एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है इसके उदाहरण, प्रकार, विशेषताएं एवं कार्य

Application Software and its Types

Application software – अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका निर्माण किसी एक या एक से अधिक विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

इनका उद्देश्य यूजर की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करना होता है और ये हाई-लेवल लैंग्वेज का प्रयोग करके लिखे जाते हैं।

इन्हें उपयोग करने से पहले कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल करना पड़ता है। कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम इनको मैनेज व कंट्रोल करता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को शॉर्ट-फॉर्म में app या apps भी कहते हैं।

इसके साथ ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेज भी कहते हैं क्योंकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर मल्टीपल फीचर के साथ एक पैकेज के रूप में भी आते हैं।

उदाहरण – word processing, accounting software, presentation software, spreadsheet software graphics design s/w आदि।


Types of Application software – एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार

उपयोगिता के आधार पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं –

  • Special Purpose Application software
  • General Purpose Application software

 

Special Purpose Application software –विशिष्ट उद्देश्यीय अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर

ऐसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जिनका उद्देश्य किसी एक विशेष कार्य को पूरा करना होता है। और इनका उपयोग किसी विशिष्ट क्षेत्र, इंडस्ट्री या संस्था के users द्वारा किया जाता है।

जैसे – Ticket Reservation, weather forecasting, CAD, CAM, Medical Imaging S/W, simulation S/W आदि।

 

General Purpose Application software – सामान्य उद्देश्यीय अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर

ऐसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जिनका उद्देश्य कई सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति करना होता है। इसे अनेक यूजर्स द्वारा उपयोग किया जा सकता है और ये S/W, यूजर्स की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

जैसे – word processor, web browser, spreadsheet, presentation software, DTP, accounting software आदि।


सामान्य उद्देश्यीय अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर के उदाहरण –

कुछ सामान्य उद्देश्यीय अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर निम्नलिखित है –

सामान्य उद्देश्यीय अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर के उदाहरण –

  • Word Processing – Word Processing S/W
  • Spread sheet – स्प्रेडशीट
  • Presentation software प्रत्तुति सॉफ्टवेयर
  • DBMS
  • DTP – Desktop Publishing
  • Communication software
  • Educational s/w
  • Graphics and Multimedia
  • Business Accounting या Accounting package / Accounting software
  • MIS
  • Gaming Software
  • ERP Software
  • Statistical software Package

Word Processing – Word Processing S/W

यह एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से किसी भी तरह के टेक्स्ट-डॉक्यूमेंट को create, edit, format, save व print कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर यूजर को live मॉनिटर स्क्रीन को देखते हुए, टेक्स्ट को टाइप करके मॉडिफाई करने व प्रिंट करने की परमिशन देता है।

इसका उपयोग करके विभिन्न प्रकार के documents जैसे कि – letter, reports, essays, notice, resume (bio data), bills, receipts, notes आदि तैयार कर सकते हैं।

 

word processing software uses

 

उदाहरण –

Windows OS के लिए MS Word, Word Pad
macOS (Apple) के लिए

Apple Page

MS DOS के लिए  

Word star

 

Linux OS के लिए K-Word
Libre Office Writer
Abi Word
Star writer
Linux, Windows, Solaris  आदि OS के लिए Open Writer
Google द्वारा बनाया गया online word processor s/w Google Docs

 

Characteristics of word processing software – वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर की विशेषताऍं 

एक वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर में निम्नलिखित फीचर्स होते हैं –

1. File Creating – नए document file को निर्मित करने के लिए।

2. Text Editing – document file को edit करना अर्थात संशोधित करना।

इसके अन्तर्गत- inserting new text, deleting existing text, copying and pasting, text के format को परिवर्तित करना (जैसे – font, font-size, style, and colour) आदि options आते हैं।

3. Formatting – इसके अन्तर्गत text, paragraph व page की formatting होती है।

जरूरत के आधार पर text, paragraph व page को निश्चित प्रारूप (format) में डिजाइन एवं व्यवस्थित करना, formatting कहलाता है।

Word processing में formatting के अन्तर्गत – font selection, text size, text style (bold, italic, underline), color management, alignment, indentation, superscript, subscript, drop cap आदि options आते हैं।

Drop Cap =  पैराग्राफ या चैप्टर के पहले अक्षर को बड़ा करके दिखाना।

4. Spell and Grammar checking – डॉक्यूमेंट को टाइप करते समय स्पेलिंग व ग्रामर संबंधित त्रुटि की पहचान करना और सुधारने के लिए suggestion प्रदान करना।

5. Inserting Image, table etc – डॉक्यूमेंट में विभिन्न तरह के ग्राफिक्स जैसे की image/picture, shapes, art, chart, date, time, page no, header/footer, Hyperlink एवं tables आदि को insert (सम्मिलित) करने की अनुमति देता है।

      • Header and Footer – पेज के ऊपर (Top में) और नीचे (bottom में) कोई भी information जैसेकि – page no, date, author’s name, document title, lesson title, book title आदि शामिल करने के लिए इस option का प्रयोग किया जाता है। हेडर व फुटर में डाली गई information प्रत्येक page पर दिखाई देती है।
      • Page number – पेज (document) के ऊपर या नीचे निश्चित स्थान पर पेज न० insert करने की अनुमतिदेता है।

6. Auto correction –  वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का पॉवरफुल टूल है – auto correction, जो common स्पेलिंग एवं टाइपिंग में की गई गलतियों को स्वत: ही सही कर देता है, जैसे ही यूजर उस गलत शब्द को टाइप करके स्पेस देकर अगला शब्द टाइप करने लगता है तो पिछला गलत शब्द सही कर दिया जाता है। इसके अन्तर्गत spelling corrections, formatting corrections, प्रत्येक वाक्य के प्रारम्भ व full stop/periods (.) के बाद के प्रत्येक शब्द को capital letter मे टाइप करना आदि सुधाार किये जाते हैं।  ।

7. Determining Page layout – पेज के प्रारूप (रूपरेखा) का निर्धारण किया जाता है।

इसके अंतर्गत निम्न options आते हैं –

  • Margin – text व page के किनारों (edge) के बीच रिक्त स्थान का निर्धारण करना। margin setting के अन्तर्गत page की left, right, top, bottom margin का निर्धारण किया जाता है।
  • Page size – पेज के आकार (size) का निर्धारण करना। जैसेकि – letter, legal, A4, A3 या custom size (user define).
  • Orientation – पेज के layout के direction को निर्धारित करना। इसके अन्तर्गत दो options होते हैं –

Portrait (vertical) – default orientation होता है इसमें पेज की लम्बाई ज्यादा व चौड़ाई कम होती है।

Landscape (horizontal) – इस orientation में पेज की लम्बाई कम व चौड़ाई ज्यादा होती है।

  • Columns – पेज को विभिन्न कॉलमों में विभाजित करना।
  • Page break – यह option एक पेज को वहीं से समाप्त करके, नए पेज की शुरुआत करता है।
  • Templates – विभिन्न प्रकार के डाक्यूमेंट्स का pre-defined लेआउट (पहले से ही डिजाइन किया हुआ प्रारूप) होता है, जिनको चुनकर यूजर, अपनी जरूरत के आधार पर कस्टॅमाइज करके कम समय डॉक्यूमेंट तैयार कर सकता है।

सामान्यत: टेम्पलेट्स – text, image, logo, table आदि के लिए प्लेस होल्डर (place holder) रखते हैं ये प्लेस होल्डर्स पूर्णत: customizable होते हैं।

निम्न प्रकार के टेम्पलेट्स, एक word process software में हो सकते हैं –

Resumes, CV, business letters, newsletters, invoice, invitation, cover later, card, brochure, later, certificate, report, front page, meeting agenda, questionnaire, calendar, book cover आदि।

Templates – एक प्रोफेशनली (बेहतर ढंग से) डिजाइन किया गया एम्पटी डॉक्यूमेन्ट (empty document) है जिसे user अपने जरूरत के आधार पर design कर सकता है।

8. Save the documents – इसके अंतर्गत तैयार किए गए डॉक्यूमेंट को विभिन्न सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस में सुरक्षित (save) करने के ऑप्शंस होते हैं।

जैसे – save, save as.

