलीकॉन) से बनी होती है। पर यह non-volatile (स्थायी) memory होती है जिसमें data को स्थायी तौर पर संग्रहित किया जाता है। |
इसमें एक माइक्रो-प्रोसेसर भी होता है जिसे embedded processor अथवा micro-controller भी कहते हैं। यह SSD का brain होता है एवं इसके समस्त कार्यों को control एवं manage करता है।
SSD में संयोजित (integrated) माइक्रो-कंट्रोलर ही SSD की quality को डिफाइन करता है।
माइक्रो-प्रोसेसर के कार्य
माइक्रो-प्रोसेसर निम्नलिखित कार्यों को पूरा करता है –
- Data management – इसके अन्तर्गत data को store करना, retrieve करना, data को मेमोरी से हटाना आदि ऑपरेशन परफार्म किये जाते हैं।
- Error correction
- Bad block management
- Garbage collection
- Wear levelling – एल्गोरिदम की मदद से SSD के memory block के जीवनकाल (life spam) में वृद्धि करना, जिसकी वजह से SSD का जीवनकाल बढ़ जाता है। ( अर्थात memory block/ SSD को खराब होने से बचाना)
- SSD के लिए security features, performance optimization आदि को मैनेज करना।
- Host system (computer) एवं SSD के मध्य communication स्थापित करना।
Host system (computer एवं अन्य डिवाइसेस), SSD से SATA (Serial ATA) अथवा NVMe (Non-Volatile Memory express) इन्टरफेस/केबल के माध्यम से connect की जाती है। इसी Interface/ cable के माध्यम से host system द्वारा दिए गए commands (data को store करने, retrieve करने आदि टास्क परफार्म करने के लिए) को SSD ग्रहण करता है।
Wear levelling = (memory block/ SSD को खराब होने से बचाना)
यदि किसी मेमोरी के एक ही मेमोरी ब्लॉक में डेटा को बार-बार store एवं erase किया जाए, तो वह ब्लॉक खराब हो जाएगा. इसलिए माइक्रोकंट्रोलर, वियर लेवलिंग एल्गोरिथम को एग्जीक्यूट करके यह सुनिश्चित करता है कि, प्रत्येक बार डेटा को अलग-अलग pages/ blocks में राइट किया जाए। यह सभी pages/ memory blocks को लंबे समय तक चलने में मदद करता है और SSD को अच्छी स्थिति में रखता है जिससे SSD की लाइफ लंबे समय तक बनी रहती है।
SSD की storage capacity –
इसकी संग्रहण क्षमता काफी अधिक होती है। वर्तमान समय में इसकी क्षमता लगभग 8 TB या 16 TB तक है। जिसे Desktop, Laptop, mobile आदि उपकरणों में उपयोग किया जा सकता है।
Data transfer rate of SSD = 1050 MBPS या इससे भी ज्यादा।
Forms of SSD
SSD दो रूपों में उपलब्ध है-
- External SSD
- Internal SSD
External SSD
यह एक पोर्टेबल एवं रिमूवबल स्टोरेज डिवाइस है जिसे eSATA (External SATA) cable, USB cable या Thunderbolt cable आदि इन्टरफेस के माध्यम से Desktop, Laptop, Smartphone/ Tablet आदि से connect किया जा सकता है, एवं काम होने के बाद इसे आसानी से निकाल सकते हैं। एक तरह से हम कह सकते हैं कि यह pen drive का बड़ा रूप है।
Internal SSD
यह कम्प्यूटर, लैपटॉप एवं अन्य डिवाइसों के भीतर fix कर दी जाती है। जब यह कम्प्यूटर में मुख्य सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के रूप में कार्य करती है तो कंप्यूटर के समस्त सॉफ्टवेयर एवं डेटा आदि इसी भी install एवं store होते हैं।
इंटरनल SSD, रैम (RAM – Random Access Memory) की क्षमता को भी अद्भुत रूप से बढ़ाने का कार्य करती है।
यह कम्प्यूटर के मदर बोर्ड में SATAअथवा NVMe Slot में इन्स्टॉल (फिट) की जाती है।
