Examples of viruses in Computer sceince – कम्प्यूटर वायरसों के उदाहरण
(आई लव यू) ILOVEYOU –
यह एक प्रसिद्ध वायरस (computer worm) था जो कि 2000 में प्रकट हुआ और यह email के माध्यम से फैलता था। इस वायरस का subject line ( विषय रेखा)- “ILOVEYOU” थी और इसमें एक हानिकारक attachment रहता था, जब इस attachment को खोला जाता था तो यह विभिन्न प्रकार की files को overwrite कर देता था और contact list में जोड़े गए व्यक्तियों के email address पर स्वंय की प्रतियॉं भेज देता था, जिससे यह virus दूसरों के computer में भी पहुँच जाता था। यह वायरस visual basic script language का प्रयोग करके onel de guzman के द्वारा बनाया गया था। और windows operating system, ms word और ms outlook को प्रभावित करता था।
यह वायरस Love bug अथवा Love Letter के नाम से भी जाना जाता है।
Virus name – ILOVEYOU
Type – Computer Worm
Spread through – Email
Email attachment name – “LOVE-LETTER-FOR-YOU.TXT.vbs
Developer name – Onel de guzman (ओनेल डी गुज़मैन)
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मेलिसा (Melissa) –
मेलिसा एक मैक्रो वायरस है जो कि 1999 में प्रकट हुआ।
Type – Macro virus
Function – Mass mailing
Developer – David Lee Smith
यह वायरस window operating system को टारगेट करता था और window os में इंन्साट MS Word के document को संक्रमित करता था और user द्वारा Microsoft Outlook में बनायी गयी contact list में से प्रथम 50 users को mail भेज देता था, अर्थात् यह वायरस email के द्वारा अन्य computers को संक्रमित करता था।
इन emails में word document (.doc) अटैचमेंट के रूप में होता था और इस अटैचमेंट का नाम होता था – “list.doc”
एवं email का title होता था – “Important Message From,” – (current user name) और जब इस email को open करते थे तो इसके अन्दर body में लिखा रहता था “Here is that document you asked for. Don’t show anyone else;” जो कि pornographic sites की लिस्ट तथा प्रत्येक site में login करने के लिए user id व password प्रदर्शित करता था।
Note – Microsoft Outlook – MS Office की एक emailing service है।
क्रिप्टोलॉकर (Crypto locker) –
एक प्रकार का रैंसमवेयर वायरस था जो कि 2013 में प्रकट हुआ। उपयोगकर्ता की महत्वपूर्ण व गोपनीय files को encrypt (encode) कर देता था और files को दोबारा decrypt (decode) करने के लिए decryption key के बदले में user से एक ransom money की demand करता था।
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माइडूम (Mydoom) –
माइडूम एक warm है जो 2004 में प्रकट हुआ। यह email attachment के माध्यम से फैलता है और windows os को प्रभावित करता है। इसके द्वारा जब कोई computer संक्रमित हो जाता है तो वह संक्रमित कम्प्यूटर ही जांबी बन जाता है और यह खुद ही अपनी memory में संग्रहित address book के emails पर virus को भेजता है।
यह माइडूम वायरस, Novarg के नाम से भी जाना जाता है।
यह वायरस email communication को प्रभावित करता है औरऔर कई authentic users को websites की सेवा लेने से रोक देता है।
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कॉनफिकर (Conficker) –
यह भी एक वार्म है जो कि 2008 में प्रकट हुआ। यह अपना टारगेट Microsoft Windows OS को बनाता है और इस OS की कमजोरियों का लाभ उठाकर पूरे नेटवर्क में फैल जाता है।
कोड रेड (Code Red) –
यह वायरस 2001 में प्रकट आस्तित्व में आया और इसका टारगेट Microsoft IIS Web Server था।
स्टार्म वार्म (Storm Worm) –
यह एक ट्रोजन हॉर्स था जो कि 2007 में प्रकट हुआ और email attachment के माध्यम से फेलता था।
सेसर (Sasser) –
यह एक वार्म है जो 2004 में अस्तित्व में आया और इसका टारगेट Windows XP और Windows 2000 था। यह वायरस computer system को क्रैश कर देता था।
यह विद्यार्थियों को समझना जरूरी है कि ऊपर बताये गये उदाहरण पिछले समय के हैं और computer virus और malware का स्वभाव व विशेषताऍं निरंतर बदलती रहती हैं। आधुनिक वायरस की विशेषताऍं व क्षमताऍं भिन्न हो सकती हैं।
नए वायरसों और मैलवेयर को नियमित रूप से खोजा जाता है। अत: अपने computer और data की सुरक्षा के लिए, आपको अपने computer के software और operating system को अपडेट रखना और अच्छे एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ्टवेयर को उपयोग करना अति आवश्यक है।
आज के समय में जो Windows Operating System (Windows OS) के नए संस्करण आ रहे हैं उनके साथ अपको, कोई भी अलग से एंटीवायरस सॉफ्टवेयर install करने की जरूरत नही होती है क्यों इन Operating System के साथ, ऑलरेडी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, यूटीलिटी प्रोग्राम के रूप में उपलब्ध होता है, जो कि पूरी तरह से आपके computer system को virus से सुरक्षित रखता है। लेकिन इसके आपको अपने computer के operating system को नियमित रूप से update करते रहना पड़ेगा। और साथ ही नियमित रूप से अपडेट करते रहने के लिए आपका operating system लाइसेन्सी होना चाहिए। अर्थात OS पायरेटेड नही होना चाहिए बल्कि जैनुइन(original) होना चाहिए।
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I hope, आपको यह आर्टिकल -कम्प्यू्टर वायरस क्या है – कम्प्यूटर वायरस के उदाहरण – Examples of Computer viruses – जरूर पसंद आया होगा।
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