9. Printing option – तैयार किए गए documents की हार्ड-कॉपी प्राप्त करने के लिए प्रिंट की सुविधा प्रदान करना।

10. Converting into PDF – वर्ड प्रोसेसर द्वारा प्रदान किए जाने वाले इस विकल्प द्वारा हम text file को PDF file में बदल सकते हैं।

11. Sharing the documents – वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किए गए documents को विभिन्न डिजिटल माध्यमों जैसे – ईमेल, व्हाट्सएप, आदि द्वारा शेयर करने की सुविधा।

12. Collaboration tools – यह एक ऑनलाइन ब्राउज़र बेस्ड वर्ड प्रोसेसर प्लेटफार्म होता है जो विभिन्न जगहों अथवा देशों में उपस्थित multiple users को रियल टाइम में एक साथ एक ही डॉक्यूमेंट के साथ कोलैबोरेशन (एक साथ मिलकर कार्य करने) की आजादी देता है।

इस टूल की मदद से documents को क्रिएट, एडिट, फॉर्मेट आदि कर सकते हैं, कमेंट एवं रिव्यू कर सकते हैं एक दूसरे को टास्क असाइन कर सकते हैं साथ ही feedback व suggestions भी प्राप्त व प्रदान कर सकते हैं।

यह प्लेटफॉर्म टीम वर्क एवं ग्रुप वर्क को बढ़ावा देता है।

वर्ड प्रोसेसिंग का यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सामान्यतः cloud computing services के साथ इंटीग्रेटेड होता है जिसकी वजह से documents को multiple users द्वारा access व share भी किया जा सकता है।

उदाहरण –

  • Google Docs
  • Microsoft Word Online
  • Dropbox Paper

 

Uses of Word Processing S/W

सामान्यत: Word Processing S/W का उपयोग text file को create करने के लिए किया जाता है। जिसकी मदद से यूजर

Letters, application, complain, resume, essay, research paper, reports, proposals, memos, book cover, broachers, user manuals, newsletters, articles, blog-post, content, manuscripts, pamphlets, statements आदि तरह के documents तैयार कर सकता है।

उपरोक्त documents को create करने के लिए यूजर word processing s/w द्वारा प्रदान की जाने वाली निम्न सर्विसेस का उपयोग कर सकता है –

अर्थात इस सॉफ्टवेयर का उपयोग मुख्यत: निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है –

  • Typing
  • Editing
  • Inserting table/graphs/ image etc
  • Formatting
  • Saving
  • Printing and publishing

Typing – जिस भी प्रकार का डॉक्यूमेंट तैयार करना चाहतें हैं उससे संबंधित टेक्स्ट को कीबोर्ड की सहायता से टाइप करना।

Editing – टाइपिंग में की गई गलतियों को संशोधित (correct) करना।

इसके लिए कई options जैसेकि – cut, copy, paste, grammar and spelling check, auto correct, find and replace, undo and redo, track changes आदि होते हैं।

Inserting – adding elements (यदि आवश्यकता हो) –

Word processing s/w द्वारा प्रदान की जाने वाले इस विकल्प द्वारा यूजर कई प्रकार के elements जैसेकि – text, images, tables, hyperlinks, headers and footers, symbols and special characters, smart arts, text boxes, date and time, water-marks, page numbers, shapes, charts आदि जरूरत के आधार पर अपने documents में शामिल कर सकता है।

Formatting – डॉक्यूमेंट की style व structure निर्धारित करना। इसके अंतर्गत font name, font size, font styles (bold, italics, underlines), text color, paragraph alignment, (left, right, center, justify), line spacing, indentation, bullet points and numbering, margins, page orientation (portrait and landscape), page size (legal, A4, letter अथवा user define) आदि के settings के options होते हैं। यूजर इनका उपयोग करके documents के appearance (रूप) को set कर सकता है।

Saving – इस option के द्वारा हम तैयार किए गए documents को विभिन्न स्टोरेज डिवाइस में सुरक्षित कर सकते हैं। इसके लिए save, save as, auto save, save to cloud, export to PDF आदि विकल्प होते हैं।

Printing – जरूरत के आधार पर यूजर्स के द्वारा डॉक्यूवर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयरमेंट को प्रिंट करना, ताकि दस्तावेज की हार्ड कॉपी कागज पर प्राप्त की जा सके।

 

संक्षेप में वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर एक फंडामेंटल टूल है जिसकी मदद से पर्सनल एवं प्रोफेशनल दोनों प्रकार के यूजर्स विभिन्न प्रकार के textual documents को type, edit, format, print आदि कर सकते हैं।

 

Area of Application of Word Processing S/W

Word Processing S/W को निम्न क्षेत्रों में इस्तेमाल (apply/use) किया जाता है –

Business and Corporate communication – Business Reports, proposals, invoices, official letters आदि तैयार करने में।

Personal use – letters, resumes, projects, applications, complaints आदि लिखने के लिए।

Academically – स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा essay, application, research paper, presentations तथा अन्य एकेडमिक डॉक्यूमेंट तैयार करने में।

Blogging – Blog के लिए post लिखने, edit करने व format करने के लिए।

Author – लेखक novels, poetry, story एवं अन्य प्रकार की book लिखने के लिए work processing s/w का उपयोग करते हैं।

Educational institutes – विद्यार्थियों के लिए lesson plans, text books, workbooks, teaching aids, text paper, exam paper, digital notes एवं अनेकों तरके के educational material तैयार करने के लिए।

Marketing Materials – मार्केटिंग मटेरियल्स जैसेकि – brochures, flyers, business cards, newsletters, catalogs आदि को डिजाइन करने के लिए।

Publishing industries – Manuscripts (हस्तलिखित लिपि/किताब/ आर्टिकल आदि) को digital रूप में type, edit, format करने के लिए।

Legal documents – लीगल कागजात जैसे कि – agreements (सहमति पत्र), contracts (अनुबन्ध पत्र), legal briefs, lease (पट्टा), power of attorney (मुख्तारनामा), legal notice, court related forms, letters, application, registry documents एवं अन्य तरह के राजस्व विभाग व न्यायिक विभाग के कानूनी दस्तावेजों को तैयार करने में word processing software अहम भूमिका‍ निभाते हैं।

Computer shop में – Customer के आग्रह करने पर कम्प्यूटर दुकान का ऑपरेटर अनेकों प्रकार के दस्तावेज जैसेकि – letter, application, affidavit, notice, questioner, research paper, article, school/college का project, invoice, receipts, bills, statements, price lists, newsletters, inventory lists, training materials आदि word processing software की मदद से ही करता है।

Communication materials – सभी प्रकार के यूजर्स communication materials जैसेकि – application, letters, complain, reports, presentations, newsletters, notice, speeches, agenda, memo, social media post, blog post आदि तैयार करने के लिए इस सॉफ्टवेयर का ही इस्तेमाल करते हैं।

 

इसके अलावा भी इस सॉफ्टवेयर का उपयोग अनेकों उद्देश्यों जैसकि – mail merge, collaboration, automation (macros), documents reviews आदि के लिए किया जाता है।