SATA – Serial Advanced Technology Attachment
NVMe – Non-Volatile Memory Express
आधुनिक कम्प्यूटर में HDD की जगह SSD का ही प्रयोग किया जा रहा है, क्योंकि SSD की speed व storage capacity हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) की तुलना में काफी ज्यादा है। पर यह HDD से ज्यादा महँगी है।
मेमोरी सेल (Memory cell) – NAND Flash memory चिप के अन्दर memory cell, स्टोरेज की सबसे छोटी इकाई होती है, जिसमें data, बायनरी रूप (0 व 1) में संग्रहित होता है। एवं मेमोरी सेल को NAND logic gate की मदद से डिजाइन किया जाता है।
मेमोरी पेज (Memory page) – मेमोरी सेल, page में व्यवस्थित होती हैं। page कई memory cell से मिलकर बना होता है। एवं इसकी संग्रहण क्षमता KB (Kilobyte) में होती है।
मेमोरी ब्लॉक (Memory block) – यह pages का कलेक्शन होता है। लगभग् एक ब्लॉक में 64 pages होते हैं। SSD के प्रत्येक ब्लॉक में data को write एवं erase किया जाता है।
SSD, विभिन्न रूपों एवं विभिन्न sizes में उपलब्ध है।
Characteristics / Advantages of SSD – (SSD की विशेषताऍं / लाभ)
SSD की मुख्य विशेषताऍं निम्नलिखित हैं – अथवा लाभ निम्नलिखित हैं –
- No Moving parts – कोई हिलने, ढुलने, घूमने वाला भाग नहीं
HDD की तरह इसमें कोई भी मैकेनिक कंपोनेंट्स जैसे घूमने वाली disks अथवा moving read/write heads, स्पिंडल मोटर आदि नहीं होते हैं, जिसकी वजह से इसकी डेटा को एक्सेस करने की गति काफी तेज होती है एवं फिजिकल डैमेज (भौतिक क्षति) होने की संभावना भी कम होती है।
- गति (Speed) –
SSD की data transfer speed (read/ write speed) हार्ड डिस्क ड्राइव की तुलना में काफी उच्च होती है गति ज्यादा होने से डेटा का एक्सेस टाइम बहुत कम होता है जिसकी वजह से कंप्यूटर जल्दी से बूट हो जाता है एवं अन्य सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम आदि भी जल्दी से लोड हो जाते हैं।
पूरे कंप्यूटर सिस्टम की रिस्पांस करने की प्रक्रिया फास्ट हो जाती है।
- Energy Efficient – Low Power Consumption
HDD की तुलना में यह विद्युत ऊर्जा की खपत बहुत ही कम करती है जिसकी वजह से लैपटॉप एवं मोबाइल डिवाइस की बैटरी ज्यादा चलती है एवं डेस्कटॉप कम विद्युत की खपत करता है।
- Durable – Long life
चूँकि इसके अंदर कोई भी moving part (हिलने-ढुलने, घूमने वाले पार्ट) अर्थात मैकेनिक कंपोनेंट नहीं होते हैं, जिसकी वजह से यह धक्कों, झटकों आदि को भी सह सकती है। इस गुण के कारण इसकी लाइफ काफी ज्यादा होती है।
- Different form and size –
विभिन्न रूपों एवं आकार में उपलब्ध होने के कारण, विभिन्न devices में इंस्टॉल या कनेक्ट की जा सकती है।
Disadvantage of SSD – हानि
Higher Cost – कीमत ज्यादा होना
SSD की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसकी कीमत HDD की तुलना में काफी ज्यादा है।
जिन computers में मुख्य द्वितीयक मेमोरी के रूप में कंप्यूटर के अंदर हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) इन्स्टॉल किया जाता है, उनमें भी SSD को लगा सकते हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम को HDD से अनइन्स्टॉल व रिमूव करके SSD में इंस्टॉल कर सकते हैं।
ऐसा करने से यूजर का कंप्यूटर तीव्र गति से बूट होगा और यूजर चाहे तो HDD का उपयोग अन्य डेटा को स्टोर करने के लिए कर सकता है।