इसी तरह सभी विभाग चाहे वे सरकारी हों या प्राइवेट, अगर कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं तो उन्हें वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करना ही पड़ता है अपने कार्य को पूरा करने के लिए। सामान्यत: यह एक जनरल परपज एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जो बहुत ही यूज़फुल होने के साथ, यूजर के कार्य को आसान बना देता है।

संक्षेप में  – text documents को बनाने, edit करने, format करने, store करने, retrieve करने और print करने के लिए Word processing का उपयोग किया जाता है।


Spread sheet – स्प्रेडशीट

Electronic Spread sheet

Spread sheet एक ऐसा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेज है, जिसका प्रयोग न्यूमेरिकल और स्टैटिस्टिकल कैल्कुलेशन करने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटराइज्ड स्प्रेडशीट प्रोग्राम को इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट कहा जाता है, जिसमें प्रत्येक डाटा row और column में स्टोर व व्यवस्थित किया जाता है। स्टोर किए गए डेटा पर mathematical (अंकगणितीय) एवं logical calculation (तार्किक गणना) परफॉर्म किए जा सकते हैं। इसके लिए फार्मूला व फंक्शंस की एक बड़ी संख्या उपलब्ध होती है।

साथ ही data का statistical analysis (सांख्यिकीय विश्लेषण) करने के लिए विभिन्न टूल्स जैसे कि – ग्राफ, चार्ट, सॉर्टिंग, फिल्टर आदि उपलब्ध होते हैं, तथा गणना के परिणाम को विभिन्न माध्यमों द्वारा जैसे कि – टेबल, ग्राफ एवं चार्ट्स आदि के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

 

स्प्रेडशीट प्रोग्राम में डेटा को स्टोर करने की सबसे छोटी इकाई (unit) को – cell (सेल) कहते हैं, जो कि row और column के इंटरसेक्शन (प्रतिच्छेद) से बनती है।  बेसिकली स्प्रेडशीट इन्हीं cells का समूह होती है।

Spread sheet को work sheet भी कहा जाता है।

 

Examples of Spreadsheet programs

  • MS Excel
  • Google sheets
  • Lotus 1-2-3
  • Quattro pro
  • K-Spread
  • Open calc
  • Star calc
  • Smart sheet

Elements of Spreadsheet –

Row – सेलों (cells) का समूह होती है, जो कि बाएं से दाएं होती है अर्थात क्षैतिज (horizontal) होती है।

Column – कॉलम भी सेलों का समूह होता है जो कि ऊपर से नीचे होता है अर्थात वर्टिकल (vertical) होता है।

Cell – Row और column जिस पॉइंट पर एक दूसरे को प्रतिच्छेद (intersect) करते हैं वही स्थान cell कहलाता है।

स्प्रेडशीट की सबसे छोटी इकाई (smallest unit अथवा basic unit) – cell ही होती है,

जो कि row एवं column के इंटरसेक्शन (प्रतिच्छेद) से बनती है, और छोटे-छोटे खानों (boxes) के रूप में होती है।

Cell ही स्प्रेडशीट प्रोग्राम की डेटा स्टोरेज यूनिट होती है जिनमें text, number, date एवं formula आदि type या store  किया जाता है।

Row heading अथवा row label – यह हेडिंग row की पहचान बताती है जोकि स्प्रेडशीट में प्रत्येक row के बायीं तरफ number (1,2,3,4……) के द्वारा प्रदर्शित होती है।

Column heading – यह हेडिंग column की पहचान बताती है जोकि स्प्रेडशीट में प्रत्येक कॉलम के ऊपर letters (A,B,C,D……) के द्वारा प्रदर्शित होती है।

Active cell – जिस cell पर कर्सर blink करता है उसे एक्टिव सेल कहते हैं।

सेल को माउस द्वारा राइट क्लिक करने से वह एक्टिव हो जाती है जिसमें हम डेटा टाइप करते हैं। जो सेल एक्टिव होती है वह गहरे बॉर्डर द्वारा प्रदर्शित होती है।

Cell address – स्प्रेडशीट प्रोग्राम में प्रत्येक cell का अपना एक एड्रेस होता है जो कि column एवं row के नामों के संयोजन से बनता है। अर्थात सेल एड्रेस, cell के कॉलम अक्षर व रो नंबर के संयोजन से मिलकर बना होता है।

जैसे – B5, C2, D4, E15 आदि।

B5 का मतलब है – B कॉलम में ऊपर से पॉचवीं cell अर्थात ऊपर से पॉंचवीं row में बॉंयी ओर से दूसरी cell.

Cell range – स्प्रेडशीट में एक या एक से अधिक सेलों का आयताकार समूह सेल रेंज कहलाता है

सबसे छोटी रेंज – एक सिंगल cell और सबसे बड़ी रेंज – संपूर्ण work book होती है।

किसी भी cell range को उसके टॉप लेफ्ट कॉर्नर से बॉटम राइट कॉर्नर तक डिफाइन किया जाता है और इसके लिए colon sign (:) का उपयोग किया जाता है।

cell range example     Cell range = B3:E11

 

Spread sheet – प्रत्येक वर्कशीट (spread sheet) सेलों का समूह होती है जो कि row एवं column के कॉम्बिनेशन से बनती है स्प्रेडशीट इन्हीं cells का संग्रह होती है।

Note – पर्सनल कम्प्यूटर (PC) के लिए पहला spread sheet program/package = VisiCalc (विजीकाल्क) (“visible calculator”)

 

Characteristics of Spreadsheet program -स्प्रेडशीट प्रोग्राम की विशेषताऍं

  • Spreadsheet Application s/w में row और column के संयोजन से बने cells में डेटा को टेबुलर-फॉर्म में संग्रहित किया जाता है।
  • संग्रहित किए गए डेटा पर मैथमैटिकल, लॉजिकल और सांख्यिकीय गणना की जा सकती है, फार्मूला एवं pre defined functions की मदद से।
  • साथ ही data का विश्लेषण करके परिणाम प्राप्त किया जा सकता है इसके लिए विभिन्न टूल्स जैसेकि -chart, pivot table, filter options, sorting options आदि उपलब्ध होते हैं।
  • दो यादों से अधिक स्प्रेडशीट में डेटा उपस्थित होने पर, उन सभी के डेटा को आपस में मिलाकर consolidated result (समग्र परिणाम) प्राप्त किया जा सकता है।
  • गणना के रिजल्ट (परिणाम) को न्यूमेरिकल-फॉर्म के साथ-साथ ग्राफिकल रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • यह प्रोग्राम इमेज, ड्राइंग, क्लिपआर्ट, लोगो आदि भी insert या import करने की सुविधा प्रदान करता है ।
  • स्प्रेडशीट के सभी एलिमेंट्स जैसेकि – cells, rows, columns आदि को customize व format किया जा सकता है।
  • Spread sheet द्वारा प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण सुविधा डेटा वैलिडेशन (data validation) जिसकी मदद से cell में enter किए जाने वाले data के प्रकार व उनकी रेंज डिफाइन कर सकते हैं।
  • बड़े से बड़े, जटिल गणना को भी, बहुत ही कम समय में आसानी से पूरा करके, परिणाम प्रस्तुत कर देता है।
  • अन्य विशेषताऍं – Drag & drop feature, Auto SUM, Auto Fill, Spell check आदि।
  • कैलकुलेशन से प्राप्त परिणामों को विभिन्न फॉर्मेट में एक्सपोर्ट करने की अनुमति प्रदान करता है यूजर अपनी जरूरत के आधार पर स्प्रेडशीट के परिणाम को निश्चित फॉर्मेट में बदलकर प्रिंट या मेमोरी में सेव कर सकता है।

 

Uses of Spreadsheet – स्प्रेडशीट प्रोग्राम के उपयोग

1. Large number of data (बहुत बड़ी मात्रा में डेटा) को व्यवस्थित तरीके से, बड़ी ही कुशलता से संग्रहित करने के लिए।

2. संग्रहित किए कए data पर निम्नलिखित calculation एवं analysis करने के लिए –

  • Mathematical Calculation
  • Logical Calculation
  • Statistical Calculation
  • Statistical Analysis (data analysis)

3. Data को संशोधित (edit) करना।

4. आवश्यकतानुसार format करना।

5. Image, clipart, shape, table files आदि elements इन्सर्ट करना अथवा जाड़ना।

6. Automation की प्रक्रिया द्वारा बड़े से बड़े data के गणना व विश्लेषण के परिणाम को तीव्र गति से प्रस्तुत करना।

7. Calculation से प्राप्त परिणाम को ग्राफ, चार्ट आदि के माध्यम से प्रदर्शित करना।

8. साथ ही Calculation के परिणाम को विभिन्न format में प्रिन्ट या मेमोरी में save करना।

9. तैयार किए गए spread sheet data को विभिन्न व्यक्तियों के साथ share करना।

 

उदाहरण से समझते हैं कि spread sheet कहॉं-कहॉं प्रयोग किया जाता है –

  • वित्तीय स्टेटमेन्ट (financial statement) तैयार करने के लिए।
  • विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम तैयार करने में।
  • कर्मचारियों की सैलरी की गणना करने में।
  • वित्तीय विश्लेषण करने में। (financial analysis)
  • कई सालों (years) के data की तुलना करने में।
  • Research paper एवं project में data analysis करने के लिए।

 

Area of Application of Spreadsheet

Spread sheet Application s/w का उपयोग निम्न क्षेत्रों में किया जाता है –

  • Finance Industry – बजट बनाने व financial analysis करने के लिए।
  • Education Industry – परीक्षा के रिजल्ट बनाने के लिए, एवं रिजल्ट को ग्रेडिंग में विभाजित करने के लिए।
  • Human Resource – Payroll, employee grading एवं परफॉरमेंस आकलन में।
  • Science and Research – Data Analysis
  • Health care Industry – मरीजों का रिकॉर्ड रखने के लिए, data analysis एवं resource planning

इस तरह Spread sheet Application software, यूजर को large internal database बनाने की अनुमति देता है।

Spread sheet Application software का उपयोग हर उस क्षेत्र में किया जाता है जहॉं calculation व data analysis की जरूरत होती है। जैसे – Finance, education, health care industries, human resource, science and research, engineering, marketing एवं व्यक्तिगत उपयोग के लिए।


Presentation software प्रत्तुति सॉफ्टवेयर / (Presentation Graphics)

Presentation Graphics software या Presentation Application software

प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर एक ऐसा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेज है जो एक या एक से अधिक slides की मदद से प्रेजेंटेशन (प्रस्तुतीकरण) एवं स्लाइड शो (slide show) तैयार करने की अनुमति देता है।

प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर के पेज को स्लाइड (slide)  कहते हैं।

Slides में text, image, chart, table तथा मल्टीमीडिया कंटेंट जैसेकि animation, audio, video, movies आदि सम्मिलित कर सकते हैं।

Presentation का उद्देश्य, slides की एक श्रृंखला द्वारा इनफॉरमेशन प्रदान करना होता है ताकि वक्ता द्वारा कही जाने वाली बात को श्रोतागण या दर्शक अच्छी तरह से समझ सकें।

प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर, यूजर को विभिन्न प्रकार की प्रेजेंटेशन शीघ्रता से तैयार करने, संशोधन करने (edit करने), विभिन्न प्रकार के objects को insert करने, format करने व  प्रस्तुति से पहले रिहर्सल करने, तथा तैयार की गई प्रेजेंटेशन को प्रेजेंट करने व प्रिंट करने की सुविधा प्रदान करता है।

 

Examples of Presentation software

सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर – माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा रिलीज किया गया पावर प्वाइंट (MS Power Point) है, जो कि  windows और mac दानों operating systems पर चलाया जा सकता है। साथ ही MS Power Point को मोबाइल डिवाइस में यूज होने वाले एंड्रॉइड एवं iOS पर भी यूज किया जा सकता है।

अन्य उदाहरण –

  • Lotus freelance Graphics
  • Star Impress
  • K-Present
  • Google Slides
  • Keynote (apple)

 

Elements of Presentation Software

Presentation (प्रस्तुतीकरण) – Text, image, chart, table, multimedia content (audio, video, animation, movies, sound) आदि की मदद से बनी slides का क्रमिक समूह, जो एक व्यवस्थित सूचना प्रदान करने हेतु तैयार की जाती है।

Slide – Presentation program के पृष्ठ (पेज) को स्लाइड कहते हैं। प्रत्येक स्लाइड का उद्देश्य सूचना प्रदान करना होता है। slides में यूजर अपनी आवश्यकता के आधार पर Text, image, logo, chart, clipart, drawing, shapes, table, audio, video, animation, movies, sound, document files, spreadsheet file तथा अन्य objects/files को भी शामिल कर सकता है।

स्लाइड एक page या space है जिसमें अपनी आवश्यकता अनुसार एलिमेंट्स व ऑब्जेक्ट्स को जोड़कर हम प्रस्तुतीकरण तैयार कर सकते हैं।

Audience Handout – एक सर्पोटिंग डॉक्युमेंट्स, जिसे प्रेजेंटेशन से पहले, ऑडियंस में बांटा जाता है। Handout में प्रेजेंटेशन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी, सभी या कुछ स्लाइड्स एवं अन्य जानकारी प्रिंट करवा सकते हैं।

Speaker Notes – प्रेजेंटेशन के समय प्रस्तुतकर्ता (presenter)/ वक्ता को क्या-क्या बोलना है इन बातों को याद दिलाने के लिए डॉक्यूमेंट है जो कि प्रस्तुतकर्ता के लिए होता है।

Master slide – मास्टर स्लाइड, उन डेटा या इनफॉरमेशन को संग्रहित करके रखती है जिनको सभी slides में प्रदर्शित करना है, अर्थात मास्टर स्लाइड में शामिल किए गए कंटेंट, सभी slides में दिखते हैं। इसमें कंपनी का logo, प्रेजेंटेशन का मुख्य टॉपिक या सब्जेक्ट, कंपनी का नाम एवं अन्य डेटा शामिल किया जा सकता है।

Presentation File – प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर द्वारा बनाई गई फाइल, जिसमें सभी slides एवं अन्य जानकारी व्यवस्थित तरीके से संग्रहित होती है।

अर्थात एक प्रेजेंटेशन को तैयार करने के लिए सभी slides को व्यवस्थित तरीके से एक फाइल में रखा जाता है जिसे प्रेजेंटेशन फाइल कहते हैं।

Slide transition – Slides के प्रकट होने का ढंग (effect) स्लाइड ट्रांजिशन कहलाता है। इसमें ऑडियो और विजुअल दोनों इफेक्ट शामिल हैं।

Animation effect – slides में शामिल किए गए elements (text, image, multimedia content आदि) के प्रकट होने, move करने या ध्वनि करने का ढंग animation effect कहलाता है।

 

Characteristics/features of Presentation software – प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर की विशेषताऍं

Slide creation – जरूरत के आधार पर विभिन्न elements को शामिल करके slides को डिजाइन कर सकते हैं।

Images एवं अन्य आब्जेक्ट्स का उपयोग – Image, table, chart, graph एवं अन्य objects शामिल (insert) कर सकते हैं। साथ ही insert किये गए objects/elements में animation effect को भी apply कर सकते हैं।

Multimedia support – स्लाइड में multimedia content जैसेकि – audio, video, animation, movies, sound आदि भी शामिल कर सकते हैं।

OLE support – OLE का पूरा नाम – Object Linking and Embedding है। यह तकनीक Microsoft द्वारा विकसित की गयी है।

इसकी मदद से किसी अन्य software द्वारा बनाए गए image, document, spreadsheet एवं अन्य object का उपयोग presentation software में किया जा सकता है, एवं उन्हें link भी किया जा सकता है।

Editing – Slides में संशोधन कर सकते हैं।

Design customization – Slide के layout, theme, background एवं placeholder आदि को परिवर्तित करके अपने जरूरत के आधार पर design कर सकते हैं।

Transition – Slides के appearance में cinematic visual effect अप्लाई करना।

Animation – Slides में add किए गए elements में animation effect एवं cinematic motion अप्लाई करना।

Templates – विभिन्न topics पर रेडीमेड अथवा pre-defined, presentations का समूह, प्रेजेंटेशन प्रोग्राम द्वारा उपलब्ध कराया जाता है जिसे टेंपलेट्स (Templates) कहते हैं।

यूजर इन टेंपलेट्स को चुनकर, कस्टमाइज करके, कम समय में professional looking presentation तैयार कर सकते हैं।

Wizard – यह सुविधा यूजर को step by step गाइड करती है प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए।

Saving and Printing – तैयार की गई प्रेजेंटेशन एवं अन्य elements को विभिन्न फॉर्मेट में save एवं प्रिंट करना।

Sharing – तैयार की गई प्रेजेंटेशन एवं अन्य elements जैसेकि – handouts, speaker notes आदि को दूसरे लोगों के साथ साझा करना।

Slide show – slides की श्रृंखला से बनी हुई presentation को play/ show करना।

 

Area of Application of Presentation software

प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग निम्न क्षेत्रों में किया जाता है –

  • स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा प्रेजेंटेशन तैयार करने में। विद्यार्थियों द्वारा speech देते समय अपनी बात को ठीक से समझाने के लिए इस software की मदद से visual content को प्रदर्शित किया जाता है।
  • बिजनेस मीटिंग व कॉन्फ्रेंस में अपनी बात को visual aids द्वारा प्रस्तुत करने के लिए।
  • विभिन्न प्रकार के एडवर्टाइजमेंट एवं अवेयरनेस प्रोग्राम डेवलप करने के लिए।
  • टीचर/लेक्चरर द्वारा lessons, lectures एवं अन्य educational सामग्री तैयार करने के लिए।
  • ऑनलाइन टीचिंग – ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, teaching के लिए slide presentation s/w का उपयोग करते हैं।
  • अधिकतर पब्लिक स्पीकर, ऑडियंस को अपनी बात प्रभावी तरीके से समझाने के लिए स्लाइड्स का ही सहारा लेते हैं। पब्लिक स्पीकर हमेशा इस सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रेजेंटेशन के निर्माण में करते हैं।
  • Webinars – online presentations and work shop में।
  • Story telling – विजुअल कंटेंट के माध्यम से idea एवं story के बारे में बताना।
  • Sales and Marketing – slides की series द्वारा प्रोडक्ट एवं सर्विस के बारे में प्रेजेंटेशन तैयार करना।
  • TV Industries – विभिन्न प्रकार के अवेयरनेस प्रेजेंटेशन/ प्रोग्राम जैसे कि – साबुन से हाथ धोना चाहिए, save water save life, मिट्टी बचाओ, पर्यावरण बचाओ, हेलमेट पहनो, सीट-बेल्ट लगाओ आदि तरह के अवेयरनेस प्रोग्राम slides (प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर) की मदद से ही क्रिएट किए जाते हैं।
  • Products एवं services की उपयोगिता बताने के लिए।
  • न्यू प्रोडक्ट एवं सर्विस की इनफार्मेशन प्रदान करने के लिए ।

 

प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग  किसी भी टॉपिक पर प्रस्तुतीकरण (प्रेजेंटेशन) बनाने के लिए किया जा सकता है। Presentation, वक्ता को अपनी बात प्रभावी तरीके से रखने एवं उदाहरण द्वारा लोगों को समझाने में बहुत ही मदद करता है।

Slides में संग्रहित की गई इनफॉरमेशन और वक्ता द्वारा उन इनफॉरमेशन का explanation ऑडियन्स को कोई भी बात समझने के लिए मजबूर कर देता है।


 

DBMS

Database management system

Database software

Data – Raw Facts – अव्यवस्थित ऑंकड़े।

Database – data का organized collection, डेटाबेस कहलाता है।

अर्थात data का व्यवस्थित संकलन database कहलाता है। जोकि records से मिलकर बना होता है, एवं एक रिकॉर्ड, कई fields (columns) की information का collection होता है।

DBMS

DBMS का पूरा नाम – Database management system अथवा Database management software होता है। यह एक ऐसा application software package होता है जो database को manage एवं control अर्थात उसका रख-रखाव करता है।

यह डेटा को डेटाबेस के रूप में स्टोर करने, रिट्रीव करने, मैनिपुलेट करने, अपडेट करने तथा रिपोर्ट तैयार करने आदि की सुविधा प्रदान करता है।

साथ ही विभिन्न प्रकार के यूजर्स के लिए एक्सेस राइट्स निर्धारित करने और संपूर्ण डेटाबेस को सुरक्षित रखने के लिए फीचर्स उपलब्ध कराता है।

किसी भी त्रुटि के कारण सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर में तकनीकी खराबी होने पर या system failure की स्थिति में, खोए हुए डेटा को वापस प्राप्त किया जा सकता है।

जैसे – किसी संस्था के कर्मचारियों का डेटाबेस, विद्यालय में विद्यार्थियों की जानकारी का डेटाबेस, स्कूल/कॉलेज के भूतपूर्व छात्र-छात्रा का डाटाबेस।

Elements of DBMS

  • Table
  • Row/Record/Tuple
  • Column/Field/Attribute
  • Data Type

DBMS सॉफ्टवेयर में डेटा एवं इनफॉरमेशन, डेटाबेस के रूप में टेबल में स्टोर की जाती है अ‍र्थात यह प्रत्येक इनफॉरमेशन को records (रिकॉर्ड) के रूप में रखता है। प्रत्येक रिकॉर्ड एक row एवं कई column के संयोजन से बना होता है।

प्रत्येक row एक रिकॉर्ड को प्रदर्शित करती है। record/row को tuple (टपल) भी कहते हैं।

एवं प्रत्येक column, रिकॉर्ड के फील्ड अथवा एट्रीब्यूट को प्रदर्शित करता है।

Field अथवा Attribute – डेटाबेस टेबल के कॉलम (column) को ही फील्ड या एट्रीब्यूट या डोमेन कहते हैं।

प्रत्येक field में data type डिफाइन किया जाता है डेटा-टाइप यह निर्धारित करता है कि प्रत्येक field/column में एक विशेष प्रकार की ही इनफॉरमेशन स्टोर की जा सकती है।

 

DBMS के उदाहरण – MS-Access, Oracle Database, My SQL, Microsoft SQL Server, PostgreSQL आदि।

 

database table

DBA– डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर – DBMS का मुख्य यूजर, जो डेटाबेस के पूर्ण अधिकार रखता है।

Uses of DBMS – DBMS के उपयोग

DBMS का उपयोग large volume of data (डेटा की बड़ी मात्रा) को व्यवस्थित रूप से डाटाबेस टेबल के रूप में संग्रहित करने के लिए किया जाता है। स्टोर किए गए डेटा को यूजर रिट्रीव, मैनिपुलेट, एडिट, अपडेट आदि कर सकते हैं। किसी भी त्रुटि के कारण या system failures की वजह से loss हुए डेटा को बैकअप एवं रिकवरी तकनीक द्वारा वापस प्राप्त किया जा सकता है।

 

Characteristics / Features of DBMS  – DBMS की विशेषताऍं

डेटा को व्यवस्थित करने के लिए DBMS निम्नलिखित features प्रदान करता है –

1. Data का विशाल भंडार केंद्रीय-डेटाबेस के रूप में टेबल के प्रारूप में स्टोर किया जा सकता है।

2. DBMS में डेटा, रिकॉर्ड के रूप में संग्रहित किया जाता है। एक record, एक row और कई column के संयोजन से बनता है।

जरूरत पड़ने पर डेटा को विभिन्न विधियों द्वारा वापस प्राप्त (retrieve) किया जा सकता है।

डेटाबेस को मैनिपुलेट किया जा सकता है, अर्थात डेटाबेस में row और column को इंसर्ट, डिलीट ,अपडेट आदि किया जा सकता है। और साथ ही यूजर आवश्यकतानुसार कई database file/table क्रिएट भी कर सकता है।

3. Null value support – यह null value को सपोर्ट करता है। अर्थात किसी रिकॉर्ड में कोई जानकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में, उस फील्ड/कॉलम को खाली नहीं छोड़ा जा सकता, वहां पर null डाल दिया जाता है। null एक स्वतंत्र data type है। (जिस field में primary key बनाते हैं उसमें null वैल्यू नहीं डाल सकते हैं।)

4. Data independency (डेटा स्वतंत्रता) – डीबीएमएस में भौतिक एवं लॉजिकल दोनों डेटा एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।

इसको ऐसे समझ सकते हैं कि – भौतिक डेटा = जो हमने डेटाबेस तैयार कर लिया है उसको सेकेंडरी मेमोरी में save कर देते हैं, अब यदि लॉजिकल डेटा मतलब एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में हम कोई परिवर्तन भी करते हैं तो हमारा save किया हुआ डेटा सुरक्षित रहेगा।

5. Backup & Recovery – DBMS, डेटा के रेगुलर बैकअप की सुविधा प्रदान करता है, तथा यदि किसी कारणवश सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर में कोई तकनीकी समस्या हो भी जाती है तो recovery method द्वारा डेटा को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।

6. Security – DBMS में डेटा, अनेक प्रकार के यूजर्स द्वारा एक्सेस किया जा सकता है, इसलिए डेटाबेस की सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके लिए DBMS का main user – DBA प्रत्येक प्रकार के यूजर्स के लिए access rights निर्धारित करता है। इसका मतलब यह है कि DBA यह निर्धारित कर देता है कि कौन-कौन से यूजर्स डेटा को केवल read कर पाएंगे और कौन-कौन से यूजर्स read, delete, update आदि कर सकते हैं। इसी तरह अन्य प्रकार के अधिकार भी DBA द्वारा प्रदान किये जाते हैं और जरूरत होने पर यूजर्स को प्रदान किए गए अधिकार वापस (revoke) भी ले लिए जाते हैं DBA के द्वारा ही। साथ ही DBA यह भी निर्धारित करता है कि डेटाबेस का कितना हिस्सा, users एक्सेस कर सकते हैं।

इसके अलावा सिक्योरिटी फीचर्स के रूप में यह यूजर-ऑथेंटिकेशन की सुविधा प्रदान करता है अर्थात यूजर को डीबीएमएस को एक्सेस करने के लिए यूजर-आईडी और पासवर्ड को इंटर करना पड़ता है।

7. Multi-user Interface – DBMS अपने प्रत्येक प्रकार के यूजर्स के लिए भिन्न-भिन्न यूजर-इंटरफेस प्रदान करता है –

DBMS के users –

  • Data entry operator
  • General Users (सामान्य यूजर)
  • Programmer
  • DBA (Database Administer)

8. Multi-user support – DBMS एक साथ अनेक यूजर्स को डेटा एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करता है।

9. Concurrency control – DBMS का एक बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर कॉन्करंसी मैनेजमेंट है अर्थात यह कई users को समान समय पर, समान data को read करने, परिवर्तित करने एवं अपडेट करने आदि करने की सुविधा प्रदान करता है। प्रत्येक यूजर को ऐसा महसूस होता है कि यह सॉफ्टवेयर केवल उनके लिए ही काम कर रहा है।

10. Data Integrity – डाटा इंटीग्रिटी का तात्पर्य – data के विश्वसनीयता व अखंडता से है। इसके लिए DBMS, यूजर को fields में checks, constraint एवं validation लगाने की सुविधा प्रदान करता है। इन एलिमेंट्स को फील्ड्स/कॉलम में apply कर देने से, डेटाबेस गलत एंट्री को स्वीकार नहीं करता है।

11. Redundancy control – DBMS डेटाबेस में डेटा की redundancy अर्थात डुप्लीकेशन को रोकता है।

 

Area of Application of DBMS

Banking Sector – Banks अपने ग्राहकों के अकाउंट्स (खातों), अकाउंट्स में किए गए ट्रांजैक्शंस, लिए गए loans, EMI, ATM cards, credit cards आदि की जानकारी को स्टोर व मैनेज करने के लिए DBMS का प्रयोग करते हैं।

DBMS डेटा स्टोर करने के साथ ही, ट्रांजैक्शंस के स्टेटमेंट तैयार करने, बैंक के products की इनफार्मेशन प्रदान करने, आदि कार्यों को भी संचालित करता है।

Education – Students, fees, results, faculty, library के books, courses, alumni आदि की जानकारी रखने हेतु।

Health care – अस्पताल के विभिन्न विभाग, पेशेंट के रिकार्ड्स, डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ के रिकार्ड्स, उपलब्ध सुविधाएं, charges आदि के रिकॉर्ड को रखने हेतु।

Telecommunication industry – अपने branches की जानकारी, ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सुविधा की जानकारी, customers के records, customers द्वारा किये जाने वाले call-records, bills, recharges, offers, balance आदि की जानकारी रखने हेतु करते हैं।

Human resource – कर्मचारियों की जानकारी, उनकी सैलरी, टैक्स, जीपीएफ एवं अन्य लाभ का रिकॉर्ड, छुट्टी, अनुपस्थित, नए कर्मचारियों की भर्ती, पुराने कर्मचारियों के प्रमोशन, रिटायरमेंट आदि की जानकारी को व्यवस्थित करने हेतु।

Sales Department – customers के प्रकार, products, discount, offers, बिके हुए products, demand किये गए product, monthly sales आदि की जानकारी रखने के लिए।

Reservation system – airline एवं railway रिजर्वेशन सिस्टम में DBMS का उपयोग यात्रियों के रिकॉर्ड रखने के लिए, यात्रा का भाड़ा, यात्रा की डेट, यात्रा करने का समय, उपलब्ध सीटों के आधार पर सीट का वितरण एवं सीट नंबर, सीट की श्रेणी, कौन सी हवाई जहाज या ट्रेन कहां जाएगी आदि का डेटा मेंटेन करने के लिए DBMS का प्रयोग होता है।

Customer care industry – कस्टमर केयर इंडस्ट्री, जिस भी तरह के ग्राहकों को सर्व करतीं हैं उनसे संबंधित ग्राहकों का एक विशाल डेटाबेस, DBMS द्वारा मैनेज किया जाता है। कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव्स ग्राहकों के इस डेटाबेस का उपयोग करके, ग्राहकों की हेल्प करते हैं।

Government – सभी सरकारी कर्मचारियों की लिस्ट, उनके वेतन, नौकरी ज्वाइन करने की तिथि, रिटायर होने की तिथि, जनगणना द्वारा देश के समस्त नागरिकों की जानकारी, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी, योजना के लिए पात्र एवं अपात्र व्यक्तियों की सूची, मतदान के लिए वोटर की लिस्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली, पानी आदि के खपत के बिल एवं भुगतान की जानकारी, सभी प्रकार के टैक्स की जानकारी एवं अन्य सरकारी योजनाओं, कामकाज की जानकारी के विशाल data को DBMS द्वारा ही मैनेज व कंट्रोल किया जाता है।

डीबीएमएस की मदद से ही विभिन्न सरकारी विभाग, अपने अलग-अलग प्रकार के users को उनके जरूरत व अधिकार के आधार पर संबंधित डेटाबेस को एक्सेस करने की अनुमति प्रदान करते हैं। उदाहरण – जब हमें bank इंटरनेट-बैंकिंग प्रदान करता है तो हम केवल अपने अकाउंट में login करके सिर्फ अपने ही अकाउंट की इनफार्मेशन को एक्सेस कर पाते हैं अन्य अकाउंट होल्डर की नही।  जबकि बैंक के कर्मचारी, उस बैंक अथवा बैंक के ब्रांच के सभी account holders की जानकारी व लेन-देन को एक्सेस व मैनेज कर पाते हैं।

इसी तरह DBMS की मदद से प्रत्येक प्रकार के उपयोगकर्ता को अलग-अलग तरह के अधिकार प्रदान किये जा सकते हैं उनकी आवश्ययकता के आधार पर।

Hotel Industry –

इसी तरह होटल इंडस्ट्री भी अपने होटल की संपूर्ण इनफॉरमेशन जैसेकि – कस्टमर की जानकारी, होटल में उपलब्ध कमरों के प्रकार, खाली व भरे हुए कमरों की संख्या, कमरों का किराया, भोजन की सूची, आदि की जानकारी को मैनेज करने के लिए DBMS का ही प्रयोग करतें हैं।

 

सभी प्रकार के छोटे-बड़े संस्थान या सामान्य यूजर, अपने डेटा को सुव्यवस्थित रूप से मैनेज करने के लिए DBMS का ही प्रयोग करते हैं। समस्त computer users किसी न किसी रूप में DBMS का उपयोग निश्चित रूप से करते हैं। चूँकि किसी भी प्रकार का data हो, उसका रख-रखाव व प्रबंधन डीबीएमएस द्वारा ही किया जाता है।


अन्य Application software

DTP – Desktop Publishing

डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि मेज के ऊपर रखे सामग्रियों व उपकरणों द्वारा आकर्षक व उच्च गुणवत्ता का प्रकाशन। अर्थात डेस्कटॉप पब्लिशिंग का अर्थ हुआ – टेबल पर रखे कंप्यूटर व प्रिंटर की मदद से प्रकाशन (पब्लिशिंग) का कार्य करना।

अत: डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर वे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं, जिनकी मदद से कंप्यूटर द्वारा उच्च गुणवत्ता की प्रकाशन सामग्री, कम कीमत व काफी कम समय में डिजाइन, प्रिंट व शेयर की जा सकती है।

इस सॉफ्टवेयर द्वारा कोई भी प्रकाशन सामग्री डिजाइन करने के लिए पहले से बनाए गए (pre-defined) template का चुनाव कर सकते हैं और आवश्यकता अनुसार संशोधन भी कर सकते हैं। या फिर हम ब्लैंक डॉक्यूमेंट लेकर समस्त डिजाइन खुद ही कंपोज कर सकते हैं।

अपनी खुद की डिजाइन तैयार करने के लिए सबसे पहले ब्लैंक डॉक्यूमेंट (खाली पेज) लेते हैं इसके बाद जरूरत के आधार पर टेक्स्ट, ग्राफिक्स (picture, clipart, logo, table, shapes, drawing) एवं अन्य तत्वों को निश्चित स्थान पर शामिल करते हैं, डिजाइन तैयार होने के बाद उसे मेमोरी में सेव कर सकते हैं इसके बाद हाई रेजोल्यूशन आउटपुट डिवाइस प्रिंटर द्वारा प्रिंट कर लिया जाता है। साथ ही इन डिजाइन वाले documents को डिजिटल माध्यम से कम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर की मदद से कई लोगों को शेयर भी कर सकते हैं।

परम्परागत पुरानी पद्धति द्वारा DTP का कार्य करने में बहुत ही ज्यादा समय लगता था और यह एक काफी कठिन कार्य होने के साथ ही उच्च गुणवत्ता भी प्रदान नहीं करता था। पर डीटीपी सॉफ्टवेयर के आने के बाद पब्लिशिंग का कार्य बहुत ही आसान, काफी कम कीमत व कम समय में संभव हो चुका है। इसके अलावा डीटीपी सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार की जाने वाले सामग्री की क्वालिटी गजब की व आकर्षक होती है।

 

DTP software के उदाहरण

कुछ प्रसिद्ध DTP software निम्नलिखित हैं  –

  • Adobe Page maker
  • Microsoft Publisher
  • Adobe Photoshop
  • Corel draw
  • QuarkXPress
  • Adobe InDesign
  • Corel VENTURA
  • Adobe Illustrator
  • Microsoft word आदि।

 

Uses of DTP  – डीटीपी सॉफ्टवेयर का उपयोग

डीटीपी सॉफ्टवेयर का उपयोग  निम्नलिखित तत्वों को डिजाइन करके प्रिंट या शेयर करने के लिए किया जाता है –

1. Advertisement में विभिन्न विज्ञापन सामग्रियों को बनाने के लिए जैसे –

  • लिफ्लेट
  • पम्पलेट
  • फ्लेक्स
  • स्टीकर
  • पोस्टर
  • बैनर
  • ब्रोशर (Brochures)
  • कैलेंडर
  • न्यूजलेटर

2. न्यूज़ पेपर

3. बुक एवं मैगजींस

इसके अलावा विजिटिंग कार्ड, ग्रीटिंग कार्ड, विवाह कार्ड, अन्य आमंत्रण कार्ड आदि भी डीटीपी सॉफ्टवेयर के प्रयोग द्वारा ही डिजाइन व प्रिंट किए जाते हैं।


 

Communication software

Communication software वे application s/w होते हैं जिनकी मदद से दो या दो से अधिक व्यक्तियों अथवा उपकरणों के मध्य सूचना का आदान – प्रदान होता है।

Exchange की जाने वाली सूचना voice, text, image, audio, video, numeric data, animation आदि के रूप में हो सकती है या फिर इनमें से सभी या कुछ के कॉम्बिनेशन अर्थात मल्टीमीडिया के रूप में हो सकती है।

Communication application software के उदाहरण –

Messaging apps – Yahoo Messenger, WhatsApp, Facebook Messenger, Telegram

Email clients – Gmail, Microsoft Outlook, Apple Mail, Yahoo mail

Video conferencing tools – Zoom, Microsoft Teams, Cisco Webex, Google meet

Collaborative platforms – Google Meet, Microsoft Teams, Asana

Social Media Platforms – Facebook, Twitter, Linked In, Instagram


 

Educational s/w

Educational software वे computer program या application software होते हैं जिनकी मदद से students व learner कुछ सीखते या पढ़ते हैं और teacher, टीचिंग को कार्य कर सकते हैं।

ये सॉफ्टवेयर – educational games, quizzes, challenges, digital textbook, videos आदि के माध्यम से लोगों को educate करते हैं।

उदाहरण – Google classroom, Quizlet, YouTube, Amazon Kindle (e-book reading), Adobe Digital edition, Apple books, Google play books, courser, Edx, Codecademy, Grammarly, Toonly – (for creating educational animation) आदि।

(वर्तमान समय में education व learning के लिए सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म व सॉफ्टवेयर YouTube है।)


 

Graphics and Multimedia 

ग्राफिक्स एवं मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर वे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं जिनकी मदद से विजुअल एवं मल्टीमीडिया कंटेंट को क्रिएट, एडिट, व मैनेज किया जा सकता है। यह सॉफ्टवेयर प्राप्त हुए आउटपुट को विभिन्न फॉर्मेट में एक्सपोर्ट या सेव करने की परमिशन देते हैं।

कुछ प्रसिद्ध ग्राफिक्स application s/w निम्नलिखित हैं जिनकी मदद से image एवं अन्य graphical elements को create, edit आदि किया जा सकता है –

  • Adobe Photoshop
  • Corel Draw
  • Ms Paint
  • Canva
  • Microsoft Picture
  • GIMP (GNU Image Manipulation Program) – free एवं open source software

 

कुछ प्रसिद्ध मल्टीमीडिया एप्लीकेशंस सॉफ्टवेयर निम्नलिखित हैं जिनकी मदद से विभिन्न मीडिया कंटेंट जैसेकि – टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, ऑडियो एवं एनीमेशन आदि के कॉन्बिनेशन को क्रिएट, एडिट एवं अन्य तरह से मैनिपुलेट किया जा सकता है –

  • Adobe Premiere Pro – video editing के लिए।
  • Wondershare filmora – video editing के लिए।
  • Camtasia – video editing software
  • Audacity – Audio editing एवं recording के लिए।
  • Windows movies maker (basic video editing tool)

 

इनके अलावा कुछ प्रसिद्ध कंपनियां एक कंपलीट पैकेज भी ऑफर करतीं हैं मतलब suite of tools (group of programs)

ये पैकेज (suite) कई Application programs का समूह होते हैं, जिनमें

  • graphics design एवं editing program,
  • audio एवं video editing program,
  • screen recording program,
  • audio recording एवं production program
  • और audio व video को विभिन्न format में convert करने के लिए programs आदि उपलब्ध होते हैं।

उदाहरण

  • Corel DRAW Graphics suite
  • Affinity suite
  • Movavi Unlimited

 

Business Accounting या Accounting package / Accounting software

अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर वे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं, जिनकी मदद से किसी बिजनेस के financial transactions और accounting records को मैनेज किया जा सकता है।

ये सॉफ्टवेयर book keeping एवं फाइनेंशियल-मैनेजमेंट का कार्य बड़ी ही कुशलता से करते हैं।

इस सॉफ्टवेयर के द्वारा income और expenses का रिकार्ड (आय और व्यय का ब्यौरा), assets और liabilities को ट्रैक करना, invoicing, taxation, inventory management, payroll processing, financial reports जैसेकि – balance sheets, profit and loss account, income statement एवं financial statement जनरेट करना आदि कार्य किए जा सकते हैं।

उदाहरण –

  • Tally (टैली)
  • Quick Books
  • Xero
  • Zoho Books
  • NetSuite आदि।

Tally (टैली) – सभी साइज के बिजनेस के लिए भारत में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में से एक है।


 

MIS 

MIS का पूरा नाम – मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (Management Information System) है। यह कई application software का समूह होता है जो किसी भी organization के information system को मैनेज करता है।

MIS, इनपुट के रूप में किसी आर्गेनाइजेशन के इंटरनल व एक्सटर्नल सोर्सेस से डेटा को कलेक्ट व स्टोर करता है। कलेक्ट किए गए डेटा को प्रोसेस करता है और प्रोसेसिंग के बाद आउटपुट के रूप में एक्यूरेट-इनफॉरमेशन प्रदान करता है, प्राप्त हुई इन इनफॉरमेशन का उपयोग किसी ऑर्गेनाइजेशन का मैनेजमेंट, डिसीजन लेने, रिसोर्स की प्लानिंग करने एवं अन्य मैनेजीरियल फंक्शंस के लिए करता है।

सामान्यतः MIS – DBMS, Business Intelligence software (BI software), Reporting tools, Analytics s/w, Accounting s/w, DSS (Decision Support system) और अन्य दूसरे application s/w जैसे कि word processing, spread sheet program आदि की मदद लेता है, data के collection, storing, processing एवं information को प्रस्तुत करने के लिए।


 

Gaming Software

गेमिंग सॉफ्टवेयर वे कंप्यूटर प्रोग्राम या एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं जो वीडियो गेम को बनाने, विकसित करने और खेलने की सुविधा प्रदान करते हैं।

वीडियो गेम development software के उदाहरण निम्नलिखत हैं –

  • Unreal Engine
  • Unity
  • Render ware
  • Blender
  • Game Make Studio
  • Xbox Live
  • Steam आदि।

प्रसिद्ध video games के उदाहरण –

  • “Call of Duty” series
  • “Final fantasy” series
  • The Legend of Zelda: Breath of the wild
  • PUBG (Player Unknown’s Battlegrounds)
  • Minecraft
  • Fortnite
  • “The Sims” series
  • “SimCity”
  • “Hollow knight” आदि।

 

ERP s/w

ERP का पूरा नाम – Enterprise Resource Planning है।

ERP application s/w एक सम्पर्ण business management s/w suite या package है, जिसकी मदद से किसी आर्गेनाइजेशन के कई विभाग के कार्य क्षेत्रों जैसेकि – finance, human resources, manufacturing, procurement एवं supply chain आदि को मैनेज किया जा सकते हैं।

इस सॉफ्टवेयर की मदद से आर्गेनाइजेशन के संपूर्ण डेटा को सेंट्रलाइज्ड (DBMS में store) कर दिया जाता है ताकि सभी विभाग आपस में डेटा का आदान-प्रदान कर सकें, अपडेट कर सकें एवं real time information प्राप्त कर सकें, जिससे ऑर्गनाइजेशन के सभी विभाग आपस में व्यवस्थित ताल-मेल बिठा पाते हैं।

ERP s/w के उदाहरण –

  • Oracle ERP Cloud
  • Microsoft Dynamics 365
  • SAP ERP
  • Net Suite
  • ODoo
  • Epicor ERP
  • Work day आदि।

 

Statistical software Package -सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर पैकेज

सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर पैकेज, कंप्यूटर प्रोग्राम का एक suite (package) है, जिनकी मदद से डेटा का statistical analysis (सांख्यिकीय विश्लेषण) किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर-पैकेज की मदद से डेटा का collection, organization, analysis एवं interpretation कर उचित इनफॉरमेशन प्राप्त की जाती है।

साथ ही यह प्राप्त हुए output/information/result को विभिन्न format (जैसेकि- chart, graph, table, Numerical Result) आदि में प्रस्तुत कर report तैयार करने में मदद करता है।

उदाहरण –

  • SPSS
  • R
  • SAS
  • Python
  • WINKS
  • AMOS
  • SYSTAT
  • एवं spread sheet s/w का उपयोग भी statistical analysis करने में किया जाता है।

 

सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर पैकेज के उपयोग

  • इस साफ्टवेयर का उपयोग हर प्रकार की researches में data को analyze करके report तैयार करने में किया जाता है।
  • वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च रिपोर्ट तैयार करने में।
  • विद्यार्थियों/शोधकर्ताओं द्वारा रिसर्च पेपर तैयार करने में।
  • विभिन्न बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन market research, financial analysis, forecasting, customer relationship management (CRM) आदि के लिए विभिन्न प्रकार के डेटा का विश्लेषण करने में इस सॉफ्टवेयर पैकेज का उपयोग करते हैं।
  • सरकार – Census data analysis, Economic analysis, Public Health Research, Crime analysis, Labour Market analysis, BPL analysis, public opinion research आदि कार्यों के लिए डेटा का विश्लेषण करने के लिए स्टैटिस्टिकल सॉफ्टवेयर का प्रयोग करती है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिये जाते हैं।


I hope, आपको यह आर्टिकल – “एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है – What is Application software in Hindi” – पसंद आया होगा।

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